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नवरोज 2020| पारसी नववर्ष शुरू, PM मोदी और उपराष्ट्रपति ने दी बधाई

जानिए किस तरह मनाया जाता है पारसी समुदाय का नववर्ष- नवरोज

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आज पारसी समुदाय के नये साल की शुरुआत हो चुकी है. इस मौके पर मनाए जाने वाले नवरोज को पूरा समुदाय उत्साह के साथ मना रहा है. इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू समेत कई नेताओं ने समुदाय को नवरोज की बधाईयां दीं. साथ में कोरोना के चलते त्योहार को घर पर ही मनाने की अपील भी की.

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प्रधानमंत्री मोदी ने ट्विटर पर लिखा, "नवरोज मुबारक! पारसी नववर्ष की शुभकामनाएं. भारत में पारसी समुदाय का कई अहम क्षेत्रों में बड़ा योगदान है. मैं प्रार्थना करता हूं कि आने वाला साल सभी की जिंदगी में शांति और खुशहाली लेकर आए."

वहीं उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने लिखा, "पारसी नव वर्ष के उल्लासमय अवसर पर पारसी बहनों-भाइयों को हार्दिक शुभकामनाएं. यह वर्ष आपके और आपके स्वजनों के लिए खुशियां, स्वास्थ्य और समृद्धि लाए. पारसी समुदाय ने देश के सम्मान और समृद्धि में अभिनंदनीय योगदान दिया है."

नायडू ने आगे लिखा, "पारसी समुदाय भारत की सांस्कृतिक विविधता का अभिन्न अंग रहा है... जिसने हमारी सांस्कृतिक विरासत में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए नवरोज घर पर ही रहकर मनाएं. सावधान रहें, सुरक्षित रहें, स्वस्थ्य रहें."

नवरोज यानी पारसी न्यू ईयर वाले दिन लोगों का घर में आना-जाना और बधाइयों का सिलसिला चलता है. इस खास दिन पर पारसी समुदाय के लोगों के घरों में तरह-तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं. साथ ही घर आने वाले मेहमानों को मीठे में फालूदा खिलाया जाता है. पारसी समाज में नया साल आज भी पारंपरिक तरीके से मनाया जाता है.

Nowruz 2020: नए साल से पहले 5 दिन होती है ‘गाथा’

पारसियों में 1 साल 360 दिन का और 5 दिन गाथा के लिए होते हैं. गाथा का मतलब है अपने पूर्वजों को याद करने का दिन. साल खत्म होने के ठीक 5 दिन पहले पूर्वजों को याद किया जाता है. इसका भी एक खास तरीका है. सुबह 3.30 बजे से इसके लिए खास पूजा-अर्चना की जाती है. पारसी लोग चांदी या स्टील के पात्र में फूल रखकर अपने पूर्वजों को याद करते हैं.

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