पंजाब (Punjab) के पटियाला (Patiala clash) के काली माता मंदिर के पास शिवसेना हिंदुस्तान और खालिस्तान समर्थकों के बीच हुआ बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा. दोनों समूहों के बीच झड़प के एक दिन बाद शनिवार, 30 अप्रैल को उसी स्थान पर एक और विरोध प्रदर्शन किया गया. इस विरोध-प्रदर्शन का नेतृत्व शिवसेना हिंदुस्तान ने किया, जो एक हिंदू संस्था है. इस बीच कोर्ट ने हरीश सिंगला को दो दिन के लिए पटियाला पुलिस की हिरासत में भेज दिया है.
शिवसेना नेता हरीश सिंगला को पटियाला हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया. हालांकि अब पार्टी ने हरीश सिंगला को पार्टी से बाहर कर दिया है.
इससे पहले प्रशासन ने शनिवार को पटियाला जिले में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं और एसएमएस सेवाओं को बंद करने का आदेश दिया था, जिसे अब फिर से चालू कर दिया गया है.
"विरोध करने के लिए तैयार हैं"
न्यूज एजेंसी ANI की रिपोर्ट के अनुसार शिवसेना हिंदुस्तान के अध्यक्ष योगराज शर्मा ने कहा कि पंजाब के हिंदू "विरोध करने के लिए तैयार हैं". एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा कि
"प्रशासन (पटियाला के अधिकारियों) को यहां जमा हुए लोगों की संख्या के आधार पर हमें कम नहीं आंकना चाहिए"
पुलिस अफसरों का तबादला,6 FIR दर्ज, 3 गिरफ्तार
पटियाला में हिंसक झड़प के बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान के निर्देश पर तीन पुलिस अधिकारियों का तबादला कर दिया गया है. मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी बयान के अनुसार सरकार ने पुलिस महानिरीक्षक (पटियाला रेंज), वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) और पुलिस अधीक्षक (एसपी) का तबादला कर दिया है.
आईएएनएस की रिपोर्ट के अनुसार मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि मुखविंदर सिंह चिन्ना को नया महानिरीक्षक नियुक्त किया गया है, जबकि दीपक पारिक और वजीर सिंह को नया एसएसपी और एसपी नियुक्त किया गया है.
नवनियुक्त IG मुखविंदर सिंह चिन्ना ने जानकारी दी है कि पटियाला झड़प मामले में पुलिस ने 6 FIR दर्ज की हैं. पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है और मामले में 24 और आरोपियों की पहचान की गई है.
पटियाला में हुई थी हिंसक झड़प
न्यूज एजेंसी ANI की रिपोर्ट के अनुसार प्रत्यक्षदर्शियों ने पुलिस को बताया कि निहंगों ने खालिस्तान समर्थक नारे लगाते हुए दरगाह की ओर मार्च किया. पुलिस ने कहा कि निहंगों को रोकने की कोशिश में एक पुलिस अधिकारी घायल हो गया.
शिवसेना के कार्यकारी अध्यक्ष हरीश सिंगला ने आर्य समाज चौक से काली देवी मंदिर तक अलगाववादी विरोधी मार्च का नेतृत्व किया. वे खालिस्तान के खिलाफ नारे लगा रहे थे.
सिंगला ने कहा कि प्रतिबंधित सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू ने 29 अप्रैल को खालिस्तान स्थापना दिवस मनाने का आह्वान किया था.
(इनपुट- आईएएनएस)
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