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शीतकालीन सत्रःविपक्षी सांसदों के निलंबन पर दोनों सदनों में हंगामा,दिनभर की अपडेट

लोकसभा में सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी (विनियमन) बिल हुआ पास

Published
भारत
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राज्यसभा (Rajya Sabha) के 12 विपक्षी सांसदों के निलंबन के मुद्दे पर विपक्ष और केंद्र सरकार आमने-सामने है. स्थगन के बाद दोपहर 3 बजे जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई, तो विपक्षी सदस्यों ने फिर से वेल के अंदर अपना विरोध शुरू कर दिया और नारेबाजी जारी रखी. जिसके बाद आखिरकार राज्यसभा की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई.

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वहीं दूसरी तरफ किसानों के मुद्दों पर TRS सांसदों के लगातार विरोध के बीच लोकसभा की कार्यवाही भी दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी गई थी. सदस्यों ने प्रश्नकाल के दौरान सदन के वेल में किसानों के मुद्दों पर नारेबाजी की और तख्तियां दिखाईं. स्पीकर ओम बिरला ने विरोध कर रहे सदस्यों से कहा कि ऐसा करना सही नहीं है और उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रश्नकाल महत्वपूर्ण है.

सदन में शून्यकाल के दौरान बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने केंद्र से देश में समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए जल्द ही एक कानून लाने का आग्रह किया.

राज्यसभा में निलंबन के मुद्दे पर विपक्ष का प्रदर्शन जारी

बुधवार को निलंबित राज्यसभा सांसद महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास अपना विरोध दर्ज कराने के लिए बैठ गए. विपक्ष ने संकेत दिया कि अध्यक्ष एम वेंकैया नायडू द्वारा निलंबन को रद्द करने से इनकार करने के बाद सदन में कम से कम अगले कुछ दिनों के लिए व्यवधान देखा जा सकता है.

विपक्ष के सदस्यों ने केंद्रीय जल मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को अपना भाषण पूरा करने नहीं दिया, जो सदन में विचार के लिए बांध सुरक्षा विधेयक, 2019 पेश कर रहे थे.

दोपहर में जैसे ही सदन फिर से शुरू हुआ, उपसभापति हरिवंश ने जल मंत्री शेखावत को विधेयक पेश करने के लिए कहा. उन्होंने आंदोलन कर रहे सदस्यों को यह भी आश्वासन दिया कि विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को सदन के 12 सदस्यों के अपनी सीटों पर लौटने के बाद उनके निलंबन पर बोलने की अनुमति दी जाएगी.

हालांकि विपक्षी सदस्यों ने अपना विरोध जारी रखा और सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गयी.

लोकसभा में सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी (विनियमन) विधेयक पास

सरकार ने बुधवार को सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी (विनियमन) विधेयक पेश किया, जिसमें क्षेत्र में कार्यरत सभी क्लीनिकों और मेडिकल प्रोफेशनल के लिए एक राष्ट्रीय रजिस्ट्री और पंजीकरण प्राधिकरण की स्थापना का प्रस्ताव है. आज यह कानून पास हो गया.

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लोकसभा में विचार और पारित होने के लिए विधेयक को पेश करते हुए, स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि विधेयक सितंबर 2020 में संसद में पेश किया गया था और निचले सदन ने इसे स्थायी समिति के पास भेज दिया था. उन्होंने कहा कि स्थायी समिति की ओर से कई सुझाव आए और सरकार ने उन सिफारिशों पर विचार किया.

विधेयक पर बहस की शुरुआत करते हुए, कार्ति चिदंबरम (कांग्रेस) ने कहा कि यह कानून विक्टोरियन कानून है क्योंकि इसमें सभी शामिल नहीं हैं. उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि सरकार को समलैंगिक, समलैंगिक, बाइसेक्सुअल या ट्रांसजेंडर को शामिल करने पर विचार करना चाहिए.

विरोध के दौरान मारे गए किसानों का कोई रिकॉर्ड नहीं, मुआवजे का कोई सवाल नहीं: संसद में सरकार

जहां एक तरफ विपक्ष द्वारा उन किसानों के परिजनों के लिए मुआवजे की मांग जारी है जिन्होंने कृषि कानूनों के खिलाफ साल भर के विरोध के दौरान अपनी जान गंवाई,वहीं दूसरी तरफ आज, 1 दिसंबर को संसद में सरकार ने कहा कि मरने वालों का कोई रिकॉर्ड नहीं है.

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इस सवाल के जवाब में कि क्या आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवार को वित्तीय सहायता प्रदान करने का प्रस्ताव है, सरकार ने कहा, “कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के पास इस मामले में कोई रिकॉर्ड नहीं है और इसलिए सवाल ही नहीं उठता है”.

आंदोलन से रेलवे को 36.87 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है: सरकार

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को संसद को सूचित किया कि इस वर्ष के दौरान किसानों और अन्य संगठनों के आंदोलन के कारण रेलवे को 36.87 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि उत्तर रेलवे को सबसे ज्यादा 22.58 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.

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