महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) के खिलाफ 100 करोड़ रुपये के कथित भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं. चांदीवाल न्यायिक आयोग ने बुधवार को पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर परम बीर सिंह (Param Bir Singh) को 6 अक्टूबर तक पेश होने के लिए एक और समन नोटिस जारी किया है.
बता दें कि कई बार बुलाए जाने के बावजूद भी परमबीर सिंह आयोग के समक्ष पेश नहीं हुए हैं. उनकी ओर से उनके वकील द्वारा मामला पेश किया जा रहा है.
सिंह की अनुपस्थिति पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, अनिल देशमुख की वकील अनीता शेखर ने आयोग से उनकी संपत्ति को जब्त करने और उनके खिलाफ वारंट जारी करने की अपील की. लेकिन उनकी सीनियोरिटी और पूर्व में वे जिस पद पर थे उसकी गरिमा को ध्यान में रखते हुए आयोग ने उन्हें एक और मौका दिया है.
अपराध जांच विभाग (CID) ने पूर्व आयुक्त के खिलाफ तीन स्थानों के लिए जमानती वारंट लिए थे, लेकिन परमबीर सिंह कहीं भी मौजूद नहीं मिले.
पेश न होने पर वारंट जारी होने की मिल चुकी थी चेतावनी
इससे पहले, आयोग ने सिंह को 50,000 रुपये का बॉन्ड भरने का आदेश दिया था और चेतावनी दी थी कि अगर वह मामले से संबंधित बयान के लिए पेश नहीं होते हैं तो उनके खिलाफ वारंट जारी किया जाएगा.
उनके खिलाफ कथित जबरन वसूली के मामले में आयोग के सामने पेश नहीं होने के लिए, 25 अगस्त को एक जांच आयोग द्वारा उन पर 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था.
गौरतलब है कि परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे अपने पत्र में आरोप लगाया था कि, अनिल देशमुख ने "भ्रष्टाचार (Malpractices)" किया था और मुंबई के निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वेज को हर महीने 100 करोड़ रुपये इकट्ठा करने के लिए कहा था.
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