एक सप्ताह की अटकलों को खत्म करते हुए बीजेपी ने ओडिशा के अगले मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान कर दिया है. क्योंझर विधानसभा सीट से चार बार के विधायक और आदिवासी चेहरे मोहन चरण माझी 12 जून को ओडिशा के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे. उनके साथ-साथ सूबे में 2 डिप्टी सीएम भी होंगे, के वी सिंह देव और प्रवती परिदा.
जहां ओडिशा को बीजेपी से अपना पहला मुख्यमंत्री मिलने वाला है, वहीं पार्टी नेता प्रवती परिदा राज्य की पहली महिला उपमुख्यमंत्री बनने जा रही हैं.
प्रवती परिदा ने डिप्टी सीएम के तौर पर अपना नाम सामने आने के बाद मीडिया से कहा, "हम राजभवन जा रहे हैं. प्रदेश में सुशासन होगा. ओडिशा के लोगों को मोदी जी की गारंटी पर भरोसा है."
चलिए आपको बताते हैं कि प्रवती परिदा ने वकालत से राजनीति तक का अपना सफर कैसे तय किया है.
वकालत से सियासी सीढ़ी चढ़ने से लेकर सूबे की डिप्टी सीएम तक का सफर
बीजेपी नेता प्रवती परिदा निमापारा विधानसभा की सीट से जीत कर विधानसभा पहुंची हैं. उन्होंने बीजू जनता दल के दिलीप कुमार नायक को 4588 वोटों से हराया है.
प्रवती परिदा ने वकालत की पढ़ाई भुवनेश्वर के उत्कल विश्वविद्यालय किया और इसके उन्होंने साल 1995 में ओडिशा उच्च न्यायालय में प्रैक्टिस किया.
साल 2005 में उन्होंने उत्कल यूनिवर्सिटी से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में एम.ए किया. वहीं इसी साल उन्होंने इगनू से सीडब्लयूईडी का कोर्स किया है.
प्रवती परिदा निमापारा सीट से पहली बार विधायक बनी हैं. यह चौथी बार है जब प्रवती इस सीट से चुनाव लड़ी हैं. 2014 और 2019 में उन्हें बीजेडी नेता समीर रंजन दास के हाथों चुनाव में हार मिली थी. वहीं साल 2009 चुनाव में प्रवती को सिर्फ 4.52 प्रतिशत वोट मिले थे.
प्रवती परिदा के चुनावी हलफनामे के अनुसार उनपर 9 आपराधिक मामले दर्ज हैं. इसके अलावा हलफनामे उन्होंने बताया है कि उनके ऊपर 45 लाख रुपयों का कर्ज है.
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