मोहन चरण माझी (Mohan Majhi) ने ओडिशा (Odisha) के नए मुख्यमंत्री के पद की शपथ ले ली है. वहीं कनक वर्धन सिंह देव और प्रवती परिदा ने ओडिशा के उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है.
ओडिशा में नवीन पटनायक के 24 साल के लंबे कार्यकाल के बाद मोहन माझी के नेतृत्व में पहली बार बीजेपी की सरकार बनाने जा रही है.
कौन हैं मोहन माझी?
मोहन चरण माझी ओडिशा की क्योंझर सीट से विधायक चुने गए हैं, उन्होंने बीजू जनता दल की मीना माझी को 11,577 वोटों के अंतर से हराया था. माझी आदिवासी समाज से आते हैं.
बीजेपी ने राज्य की 147 विधानसभा सीटों में 71 सीटों पर जीत दर्ज की है जबकि बीजेडी 51 सीटें ही जीत पाई. विधायक के तौर मोहन माझी चौथी बार चुने गए हैं. वह पहली बार 2000 में चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे.
मोहन माझी को लेकर कहा जाता है कि वह आदिवासी समुदाय में अपना प्रभुत्व रखते हैं. ओडिशा की राजनीति में माझी को फायरब्रांड नेता के तौर पर जाना जाता है.
पिछले साल मोहन माझी का नाम तब सुर्खियों में आ गया था जब उन्होंने विधानसभा स्पीकर के आसन की ओर कथित तौर पर दाल फेंक दी थी. हालांकि उन्होंने इस आरोप को खारिज किया था और कहा था कि उन्होंने स्पीकर को दाल तोहफे के तौर पर भेंट की थी.
दाल का ये प्रकरण इसलिए चर्चा में था क्योंकि ओडिशा में कथित तौर पर मिड-डे-मील योजना के लिए दालों की खरीद में कथित 700 करोड़ रुपये के घोटाला हुआ था.
सियासी सफर पर एक नजर
मोहन माझी साल 1997 में सचपंच बने. इसके बाद वह बीजेपी के राज्य आदिवासी मोर्चा के सचिव चुने गए. इसके बाद वह बीजेपी के राज्य अनुसूचित जनजाति के महासचिव चुने गए. साल 2005 से लेकर 2009 तक वह सरकारी उप मुख्य सचेतक पद पर रहे.
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