पनामा पेपर्स का खुलासा अभी लोगों के जेहन से गया नहीं था कि 'पेंडोरा पेपर्स' (Pandora Papers) के खुलासे ने वैश्विक स्तर पर सरगर्मी बढ़ा दी है. इसमें लीक हुए 11.9 मिलियन डॉक्युमेंट्स ने दुनिया भर के 91 देशों के "अमीर, प्रसिद्ध और कुख्यात" लोगों के फाइनेंसियल सीक्रेट्स का खुलासा करने का दावा किया है. उन 91 देशों में भारत भी शामिल हैं.
पेंडोरा पेपर्स में कम से कम 380 भारतीय हैं. दावा है कि इनमें से 60 प्रमुख व्यक्तियों और कंपनियों को जांच के दौरान वेरीफाई किया गया है और उनके डॉक्युमेंट्स की पुष्टि की गई है. इन व्यक्तियों में सचिन तेंदुलकर, अनिल अंबानी, जैकी श्रॉफ, नीरा राडिया जैसे बड़े नाम शामिल है.
पेंडोरा पेपर्स की जांच में भारत की ओर से शामिल मीडिया हाउस- इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी जांच में क्या पाया ? सचिन तेंदुलकर से लेकर अनिल अंबानी तक - विदेशों में इनकी कितनी संपत्ति का खुलासा हुआ और उन्होंने क्या जवाब दिया ? आइये जानते हैं.
सचिन तेंदुलकर
क्रिकेट सुपरस्टार और राज्यसभा सांसद रह चुके सचिन तेंदुलकर और उनके परिवार के 2 सदस्यों का नाम पेंडोरा पेपर्स में सामने आया है. पेंडोरा पेपर्स में उनका नाम ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स (BVI) में एक ऑफशोर एंटिटी (विदेश में मौजूद कंपनी) के लाभकारी ओनर/मालिक के रूप में शामिल हैं. 2016 में उन्होंने अपने शेयर बेच (लिक्विडेट) दिये थें.
पनामा लॉ फर्म -एल्कोगल- के रिकॉर्ड की जांच के अनुसार सचिन, उनकी पत्नी अंजलि तेंदुलकर और उनके ससुर आनंद मेहता को BVI स्थित कंपनी: सास इंटरनेशनल लिमिटेड (Saas International Limited) के बीओ (बेनिफिशियल ओनर) और डायरेक्टर के रूप में नामित किया गया है.
2016 में शेयर बेचने (लिक्विडेट) पर उन्हें मिला था-
सचिन तेंदुलकर (9 शेयर): $856,702
अंजलि तेंदुलकर (14 शेयर): $1,375,714
आनंद मेहता (5 शेयर)$453,082
इंडियन एक्सप्रेस द्वारा संपर्क करने पर, सचिन तेंदुलकर फाउंडेशन के सीईओ और डायरेक्टर, मृणमय मुखर्जी ने कहा कि “ सचिन तेंदुलकर द्वारा किया गया इन्वेस्टमेंट उनके द्वारा लिबरलाइज़्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के तहत उनके टैक्स भुगतान किए गए फंड से किया गया है और इसको टैक्स रिटर्न में डिक्लियर किया गया है.
अनिल अंबानी
द इंडियन एक्सप्रेस द्वारा जांचे गए पेंडोरा पेपर्स के रिकॉर्ड से पता चलता है कि रिलायंस एडीए ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी और उनके प्रतिनिधि जर्सी , ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स (बीवीआई) और साइप्रस में कम से कम 18 ऑफशोर कंपनियों के मालिक हैं.
2007 और 2010 के बीच बनाए गए इनमें से सात कंपनियों ने उधार लिया है और कम से कम $1.3 बिलियन का निवेश किया है. लेकिन आश्चर्य की बात है कि फरवरी 2020 में तीन चीनी सरकारी बैंकों के साथ विवाद के बाद अनिल अंबानी ने लंदन की एक अदालत को बताया कि उनकी कुल संपत्ति शून्य थी.
इन ऑफशोर कंपनियों और लेन-देन के बारे में पूछे जाने पर, अनिल अंबानी के वकील ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि: "हमारे क्लाइंट भारत का टैक्स देने वाले निवासी हैं और उन्होंने भारतीय अधिकारियों को कानून के अनुसार आवश्यक संपत्ति का खुलासा किया है.”
जैकी श्रॉफ
द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार जांच किए गए पेंडोरा पेपर्स के रिकॉर्ड से पता चलता है कि बॉलीवुड अभिनेता जैकी श्रॉफ न्यूजीलैंड में अपनी सास द्वारा स्थापित एक ट्रस्ट के प्रमुख लाभार्थी थे. दावा है कि उन्होंने इस ट्रस्ट में "पर्याप्त इन्वेस्टमेंट" भी किया था. इस ट्रस्ट का स्विस बैंक अकाउंट था और जैकी ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स में पंजीकृत एक ऑफशोर कंपनी के मालिक थे.
ट्रस्ट से संबंधित मेमोरेंडम के अनुसार जैकी श्रॉफ के बेटे जय श्रॉफ (टाइगर श्रॉफ) और बेटी कृष्णा श्रॉफ अन्य लाभार्थी थे. ट्रस्ट को सितंबर 2013 में समाप्त कर दिया गया था.
इंडियन एक्सप्रेस के सवाल पर आयशा श्रॉफ ने कहा कि "मेरे परिवार और मुझे ऐसे किसी भी ट्रस्ट के बारे में बिल्कुल जानकारी नहीं है. मेरी मां, जिनका दस साल पहले निधन हो गया था, बेल्जियम की सिटीजन थीं और भारत की नहीं थीं.”
कैप्टन सतीश शर्मा
कांग्रेस नेता, गांधी परिवार के अच्छे दोस्त और पूर्व केंद्रीय मंत्री कैप्टन सतीश शर्मा के पास विदेशों में विदेशी कंपनियां और संपत्ति थीं. यह दावा पेंडोरा पेपर्स के खुलासे में किया गया है.
गौरतलब है कि सतीश शर्मा का इस साल फरवरी में निधन हो गया है.
इंडियन एक्सप्रेस ने दावा किया कि सतीश शर्मा के परिवार के कम से कम 10 सदस्य- जिनमें उनकी पत्नी, बच्चे और नाती-पोते शामिल हैं- जन जेगर्स ट्रस्ट के लाभार्थियों में से हैं. लेकिन सतीश शर्मा ने चुनाव आयोग को चुनाव नामांकन पत्र दाखिल करते समय इसका खुलासा कभी नहीं किया था.
एशियासिटी ट्रस्ट के डॉक्युमेंट्स के अनुसार जन जेगर्स ट्रस्ट को 1995 में केमैन आइलैंड्स में शुरू किया गया था -सतीश शर्मा तब केंद्र में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री थे. JZ II ट्रस्ट नाम के एक अन्य ट्रस्ट को अक्टूबर 2015 में न्यूजीलैंड में तब शुरू किया गया था जब शर्मा राज्यसभा सदस्य थे.
इंडियन एक्सप्रेस के सवालों के जवाब में उनकी पत्नी, स्टर्रे शर्मा ने एक लिखित उत्तर में कहा कि “जन जेगर्स ट्रस्ट को 1995 में मेरे दिवंगत पिता ने Setlor के रूप में शुरू किया था… चूंकि मुझे ट्रस्ट मेरे पिता से विरासत में मिला था. जब यह वास्तव में मुझे मेरे हिस्से के शेयर के माध्यम से दिया जायेगा तो मैं अपने इनकम टैक्स रिटर्न में उस राशि को कानूनी रूप से दिखाउंगी और भारतीय निवासी के रूप में टैक्स का भुगतान करूंगी.. स्वर्गीय श्री सतीश शर्मा के पास कोई ऑफशोर संपत्ति नहीं थी”
नीरा राडिया
पनामा पेपर्स और द पैराडाइज पेपर्स में नाम आने के बाद कॉर्पोरेट लॉबिस्ट नीरा राडिया का नाम एक बार फिर पैंडोरा पेपर्स में भी शामिल है. पैंडोरा पेपर्स में नीरा के एक दर्जन ऑफशोर फर्मों का डिटेल सामने आने ला दावा किया गया है.
एल्माशे होल्डिंग्स, थियरे, जिला, कोयोस, मेहोन और नाइन से संबंधित Trident Trust के डॉक्युमेंट्स ने नीरा राडिया को दिल्ली में छतरपुर फार्म के पते के साथ इन ऑफशोर कंपनियों के मास्टर क्लाइंट के रूप में सूचीबद्ध किया है.
ईमेल जवाब में नीरा राडिया ने कहा कि “द इंडियन एक्सप्रेस द्वारा मेरी छवि खराब करने के एक और प्रयास से मैं चिंतित और बहुत दुखी हूं... आपके मेल में बताये किसी भी कंपनी में मेरा कोई शेयर नहीं है. मैं इनमें से किसी भी कंपनी को नहीं पहचानती और न ही मैं उन लेन-देन को पहचानती हूं जिनका आपने उल्लेख किया है”.
नीरव मोदी की बहन पूर्वी मोदी
इसके अलावा एक खास नाम नीरव मोदी की बहन पूर्वी मोदी का भी है. पेंडोरा पेपर्स के अनुसार नीरव मोदी के भारत से भागने के पहले उसकी बहन ने इस ऑफशोर फर्म बनाया था और खुद उसके ट्रस्ट प्रोटेक्टर की भूमिका निभाई.
गौरतलब है कि पूर्वी मोदी पहले नीरव मोदी और चाचा मेहुल चोकसी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा दर्ज किए गए $ 2 बिलियन (13,600 करोड़ रुपये) मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी थी.लेकिन अब सरकारी गवाह बन गयी है और किसी भी सजा से बचने की संभावना है. अदालत ने उसे पूरे और सही खुलासा करने की शर्त पर माफ कर दिया है.
पूर्वी मोदी के वकील मानवेंद्र मिश्रा ने इंडियन एक्सप्रेस को एक ईमेल के जवाब में कहा कि “हम भारत में पूर्वी मोदी के लिए काम करने वाले वकील हैं. हम आपके ईमेल में लगाए सभी आरोपों का खंडन करते हैं."
पेंडोरा पेपर्स क्या है?
यह लीक्ड डेटा इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इंवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (ICIJ) द्वारा प्राप्त किया गया था. उसने अब तक की सबसे बड़ी वैश्विक जांच पर 140 से अधिक मीडिया संगठनों के साथ काम किया.
पेंडोरा पेपर्स ने वर्तमान और पहले के दर्जनों वर्ल्ड लीडर्स तथा एशिया और मिडिल ईस्ट से लैटिन अमेरिका तक- सैकड़ों राजनेताओं और बड़ी हस्तियों की दूसरे देशों में मौजूद “ऑफशोर वित्तीय संपत्ति” को सामने लाने की बात कही है.
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