पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल (Parkash Singh Badal Dies) का मंगलवार को मोहाली के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया. वह 95 वर्ष के थे. पांच बार पंजाब के मुख्यमंत्री रहे प्रकाश सिंह बादल को सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद निजी अस्पताल के ICU वार्ड में भर्ती कराया गया था. प्रकाश सिंह बादल के निधन पर केंद्र सरकार ने दो दिनों के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की.
पिछले साल जून में गैस्ट्राइटिस और ब्रोन्कियल अस्थमा की शिकायत के बाद प्रकाश सिंह बादल को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. पिछले ही साल फरवरी में, उन्हें पोस्ट-कोविड स्वास्थ्य जांच के लिए मोहाली के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया था, जिस दौरान उनके हृदय और फेफड़े की जांच भी हुई थी.
प्रकाश सिंह बादल अपने पीछे अपने परिवार में बेटे और अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल और बेटी परनीत कौर को छोड़ गए हैं. परनीत कौर की शादी पूर्व कैबिनेट मंत्री आदिश प्रताप सिंह कैरों से हुई है.
इससे पहले प्रकाश सिंह बादल की पत्नी सुरिंदर कौर बादल का मई 2011 में कैंसर के कारण निधन हो गया था.
विधानसभा चुनाव में मिली थी हार
पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल 2022 (पंजाब चुनाव) में देश में चुनावी मैदान में सबसे उम्रदराज उम्मीदवार थे. लेकिन वे दिवंगत सांसद जगदेव सिंह खुदियान के बेटे गुरमीत सिंह खुदियान से हार गए थे. यह बादल का 13वां विधानसभा चुनाव था.
इस चुनाव परिणाम के बाद, बादल शायद ही राजनीतिक रूप से सक्रिय थे.
गौरतलब है कि प्रकाश सिंह बादल ने इससे पहले भी राजनीति के पिच पर कई रिकॉर्ड बनाए थे. 1952 में बादल गांव से चुने जाने पर वह सबसे कम उम्र के सरपंच थे. इसके अलावा, वह 1970 में राज्य के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री बने. इसके अलावा, वह 2012 में सबसे उम्रदराज मुख्यमंत्री बने.
उनके पास 1970-71, 1977-80, 1997-2002, 2007-12 और 2012-17 में पांच बार सीएम बनने का भी रिकॉर्ड था. इसके अलावा, वह एक बार लोकसभा के सदस्य बने, साथ ही एक छोटे से कार्यकाल के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री के रूप में भी कार्य किया.
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