नोएडा के सेक्टर 93-ए में 32 मंजिला सुपरटेक ट्विन टावर्स (Supertech Twin Towers) को गिराने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के करीब 20 महीने बाद, अधिकारियों ने आखिरकार इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है. 22 मई को विवादित बिल्डिंग को गिराने की तारीख तय की गई है, वहीं 20 फरवरी को स्टेकहोल्डर्स के द्वारा जारी एनओसी के रिव्यू की प्रक्रिया शुरू होनी तय हुई थी. आइए जानते हैं कि पूरी तरह से यह बिल्डिंग कब गिराई जाएगी, इसकी प्रक्रिया क्या?
डिमोलिशन के दौरान कौन से एहतियाती कदम उठाए जाने की जरूरत होगी?
टॉवर गिराए जाने से पहले ये कदम उठाए जाएंगे...
आस-पास के अपार्टमेंट एटीएस विलेज एंड एमराल्ड कोर्ट में रहने वाले लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर कदम
बिल्डिंग्स का स्ट्रक्चरल एनालिसिस
इस दौरान होने वाले नुकसान के लिए इंश्योरेंस कवर
साइट पर धूल को कम करने के लिए वाटर स्प्रिंकलर का उपयोग, जिससे धूल से एलर्जी, अस्थमा और सांस लेने की अन्य समस्याओं वाले रोगियों को कोई समस्या न हो.
डिमोलिशन की प्रक्रिया क्या होगी?
अगले 3 महीनों में डिमोलिशन किए जाने से पहले जरूरी तैयारी की जानी है.
खिड़कियों और दरवाजों को हटाने और ईंट से संबंधित काम.
विस्फोटकों को सेट करने के लिए दीवारों में ड्रिलिंग मशीन से होल करने का कार्य.
विस्फोटक कब तक चलाए जाएंगे?
अधिकारियों के मुताबिक 22 मई को विस्फोटकों का इस्तेमाल किया जाएगा. डिमोलिशन कंपनी का कहना है कि बिल्डिंग को नीचे गिराने में लगभग 6-8 सेकेंड का समय लगेगा. हालांकि बिल्डिंग गिरने के बाद उठी हुई धूल को शांत होने में अधिक समय लग सकता है.
कितना वक्त लगेगा यह बताया जाना अभी बाकी है.
मलबा कब तक हटाया जाएगा?
ट्विन टॉवर डिमोलिशन की तारीख 22 मई तय की गई है. इसके बाद दो से तीन महीनों में मलबा हटाया जाना है.
साइट से मलबे को कैसे हटाया जाएगा?
कंन्सट्रक्शन एंड डिमोलिशन (C&D) के नियमों के मुताबिक मलबे को हटाया जाएगा.
आस-पास के अपार्टमेंट के निवासियों की सुरक्षा के लिए क्या उपाय किए जाएंगे?
डिमोशल से पहले, उसके दौरान और बाद की देखभाल के लिए कुछ मूल्यांकन करने की आवश्यकता होगी.
डिमोलिशन की प्रक्रिया
सुरक्षा उपाय
साइट को खाली करना
आस-पास के अपार्टमेंट के निवासी क्यों चिंतित हैं?
एटीएस विलेज और सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट टावर, ट्विन टॉवरों से केवल 9 मीटर दूर हैं और वहां पर रहने वाले लोग चिंतित हैं कि डिमोलिशन के वक्त बिल्डिंग्स में स्ट्रक्चरल डैमेज हो सकता है.
डिमोलिशन से संबंधित फैसले लेने की प्रक्रिया में सभी स्टेकहोल्डर्स कौन हैं?
पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड
फायर डिपार्टमेंट
एक्सप्लोसिव डिपोर्टमेंट
गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (GEL)
पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (PVVNL)
सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (CBRI)
रुड़की पुलिस
एमराल्ड कोर्ट
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