पेटीएम ने मंगलवार को कहा कि डिजिटल भुगतान में बड़े पैमाने पर उछाल आया है, क्योंकि कोरोनावायरस के फैलाव को रोकने के लिए ज्यादातर लोग घर से काम कर रहे हैं और वह घर से बाहर निकलने और करेंसी को छूने से बच रहे हैं.
पेटीएम के एक प्रवक्ता ने एक बयान में कहा,
“हम नियमित दिनों की तुलना में डिजिटल पेमेंट में 20 फीसदी की वृद्धि देख रहे हैं. फरवरी से पेटीएम ऐप पर जाने वाले यूजर्स और हर एक यूजर के लिहाज से सेशन की संख्या में भी वृद्धि हुई है.”
बयान में कहा गया है, "फ्यूल स्टेशन और एक-दूसरे के बीच पेमेंट जैसे दोहराए जाने वाले लेनदेन में भारी उछाल आया है. करेंसी के बजाय ज्यादा लोग पेटीएम को महत्व दे रहे हैं, इसलिए ऑफलाइन भुगतान में 12 फीसदी का इजाफा हुआ है."
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को बैंकों से डिजिटल पेमेंट के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने के लिए कहा था.
इंडस्ट्रियल एक्सपर्ट के अनुसार, कई डिजिटल पेमेंट कंपनियों के लेन-देन में गिरावट देखी गई है, क्योंकि देश में पिछले एक महीने में पेटीएम ने ज्यादा लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया है.
पेटीएम 1.6 करोड़ मजबूत व्यापारी आधार (मर्चेट बेस) के साथ डिजिटल पेमेंट के मामले में कहीं आगे है.
नोएडा हेड क्वार्टर वाली डिजिटल पेमेंट फर्म ज्यादा से ज्यादा लोगों को भोजन, किराने और दूसरे जरूरी सामान की डिलीवरी के लिए डिजिटल पेमेंट सेवा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि लोग करेंसी को छूने से बचें.
वहीं, भारतपे और पाइन लैब्स जैसे सेवा प्रोवाइडर ने दुकानों, मॉल, रेस्टोरेंट के बंद रहने के कारण लेनदेन में मंदी दर्ज की है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोनावायरस से बचाव के लिए गाइडलाइन जारी की हैं. गाइडलाइन में कहा गया है कि सामान्य लोग पीड़ितों से दूर रहें और किसी भी ऐसी वस्तु को ना छुएं, जिससे कोरानावायरस या किसी दूसरे तरह का वायरस फैलने की आशंका हो.
इस बीच कई विशेषज्ञों ने भी कहा है कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए करेंसी लेन-देन से जितना संभव हो, बचें. डब्ल्यूएचओ ने कॉन्टैक्टलेस पमेंट की सलाह दी है.
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