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दिल्ली के बड़े अस्पतालों के करीब 750 डॉक्टर्स कोरोना पॉजिटिव - रिपोर्ट

ऐसे समय में जब डॉक्टर्स की जरूरत सबसे ज्यादा है, उस समय बड़ी संख्या में हॉस्पिटल स्टाफ में संक्रमण फैल रहा है.

Published
भारत
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दिल्ली (Delhi) में कोरोना (Coronavirus) का संक्रमण इस कदर बढ़ गया है कि तमाम एहतियात बरतने के बावजूद डॉक्टर्स खुद भी संक्रमित हो रहे हैं. दिल्ली के छह बड़े अस्पतालों के करीब 750 डॉक्टर्स कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. डॉक्टर्स ही नहीं सैकड़ों नर्सें भी कोरोना पाॉजिटिव हैं.

ऐसे समय में जब डॉक्टर्स और नर्सों की जरूरत सबसे ज्यादा है, उस समय बड़ी संख्या में हॉस्पिटल स्टाफ में संक्रमण फैल रहा है.
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द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, कई डॉक्टर्स होम आइसोलेशन में हैं. अकेले एम्स (AIIMS) के करीब 350 रेजिडेंट डॉक्टर्स कोरोना का शिकार हो चुके हैं. एक रेजिडेंट डॉक्टर्स ने बताया, "ये तो केवल रेजिडेंट डॉक्टर्स की संख्या है, इसके अलावा एम्स के कुछ प्रोफेसर और कई नर्सें भी कोरोना संक्रमित हैं."

एक दूसरे रेसिडेंट डॉक्टर ने बताया कि "कई डॉक्टर्स और एडमिन विभाग के लोग भी पॉजिटिव हैं."

"हमने मरीजों की देखभाल के लिए उपलब्ध चिकित्सा, नर्सिंग, तकनीकी और सहायकों को फिर से तैनात किया है, ताकि सारा काम सुचारू रूप से चलता रहे."
पब्लिकेशन से वरिष्ठ अधिकारी
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कई अस्पतालों ने ओपीडी सेवाएं और सर्जरी सेवाओं को बंद कर दिया है. साथ ही रूटीन भर्तियों को भी रोक दिया गया है, ताकि जरूरत पड़ने पर बेड उपलब्ध रह सके.

इस बार पॉजिटिव मरीजों या सहकर्मियों के संपर्क में आने वालों को काम जारी रखने को कहा गया है. बेशक, उनका कहना है कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि लक्षण हल्के हैं, लेकिन ये स्टाफ की पूर्ती करने में भी मदद करता है.

द इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि पिछले 24 घंटों में कम से कम 100 हेल्थकेयर वर्कर कोरोना पॉजिटिव हुए और अब तक कुल 400 हेल्थकेयर वर्कर ऐसे हैं, जो होम क्वॉरन्टीन में हैं.

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लोक नायक अस्पताल का भी बुरा हाल

लोक नायक अस्पताल, जो केवल ओमिक्रॉन मरीजों के इलाज के लिए दिल्ली सरकार का एकमात्र अस्पताल है, वहां 29 लोग कोरोना पॉजिटिव हैं. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इनके अलावा कई और भी हैं, जिनमें जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर शामिल हैं, जो आइसोलेशन में हैं.

अस्पताल के एक रेसिडेंट डॉक्टर ने कहा, “एनेस्थीसिया विभाग में, दो या तीन रेजिडेंट डॉक्टर्स को छोड़कर सभी कोरोना पॉजिटिव हैं. सभी डॉक्टरों और नर्सों में से एक तिहाई कोरोना पॉजिटिव हैं. बेशक, ये सेवाओं को प्रभावित करता है. ”

अस्पताल में आउट पेशेंट क्लीनिक को नए मरीजों के लिए बंद कर दिया गया है और पुराने मरीजों को भी प्रति विभाग लगभग 50 से 100 तक सीमित कर दिया गया है. केवल आपातकालीन सर्जरी ही की जा रही है.

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सफदरजंग अस्पताल में 200 रेजिडेंट डॉक्टर, तो RML में 90 डॉक्टर आइसोलेशन में

केंद्र सरकार द्वारा संचालित आरएमएल अस्पताल में कम से कम 90 डॉक्टर आइसोलेशन में हैं. अस्पताल के एक रेजिडेंट डॉक्टर ने कहा, "जो लोग पॉजिटिव नहीं हैं, वो निर्धारित शिफ्ट से ज्यादा काम कर रहे हैं, ताकि सेवाएं बाधित न हों."

वहीं, सफदरजंग अस्पताल में इस वक्त करीब 200 रेजिडेंट डॉक्टर पॉजिटिव हैं. जिनमें हल्के लक्षण हैं उन्हें सात दिनों तक आइसोलेशन में रहना होगा. अस्पताल के एक रेजिडेंट डॉक्टर ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “अस्पताल ने NEET-PG काउंसलिंग में देरी के कारण रिक्तियों को भरने के लिए 302 गैर-शैक्षणिक जुनियर डॉक्टर्स को और वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टर्स को कॉन्ट्रेक्ट पर रखने का का निर्णय लिया है."

लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज और इससे जुड़े दो अस्पतालों में करीब 100 रेजिडेंट डॉक्टर फिलहाल पॉजिटिव हैं. लेडी हार्डिंग और आरएमएल दोनों में नियमित सर्जरी को रोकने के लिए चर्चा चल रही है.

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गुरु तेग बहादुर अस्पताल के स्टाफ में 175 लोग कोविड पॉजिटिव हैं, जिनमें से 125 डॉक्टर हैं. अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “यह अकेले अस्पताल में है, मेडिकल कॉलेज से भी कई ऐसे हैं जो पॉजिटिव हैं. हम 66% जूनियर रेजिडेंट के साथ काम कर रहे हैं, इससे मौजूदा रेजिडेंट डॉक्टर्स पर बोझ बढ़ गया है.”

उन्होंने कहा , "ऐसा लगता है कि इस बार हमें कर्मचारियों की कमी का सामना करना पड़ सकता है."

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