लोकसभा स्पीकर(Lok Sabha Speaker) ओम बिरला ने सदनों में चर्चा-संवाद का स्तर लगातार गिरते जाने की बात कहते हुए कहा है कि यह तभी रूक पाएगा, जब जनता अपने पब्लिक रिप्रेजेंटेटिव से सवाल पूछेगी. ओम बिरला ने राजस्थान के उदयपुर में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (CPA) भारत क्षेत्र के 9वें सम्मेलन का सोमवार को शुभारंभ करने के दौरान सदनों में लगातार बढ़ रही बाधा और नारेबाजी पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि सदनों में चर्चा-संवाद का स्तर गिर रहा है.
अब जनता अपने पब्लिक रिप्रेजेंटेटिव से सवाल पूछेगी
उन्होंने कहा कि सदन के अंदर कठिन स्थिति, ऑब्सटेकल, नारेबाजी और असंसदीय व्यवहार को तभी रोका जा सकेगा, जब जनता अपने पब्लिक रिप्रेजेंटेटिव से उनके इस व्यवहार के लिए सवाल पूछेगी.
उन्होंने कानून निर्माण में भागीदारी गिरते जाने की बात कहते हुए आगे यह भी कहा कि इस स्थिति को सुधारने के लिए जनता की भागदारी बढ़ानी होगी और इसमें डिजिटल माध्यम महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.
उन्होंने सदनों में डिजिटलाइजेशन और आईटी के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की बात कहते हुए कहा कि आज देश की कई विधानसभाएं पेपरलेस हो चुकी है. सभी स्पीकरों से ऑब्जेक्टिविटी के साथ काम करने का इनोवेशन करते हुए यह भी जोड़ा कि आसन पर बैठकर अधिकारियों को ऑब्जेक्टिविटी के साथ अपनी सही भूमिका निभानी चाहिए ताकि आसन का सम्मान बना रहे.
लोकतंत्र की जननी के रूप में भारत की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है
बिरला ने सहमति-असहमति, पक्ष और विपक्ष को लोकतंत्र की ताकत बताते हुए यह भी कहा कि पॉजिटिव मुद्दों पर सबको एकजुट होकर बात करनी चाहिए. सबको मिलकर एक साथ काम करना चाहिए. अगले 25 वर्ष हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है.
राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (CPA) भारत क्षेत्र के 9वें सम्मेलन के उद्घाटन के अवसर पर CPA हेडक्वार्टर के चेयरपर्सन इयान लिडेल-ग्रेंजर, राज्यसभा के डिप्टी चेयरमैन हरिवंश, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष सीपी जोशी सहित देश के कई अन्य राज्यों के विधानसभा स्पीकर और राजस्थान के कई अन्य विधायक भी मौजूद रहें.राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी आईटी, डिजिटल और नई तकनीक के ज्यादा से ज्यादा उपयोग करने की वकालत करते हुए इसे देश में लेकर आने का क्रेडिट पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को दिया.
इस दो दिवसीय सम्मेलन का मुख्य विषय "डिजिटल युग में लोकतंत्र और सुशासन को सुदृढ़ करना" रखा गया है. सम्मेलन के दौरान राज्य लेजिस्लेटर्स के प्रेसिडिंग अधिकारी - सभापति और अध्यक्ष तथा डिप्टी चेयरमैन और वाइस प्रेसिडेंट- डिजिटल एंपावरमेंट के माध्यम से अच्छी गवर्नेंस को प्रोत्साहित करने में पब्लिक रिप्रेजेंटेटिव को और अधिक प्रभावी एवं कुशल बनाने के तौर-तरीकों और लोकतांत्रिक संस्थाओं के माध्यम से राष्ट्र को मजबूत करने में पब्लिक रिप्रेजेंटेटिव की भूमिका पर विचार करेंगे.
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