नागरिकता संशोधन अधिनियम का देश भर में विरोध हो रहा है. खुद एनडीए की पार्टियों ने केंद्र सरकार से सवाल पूछने शुरू कर दिए हैं. अब बीजेपी ने लोगों के बीच जाकर कानून के बारे में लोगों को बताने की मुहिम शुरू की है.
इस बीच वरिष्ठ पत्रकार गुरदीप सप्पल ने कुछ सवाल उठाए हैं, जिनपर जनता को सरकार या उनसे संपर्क करने वाले प्रतिनिधियों से जवाब लेने चाहिए. स्वराज इंडिया के योगेंद्र यादव ने भी इसे रीट्वीट किया है.
- NRC में अगर नाम या कोई और जानकारी वहां बैठे बाबू ने गलत लिख दी. या गलत टाइप कर दी. तो क्या होगा? क्या वो गलती ठीक होने तक नागरिकता खत्म कर दी जाएगी?
- जो लोग या बच्चे 1987 के बाद पैदा हुए और अगर उनके मां बाप के पास जन्म तिथि/ जन्मस्थान का प्रमाण नहीं है, उनकी नागरिकता कैसे साबित होगी? क्योंकि कानून में उनकी नागरिकता के लिए मां और बाप दोनों को प्रमाणित नागरिक होना चाहिए.
जो लोग या बच्चे 2003 के बाद पैदा हुए हैं और अगर उनके मां बाप के पास जन्म तिथि/ जन्मस्थान का प्रमाण नहीं है, उनकी नागरिकता कैसे साबित होगी? क्योंकि कानून में उनकी नागरिकता के लिए मां या बाप में से एक प्रमाणित नागरिक होने चाहिये और दूसरा अवैध घुसपैठिया नहीं होना चाहिए.
- क्या सरकार गारंटी देगी कि NRC के दौरान, जब पूरे देश में लोग कागज इकट्ठा करेंगे, जमा करेंगे, तो कोई अफरातफरी नहीं मचेगी? देश की अर्थव्यवस्था तरक्की करेगी और शांति व्यवस्था रहेगी. ये जरूरी है क्योंकि देश नोटबंदी, GST में विश्वास कर वायदों को गलत होते देख चुका है.
बता दें 1987 और 2003 के बीच पैदा हुए लोगों के मां या पिता नागरिक होने चाहिए. 2003 के बाद पैदा हुए लोगों के मां और पिता दोनों नागरिक होने चाहिए. यदि सिर्फ एक पेरेंट नागरिक है, तो दूसरा अवैध प्रवासी नहीं होना चाहिए.
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