ओला ने शुक्रवार को ‘ड्राइव द ड्राइवर’ नाम से एक योजना शुरू की. इस योजना से ऑटो-रिक्शा, कैब, काली-पीली टैक्सी ड्राईवरों को मदद दी जाएगी. इसके लिए ओला समूह, निवेशक और क्राउड फंडिंग के जरिए योगदान लिया जाएगा. इस फंड से ड्राइवर और उनके परिवारों की मदद की जाएगी, जिनपर शटडॉउन का बुरा असर पड़ा है.
ओला समूह और उसके कर्मचारी 20 करोड़ रुपये जमा करेंगे. ओला के को-फाउंडर और सीईओ भाविश अग्रवाल अपनी एक साल की सैलरी भी इसमें जमा करेंगे.
ओला के प्रवक्ता आनंद सुब्रमण्यम के मुताबिक,
इस संकट की घड़ी में कई हजार ड्राइवर बिना आमदनी के हो गए हैं. ये लोग ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का आधार हैं. इस कठिन वक्त में उन्हें मदद करने के लिए हम ड्राइव द ड्राइवर शुरू कर रहे हैं. इसकी शुरूआती पूंजी के लिए ओला समूह पैसा दे रहा है, जिसके तहत तुरंत राहत पहुंचाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है.आनंद सुब्रमण्यम
लॉकडाउन में टैक्सी सर्विस सेक्टर ठप
बता दें इस कठिन दौर में टैक्स सर्विस सेक्टर पूरी तरह रुक चुका है. ड्राइवर समुदाय के लिए आमदनी की एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. ऐसे में उनका गुजारा चलाना मुश्किल हो रहा है.
ओला कंपनी को कोशिश है कि इस क्षेत्र से जुड़े लोगों को एकसाथ लाया जाए और लाखों ड्राईवरों और उनके परिवारों को मदद दी जाए. इन लोगों में निवेशक, ग्राहक और दूसरे पार्टनर ऑर्गनाइजेशन शामिल हैं.
बता दें भारत में इस वक्त 21 दिन का लॉकडॉउन जारी है. इस लॉकडॉउन के जरिए दुनियाभर में फैल चुके कोरोना वायरस को रोकने की कोशिश है. भारत में अब तक कोरोना वायरस के 873 मामले सामने आ चुके हैं. इनमें से 19 लोगों की मौत हुई है. वहीं 75 से ज्यादा लोग डिस्चॉर्ज भी हो चुके हैं.
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