महिला दिवस पर विधानसभा में उठी महिला आरक्षण की मांग
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर गुरुवार को विधानमंडल के दोनों सदनों में महिलाओं का विशेष दबदबा रहा. बिहार विधानसभा में महिला विधायकों ने संसद और विधानसभा में महिलाओं को आरक्षण दिए जाने की मांग की.
बिहार विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते हुए पार्टी लाईन से हटकर अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिला विधायकों ने अपनी अपनी सीट से खडे़ होकर हाथों में प्लेकार्ड लिए संसद और विधानसभा में महिलाओं को आरक्षण दिए जाने की मांग की.
सदन के बीचोंबीच आकर महिला विधायकों ने करीब दस मिनट तक ‘आधी आबादी आधी हिस्सेदारी’ और ‘महिला आरक्षण लेकर रहेंगे’ के नारे लगाये.
वहीं विधान परिषद में पूर्व सीएम राबड़ी देवी महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के साथ ही विधायिका में 33 फीसदी आरक्षण देने की मांग की.
विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने मजाकिया अंदाज में कहा कि यह अच्छी बात है कि महिलाएं एक खास विषय (आरक्षण) को लेकर एकजुट हैं. उन्होंने कहा कि इस बात पर सभी एकमत है कि महिलाओं को उनका अधिकार मिलना चाहिए और इस सदन के आरक्षण की मांग को उठाये जाने के बजाय इसे संसद में उठाया जाना चाहिये.
सोर्स- भाषा
नीतीश अपने बॉस को बोल कर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा क्यों नहीं दिलवाते: लालू
बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले, ये मांग एक बार फिर उठने लगी है. आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि आखिर ‘‘नीतीश अपने बॉस को बोलकर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा क्यों नहीं दिलवाते?'' लालू के ट्विटर हैंडल के जरिए से कहा गया कि नीतीश केंद्र सरकार पर दबाव क्यों नहीं बनाते ताकि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिल जाए?
चारा घोटाले से जुड़े मामले में जेल में बंद लालू यादव ने कहा कि केंद्र और बिहार में एनडीए की सरकारें हैं फिर भी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा क्यों नहीं मिल रहा?
उन्होंने ट्वीट में पूछा,
बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नीतीश नहीं दिलाना चाहते या फिर बीजेपी नहीं चाहती? लालू ने कहा, ‘’छुपन-छुपाई छोड़ बिहार की जनता को स्पष्ट बताओ? किस वजह और किसकी वजह से विशेष राज्य का दर्जा नही मिल रहा?’’ नीतीश बिहार की जनता को बताएं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशेष पैकेज के नाम पर 1 लाख 65 हजार करोड़ रुपये की बिहार की ‘बोली’ लगाई थी, उसमें से कितनी चवन्नी मिली? ढेला नहीं मिला ढेला.. हिम्मत है तो बताओ? कितना मिला? कब तक गुमराह करोगे?’’
सोर्स- भाषा
बिहार में शराबबंदी कानून तोड़ने के मामले में एक लाख से ज्यादा लोग गिरफ्तार
बिहार में एक अप्रैल 2016 में पूर्ण शराबबंदी लागू होने के साथ इसको लेकर बनाए गए कानून को तोड़ने के मामले में एक लाख से ज्यादा लोगों को अब तक गिरफ्तार किया गया है. विधान परिषद में बीजेपी सदस्य दिलीप कुमार जायसवाल द्वारा पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए मद्य निषेध एवं उत्पाद मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने ये बात बताई.
उन्होंने कहा,
शराबबंदी से लेकर छह मार्च 2018 तक लगभग 6.5 लाख छापेमारी के दौरान दो लाख से अधिक लीटर अवैध शराब जब्त की गई. शराबबंदी कानून उल्लंघन के मामले में अब तक एक लाख 21 हजार 586 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें से एक लाख 21 हजार 542 व्यक्ति जेल भेजे गये.
बारात से लौट रही गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त: सात लोगों की मौत, कई घायल
शादी की खुशी पल भर में मातम में बदल गई. बुधवार देर रात मुजफ्फरपुर के एनएच 28 पर देर रात बारातियों से भरी वैन और टैंकर की टक्कर में सात लोगों की मौत हो गई, वहीं करीब 6 लोग घायल बताए जा रहे हैं. इनमें तीन की हालत गंभीर बनी हुई है. इन्हें शहर के निजी क्लीनिक में भर्ती कराया गया है.
मृतकों के परिजनों को मुआवजे के रूप में प्रशासन की ओर से चार-चार लाख रुपये के चेक दिए गए हैं.
जानकारी के मुताबिक, सकरा थाने के सरमस्तपुर गांव निवासी बलदेव सिंह के पुत्र बैजू कुमार की बरात समस्तीपुर गई थी. देर रात तकरीबन सवा दो बजे लौटते समय सड़क हादसे में पांच की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि दो ने इलाज के दौरान एसकेएमसीएच में दम तोड़ दिया. पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों के हवाले कर दिए गए.
सोर्स- दैनिक जागरण
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मेडिकल कॉलेजों को मिली पीजी की सिर्फ 12 सीटें
ऊंठ के मुंह में जीरा, ये कहावत बिहार के मेडिकल कॉलेज की पीजी सीटों को लेकर फिट बैठता है. बिहार के लगभग सभी मेडिकल कॉलेजों ने आईएमए को पीजी कोर्स में सीट बढ़ने का प्रस्ताव भेजा था. लेकिन पिछली बार बढ़े 78 सीटों के मुकाबले इस बार सिर्फ 12 सीटें ही आवंटित हुईं हैं.
इस साल सिर्फ नालंदा मेडिकल कॉलेज पटना और अनुग्रह नारायण मेडिकल कॉलेज गया में 6-6 पीजी सीटें बढ़ी हैं. हालांकि दोनों मेडिकल कॉलेजों ने पीजी में ज्यादा सीटें बढ़ाने का प्रस्ताव एमसीआई को भेजा था. इन दोनों को छोड़कर राज्य के किसी भी मेडिकल कॉलेज में पीजी की सीटें नहीं बढ़ी हैं.
बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी, असिस्टेंट प्रोफेसर की बहाली नहीं होना, शिक्षकों की कमी इन सब पर एमसीआई ने पहले ही नाराजगी जतायी थी. आईएमए के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सहजानंद प्रसाद सिंह ने बताया कि चूंकि सरकार ने मेडिकल कॉलेजों की आधारभूत संरचना को दुरूस्त नहीं किया इसलिए पीजी की सीटें नहीं बढ़ीं.
सोर्स- हिंदुस्तान
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