भारतीय नागरिकों के खिलाफ पेगासस (Pegasus) के उपयोग की जांच कर रही सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा नियुक्त तकनीकी समिति ने एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया है. जिसमें उन लोगों से जानकारी देने के लिए कहा गया है, जिन्हें लगता है कि पेगासस से उनकी जासूसी की गई है.
सार्वजनिक नोटिस, 2 जनवरी को देश भर के समाचार पत्रों में प्रकाशित हुआ, "भारत के किसी भी नागरिक को अगर संदेह है कि इजरायल के पेगासस सॉफ्टवेयर (SEC) से उसकी जासूसी की गई है तो समिति उनसे संपर्क करने का अनुरोध करती है.
आप इमेल द्वारा @pegasus-india-investigation.in पर 7 जनवरी की दोपहर तक संपर्क कर सकते हैं.
नोटिस आगे कहा गया है कि:
"यदि समिति को लगेगा कि आपके डिवाइस को जांच की जरूरत है तो समिति आपसे आपके डिवाइस की जांच की अनुमति देने का अनुरोध करेगी." हालांकि परीक्षण पूरा होने के बाद उन्हें फोन वापस दे दिया जाएगा.
यह जांच किस बारे में है?
शीर्ष अदालत ने 27 अक्टूबर को भारतीय नागरिकों के खिलाफ पेगासस के उपयोग की जांच के लिए तकनीकी समिति का गठन किया था, जिसमें कई याचिकाएं शामिल थीं.
भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र सरकार की यह स्पष्ट करने से इनकार करने के लिए आलोचना की कि क्या उसने स्पाइवेयर खरीदा और इस्तेमाल किया था, और कहा कि उसे पेगासस हैकिंग के पीड़ितों सहित याचिकाकर्ताओं के प्रथम दृष्टया मामले को स्वीकार करना होगा और जांच करनी होगी.
तकनीकी समिति की देखरेख शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरवी रवींद्रन करेंगे, और उन्हें पूरी जांच के बाद एक रिपोर्ट तैयार करने और इसे तेजी से सुप्रीम कोर्ट में जमा करने के लिए कहा गया है.
तकनीकी समिति के सदस्य कौन हैं?
डॉ नवीन कुमार चौधरी, प्रोफेसर (साइबर सुरक्षा और डिजिटल फोरेंसिक) और डीन, राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय, गांधीनगर, गुजरात
डॉ प्रभारन पी, प्रोफेसर (इंजीनियरिंग स्कूल), अमृता विश्व विद्यापीठम, अमृतापुरी, केरल
डॉ अश्विन अनिल गुमस्ते, इंस्टीट्यूट चेयर एसोसिएट प्रोफेसर (कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग), इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, बॉम्बे, महाराष्ट्र
समिति की जांच के मुख्य बिंदू
क्या स्पाईवेयर के पेगासस सूट का इस्तेमाल भारत के नागरिकों के फोन या अन्य उपकरणों के डेटा तक पहुंचने, बातचीत सुनने, इंटरसेप्ट जानकारी या किसी अन्य उद्देश्य के लिए किया गया था
2019 में पेगासस स्पाइवेयर का उपयोग करके भारतीय नागरिकों के व्हाट्सएप अकाउंट हैक होने के बारे में रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद केंद्र द्वारा क्या कदम/कार्रवाई की गई है?
क्या भारत के नागरिकों के खिलाफ उपयोग के लिए केंद्र, किसी राज्य सरकार, या किसी केंद्रीय या राज्य एजेंसी द्वारा स्पाइवेयर के पेगासस सूट का अधिग्रहण किया गया था?
अगर किसी सरकारी एजेंसी ने इस देश के नागरिकों पर स्पाइवेयर के पेगासस सूट का इस्तेमाल किया है, तो किस कानून, नियम, दिशानिर्देश, प्रोटोकॉल या वैध प्रक्रिया के तहत
यदि किसी घरेलू संस्था/व्यक्ति ने इस देश के नागरिकों पर स्पाइवेयर का प्रयोग किया है, तो क्या ऐसा प्रयोग अधिकृत है?
कोई अन्य मामला या पहलू जो उपरोक्त संदर्भ की शर्तों से जुड़ा, सहायक या आकस्मिक हो सकता है, जिसे समिति जांच के लिए उपयुक्त और उचित समझे
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