भारत और चीन दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने पिछले दिनों लद्दाख की गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प को लेकर 17 जून को बातचीत की है. भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच फोन पर बात बातचीत हुई है. विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करके कहा है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीनी विदेश मंत्री को बताया है कि 'चीनी पक्ष ने पहले से नियोजित एक्शन लिया जो कि हिंसा और क्षति का कारण है.'
भारतीय विदेश मंत्रालय के मुताबिक गलवान घाटी में चीन और भारत के बीच जो हिंसक झड़प हुई है, विदेश मंत्री ने चीन के समक्ष अपना सख्त लहजे में विरोध दर्ज कराया है
भारतीय विदेश मंत्री ने चीनी विदेश मंत्री को याद दिलाया कि 6 जून को सीनियर मिलिट्री कमांडर के बीच LAC पर डीएस्कलेशन को लेकर सहमति तय हुई थी. ग्राउंड कमांडर नियमित तौर पर पिछले हफ्ते इस सहमति को लागू करने के लिए मिल रहे थे. लेकिन चीनी पक्ष ने पहले से नियोजित एक्शन लिया जो कि हिंसा और क्षति का कारण है.
विदेश मंत्रालय ने साफ किया है कि ये ऐतिहासिक है और इसका भारत और चीन के रिश्तों पर गंभीर असर होगा. इस वक्त की जरूरत है कि चीनी पक्ष अपने उठाए कदम का फिर से आकलन करे और जरूरी कदम उठाए. दोनों पक्षों को गंभीरता से उस सहमति का पालन करना चाहिए जो दोनों देशों के सीनियर कमांडर्स ने मिलकर तय की थी. उनको LAC का सम्मान करना चाहिए और कोई एकतरफा कदम नहीं उठाना चाहिए.
विदेश मंत्रालय के मुताबिक दोनों पक्षों में सहमति बनी है कि इस परिस्थिति को जिम्मेदारी के साथ हैंडल किया जाएगा और दोनों पक्ष 6 जून को जो तय हुआ था उसका पालन करेंगे. दोनों पक्ष मामले को और बढ़ाने वाला कोई कदम नहीं उठाएंगे.
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