ADVERTISEMENTREMOVE AD

मॉनसून सेशन से पहले कृषि कानूनों को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू: रिपोर्ट

संसद का मॉनसून सेशन 29 नवंबर से शुरू होने वाला है.

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

संसद के शीतकालीन सत्र (Monsoon Session) में कृषि कानूनों (Farm Laws) के रद्द करने से पहले, सरकार ने सदन में मुद्दों पर आम सहमति सुनिश्चित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. रिपोर्ट के मुताबिक पीठासीन अधिकारियों ने पार्टी नेताओं से यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा है कि चार हफ्ते तक चलने वाला सत्र सुचारू रूप से चले.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

संसद का मॉनसून सेशन 29 नवंबर से शुरू होने वाला है. एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि सेशन से पहले ही एक सर्वदलीय बैठक है, जो रविवार, 28 नवंबर को होने वाली है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाग लेने की उम्मीद है.

रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की संसदीय कार्यकारिणी की बैठक उसी शाम होने की उम्मीद है, साथ ही दोपहर 3 बजे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के नेताओं की बैठक होगी. सूत्रों के मुताबिक पीएम मोदी भी इस बैठक में शामिल होंगे.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू भी इस साल मानसून सत्र में विपक्षी पार्टियों के हंगामे से बचने के लिए सभी दलों के नेताओं से मिलने वाले हैं.

एक बिल के जरिये रद्द होंगे तीनों कृषि कानून

इस बीच, न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए एक ही विधेयक संसद में पेश कर सकती है. यानी तीन अलग-अलग कानूनों को निरस्त करने के लिए तीन नए बिल लाने की जहमत नहीं उठानी पड़ेगी.

एनडीटीवी ने सरकार के सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है कि तीनों विवादित कृषि कानूनों को हटाने के लिए एक विधेयक तैयार किया जा रहा है और इस पर प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की मंजूरी का इंतजार है. वहीं कृषि मंत्रालय न्यूनतम समर्थन मूल्य के मुद्दे पर भी विचार कर रहा है, क्योंकि किसान एमएसपी पर कानूनी गारंटी भी मांग रहे हैं.

किसान संगठन की 6 मांगे

बता दें कि पीएम मोदी ने शुक्रवार को यू-टर्न लेते हुए विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने के सरकार के फैसले की घोषणा की थी. किसानों ने इस फैसले का स्वागत किया है, हालांकि उन्होंने कहा है कि संसद के शीतकालीन सत्र में कानून वापस लिए जाने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. इस बीच, संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने रविवार को पीएम मोदी को एक खुला पत्र लिखा है, जिसमें छह शर्तें रखी गईं और कहा कि अगर सरकार किसानों के साथ उन छह मुद्दों पर चर्चा करने में विफल रही तो वे आंदोलन जारी रखेंगे.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×