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MC Davar: 20 रुपए में इलाज करने वाले एमसी डावर कौन हैं, जिन्हें पद्मश्री मिला है

डॉ. एम सी डावर का जन्म 1946 में आज के पाकिस्तान में हुआ था.

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भारत के 74वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कारों की घोषणा की गई. मध्य प्रदेश के जबलपुर के रहने वाले डॉक्टर एमसी डावर को भारत सरकार की तरफ से चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया गया. यह अवॉर्ड मिलने पर गुरुवार को जबलपुर में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें सम्मानित किया. 77 साल के डॉक्टर एमसी डावर आज भी 20 रुपए की मामूली फीस पर मरीजों का इलाज करते हैं. उन्होंने 50 साल पहले 2 रुपए फीस लेकर प्रैक्टिस शुरू की थी. डॉक्टर डावर भारतीय सेना में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं.

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डॉ. एसमी डावर भारतीय सेना में कैप्टन के पद पर तैनात थे. 1971 की भारत-पाकिस्तान जंग के दौरान डॉ. एम सी डावर की पोस्टिंग बांग्लादेश में की गई. वहां डॉ. डावर ने सैकड़ों घायल जवानों का इलाज किया. जंग खत्म होने के बाद स्वास्थ्य समस्याओं के चलते उन्होंने समय से पहले रिटायरमेंट ले लिया. इसके बाद 1972 से उन्होंने जबलपुर के मदन महल इलाके में छोटा सा क्लिनिक खोलकर अपनी प्रैक्टिस शुरू की.

10 नवंबर 1972 का दिन डॉ. डावर के लिए दिन बेहद खास दिन था. इसी दिन जबलपुर में उन्होंने अपने पहले मरीज की जांच की थी. उन्होंने बताया कि वह 1986 तक मरीजों से 2 रुपए फीस लेते थे. इसके बाद उन्होंने 3 रुपए लेना शुरू कर दिया. 1997 में 5 रुपए और फिर 15 साल बाद 2012 में फीस 10 रुपए बढ़ा दी. दो साल पहले नवंबर से उन्होंने 20 रुपए फीस लेना शुरू कर दिया.

डॉ. डावर पिछले 51 साल से हफ्ते के 6 दिन रोजाना 200 मरीजों का इलाज करते हैं. उनके पास तीन पीढ़ियों के मरीज हैं. कुछ मरीज तो किसी भी प्रकार की तकलीफ होने पर सालों से इन्हीं के पास आते हैं. डॉ. डावर के पास मरीज केवल जबलपुर से ही नहीं, बल्कि दूर-दराज के शहरों से भी आते हैं.

डॉ. डावर का जन्म 1946 में आज के पाकिस्तान में हुआ था. डेढ़ साल की उम्र में ही उनके पिता का निधन हो गया था. परिवार के सहयोग से उन्होंने स्कूल की पढ़ाई पंजाब के जालंधर से की. बाद में मध्य प्रदेश के जबलपुर से उन्होंने एमबीबीएस (MBBS) की डिग्री हासिल की. डॉ. डावर ने एक इंटरव्यू में बताया था कि जब उन्होंने सेना में भर्ती के लिए एग्जाम दिया था, तब 533 उम्मीदवारों में से केवल 23 लोग ही चयनित हुए थे. इनमें से 9वें नंबर पर उनका नाम था.

क्या होता है पद्म पुरस्कार?

पद्म पुरस्कार भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में से एक हैं. ये पुरस्कार विभिन्न क्षेत्रों जैसे कला, समाज सेवा, लोक-कार्य, विज्ञान और इंजीनियरिंग, व्यापार और उद्योग, चिकित्सा, साहित्य और शिक्षा, खेल-कूद, सिविल सेवा के लिए दिए जाते हैं. गणतंत्र दिवस पर नामों की घोषणा होती है. मार्च/अप्रैल में राष्ट्रपति भवन में आयोजित होने वाले सम्मान समारोह में राष्ट्रपति के हाथों ये पुरस्कार दिया जाता है.

पद्म पुरस्कार तीन कैटेगरी के होते हैं

  1. पद्म विभूषण: असाधारण और विशिष्ट सेवा

  2. पद्म भूषण: उत्कृष्ट कोटि की विशिष्ट सेवा

  3. पद्म श्री: किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट सेवा

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