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ओमिक्रॉन का खतरा कितना बड़ा, क्या सावधानी जरूरी,केंद्र ने दिए सभी सवालों के जवाब

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट को लेकर लोगों को आगाह किया.

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भारत सरकार ने गुरुवार, 2 दिसंबर को देश में कोरोना के ओमिक्रॉन वोरिएंट (Omicron Variant) के 2 मामलों की पुष्टि की है. ये दोनों मामले कर्नाटक में पाए गए हैं. ओमिक्रॉन के इन मामलों ने केंद्र सरकार की चिंताएं बढ़ा दी हैं. गुरुवार को केंद्र ने इस वेरिएंट से निपटने के लिए अपनी आगे की रणनीति की जानकारी दी. आइए जानते हैं कि केंद्र ओमिक्रॉन वेरिएंट से निपटने के लिए क्या तैयारी कर रहा है.

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कर्नाटक में पाए गए दोनों मरीजों की हालत कितनी गंभीर?

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने जानकारी दी है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट वाले दोनों मरीजों में हल्के लक्षण देखे गए हैं. किसी की हालत फिलहाल गंभीर नहीं है. आपको बता दें कि दूसरे देशों में पाए गए ओमिक्रॉन के मरीजों में हल्के लक्षण ही देखे जा रहे हैं, हालांकि यह वेरिएंट बाकियों के मुकाबले तेजी से फैलने वाला है.

ओमिक्रॉन वेरिएंट के खिलाफ वैक्सीन कितनी कारगर?

वैक्सीन को लेकर आईसीएमआर के डीजी बलराम भार्गव ने कहा कि अभी ओमिक्रॉन के खिलाफ इसके असर को लेकर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. वैक्सीन पर इसके प्रभाव की जांच ओमिक्रॉन वेरिएंट को अलग करके लैब में इसकी जांच करनी होगी.

उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक समझदारी यह कहती है कि whole-killed virion आधारित वैक्सीन (कोवैक्सीन) सामने आ रहे नए वेरिएंट्स के खिलाफ ज्यादा कारगर हो सकती है, लेकिन अभी भारत में ओमिक्रॉन के केवल 2 केस हैं. और लैब में इसकी जांच की जानी बाकी है.

कोविड-19 टास्क फोर्स के चीफ डॉ. वीके पॉल ने कहा कि वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां भी ओमिक्रॉन के खिलाफ वैक्सीन के असर की जांच कर रही हैं.
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ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए क्या कदम उठाने जरूरी?

स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है इस वेरिएंट को लेकर लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है. मास्क पहनने और लोगों को वैक्सीन लगाने पर फिलहाल जोर देना चाहिए. आईसीएमआर के डीजी डॉ. भार्गव ने कहा कि कोरोना नियमों का पालन सबसे जरूरी है. वायरस ट्रांसमिशन की चेन तोड़ने के लिए मास्क लगाना, हाथ साफ रखना और भीड़-भाड़ से बचना सबसे महत्वपूर्ण है.

डॉ. वीके पॉल ने कहा कि नए वेरिएंट को लेकर भी वैक्सीनेशन सबसे बड़ा हथियार है. उन्होंने कहा कि हमें वैक्सीनेशन कवरेज बढ़ाना भी होगा. हो सकता है कि वैक्सीन के असर को नया वेरिएंट कुछ कम करे, लेकिन वैक्सीनेशन महत्वपूर्ण है. डेल्टा के दौरान भी यही कहा गया था. हर आदमी को पूरी तरह वैक्सीनेट कर सुरक्षित करने की जरूरत है.
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बूस्टर डोज को लेकर क्या हुआ फैसला?

केंद्र ने कहा कि बूस्टर डोज के असर का आकलन किया जा रहा है, लेकिन फिलहाल हमारा फोकस लोगों को पूरी तरह से वैक्सीनेट करने पर है. भारत और अन्य देशों में भी अभी ओमिक्रॉन के कैरेक्टर और असर को लेकर अध्ययन किया जा रहा है, वैक्सीनेशन को तेज करना होगा, क्योंकि यही सुरक्षात्मक कदम है.

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क्या ओमिक्रॉन के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन लगाने की जरूरत है?

कोविड टास्क फोर्स के चीफ डॉ. वीके पॉल ने लॉकाडाउन से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि ओमिक्रॉन वेरिएंट के आने के बाद 'यूनिवर्सल वैक्सीन' यानी मास्क पहनने में सख्ती दिखानी होगी. नए वेरिएंट से डरने की जरूरत नहीं है, बल्कि जिम्मेदार बनने की जरूरत है. जिन देशों में मास्क पहनने में ढिलाई बरती जा रही है, वहां मामले फिर से बढ़ रहे हैं, इसलिए मास्क पहनना काफी महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि लोगों को भीड़ और कम वेंटिलेशन वाली जगहों में जाने से बचना चाहिए.

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