पैगंबर मुहम्मद के बारे में बीजेपी नेताओं की विवादास्पद टिप्पणियों के बाद केंद्र सरकार इस्लामिक दुनिया में अपने सहयोगी देशों को शांत करने की कोशिश करने के लिए मजबूर हो गयी है. इसी कोशिश में रविवार, 5 मई को बीजेपी ने अपनी प्रवक्ता नूपुर शर्मा को सस्पेंड (Nupur Sharma Suspend) कर दिया जबकि दिल्ली इकाई के मीडिया प्रमुख नवीन जिंदल को पार्टी से निकाल दिया.
सऊदी अरब, कुवैत, कतर, ओमान और UAE जैसे अरब या खाड़ी देशों के साथ-साथ ईरान ने भारत सरकार के सामने आधिकारिक विरोध दर्ज कराया है.
कतर और कुवैत ने तो यहां तक कहा कि उन्हें भारत से इस संबंध में सार्वजनिक माफी की उम्मीद है. बदले में भारत सरकार को यहां तक कहना पड़ा कि कुछ "अशिष्ट तत्वों" की टिप्पणियां भारत सरकार के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं.
विवाद के इस पूरे एपिसोड में कई आलोचक यह भी कह रहे हैं कि जो सरकार देश के मुस्लिम आबादी के विरोध को पिछले 10 दिन से नहीं सुन रही थी वो अब खाड़ी देशों के विरोध के बाद अपने ही नेताओं पर एक्शन ले रही है. ऐसे में सवाल है कि मिडिल ईस्ट एशिया में स्थित ये मुस्लिम देश भारत के लिए इतना महत्व क्यों रखते हैं? जानिए भारत के लिए खाड़ी देशों का आर्थिक, भूराजनीतिक और सांस्कृतिक महत्व.
खाड़ी देश में भारत का बहुत कुछ दांव पर
आर्थिक
गल्फ कोऑपरेशन कौंसिल (GCC), जिसमें कुवैत, कतर, सऊदी अरब, बहरीन, ओमान और UAE शामिल हैं- के साथ भारत का व्यापार वित्तीय वर्ष 2020-21 में 87 बिलियन डॉलर का था. इन देशों में लाखों भारतीय प्रवासी रहते हैं, काम करते हैं और कमाकर लाखों डॉलर भारत में वापस भेजते हैं. यह क्षेत्र भारत के ऊर्जा आयात (एनर्जी इम्पोर्ट) का सबसे बड़ा स्रोत भी है.
भारत में दुनिया की सबसे बड़ी प्रवासी आबादी है. भारत के बाहर रहने वाली सबसे अधिक भारतीय आबादी UAE में है. वास्तव में भारतीय UAE की आबादी का 30% हिस्सा हैं. भारत लगातार दुनिया में प्रवासियों द्वारा भेजे धन का सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता बना हुआ है. 2021 में भारत को इस माध्यम से 87 बिलियन डॉलर से अधिक प्राप्त हुआ.
प्रवासियों द्वारा भेजा गया पैसा भारत की जीडीपी का आज लगभग 3.1% है जो 1980 में केवल 1.45% था. इनमें से अधिकांश धन अमेरिका, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कुवैत, कतर और ओमान से आते हैं.
भारत ने UAE के साथ एक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं और गल्फ कोऑपरेशन कौंसिल (GCC) के साथ अधिक व्यापक समझौते के लिए बातचीत कर रहा है. UAE और सऊदी अरब भारत के क्रमशः तीसरे और चौथे सबसे बड़े व्यापारिक भागीदार देश हैं.
भू-राजनीतिक महत्व
नवंबर 2008 में मुंबई पर पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित हमले ने दोनों क्षेत्रों के साझा खतरे की पुष्टि की. इस हमले ने GCC और भारत को पाकिस्तान द्वारा पोषित चरमपंथी तत्वों से खतरे को उजागर किया था. इसने भारत-GCC संबंधों को एक रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाने का कारण दिया जिसे फरवरी 2010 के 'रियाद घोषणा' में औपचारिक रूप दिया गया. इसने दोनों पक्षों को राजनीतिक, सुरक्षा, रक्षा, आर्थिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में संबंधों के विस्तार को आगे बढ़ाने की बात थी.
भारत की खुफिया एजेंसियों के काफी प्रयास के बाद भारतीय नागरिक जबीउद्दीन अंसारी उर्फ अबू जंदल, जो 2008 के मुंबई आतंकी हमलों में शामिल दस आतंकवादियों के कथित 'हैंडलर' था, को सऊदी अरब से निर्वासित किया गया और 21 जून 2012 को दिल्ली हवाई अड्डे पर पहुंचने पर गिरफ्तार किया गया.
खाड़ी देशों के साथ भारत के संबंधों के महत्व को देखते हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकाल की शुरुआत से इस क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित किया और 2015-16 में सभी प्रमुख देशों के दौरे किये.
आज, खाड़ी देश भारत-पाकिस्तान संबंधों से प्रभावित हुए बिना, भारत के साथ मजबूत और स्वतंत्र राजनीतिक संबंध बनाने के लिए उत्सुक हैं. हाल के दिनों में सऊदी अरब और UAE ने आर्टिकल 370 के तहत जम्मू और कश्मीर के लिए विशेष दर्जे को हटाने जैसे भारत के घरेलू निर्णय पर शत्रुतापूर्ण स्टैंड नहीं अपनाया है.
सांस्कृतिक महत्व
खाड़ी देशों के लोगों के साथ भारत के संबंध कई सदी पुराने हैं जब भारतीय नाविकों, व्यापारियों, बुद्धिजीवियों और धार्मिक लोगों ने नेविगेशन कौशल, माल, विचारों और विश्वास-आस्था का आदान-प्रदान करते हुए हिंद महासागर को पार किया था.
भारत के खाड़ी देशों में सांस्कृतिक और अन्य द्विपक्षीय हित भी हैं. भारत के जो प्रवासी इन खाड़ी देशों में रहते हैं, उनके हितों की सुरक्षा के लिए भारत का इन देशों के साथ मधुर संबंध आवश्यक है. विदेश मंत्रालय के अनुसार, अधिकांश NRI, लगभग 7.6 मिलियन शिक्षा या काम के लिए मिडिल ईस्ट एशिया में रहते हैं. इनमें से ज्यादातर अर्ध-कुशल या अकुशल कामगार हैं लेकिन साथ ही व्हाइटकॉलर जॉब में भी कई शामिल हैं. अगर तनाव बढ़ा तो उनकी सुरक्षा चिंता की विषय हो सकती है.
प्रधान मंत्री मोदी ने इस साल की शुरुआत में UAE का दौरा किया था. प्रधान मंत्री के रूप में यह UAE की उनकी चौथी यात्रा थी. दुबई एक्सपो में भारतीय पवेलियन ने योग और आयुर्वेद से लेकर अंतरिक्ष कार्यक्रमों तक भारत की संस्कृति और उपलब्धियों को प्रदर्शित किया.
पवेलियन में राम मंदिर और BAPS हिंदू मंदिर का एक मॉडल भी था, जिसे अबू धाबी में 900 करोड़ रुपये में बनाया जा रहा है. 2015 में जब पीएम मोदी ने UAE का दौरा किया तो वह 34 वर्षों में ऐसा करने वाले पहले भारतीय प्रधान मंत्री थे.
मालूम हो कि UAE ने पीएम मोदी को अपने सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, "ऑर्डर ऑफ जायद" से सम्मानित किया है.
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