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PM Modi के काफिले के फंसने का जिम्मेदार कौन? उठ रहें हैं ये बड़े सवाल

PM Modi के पंजाब दौरे पर सुरक्षा में चूक को लेकर विवाद सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है, अब तक के अपडेट पर एक नजर

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भारत
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के पंजाब दौरे पर सुरक्षा में चूक (security lapse) को लेकर विवाद अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. जहां एक तरफ केंद्र सरकार और बीजेपी नेता इसमें प्रधानमंत्री की सुरक्षा के खिलाफ सोची-समझी साजिश देख रहे हैं वहीं राज्य की चन्नी सरकार ने पीएम की सुरक्षा में किसी भी चूक के दावों को सिरे से खारिज कर दिया है.

आगामी पंजाब विधानसभा चुनावों से पहले केंद्र-राज्य सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप तथा पीएम मोदी के लिए बीजेपी नेताओं, मुख्यमंत्रियों के “दीर्घायु पूजा” से दूर कई ऐसे सवाल हैं जो इस विवाद के बीच सामने आये हैं.

नजर डालते हैं ऐसे ही कुछ सवालों और पूरे विवाद पर अब तक के अपडेट पर एक नजर.

पीएम मोदी की सुरक्षा में “चूक”- किसकी गलती ?

सीनियर जर्नलिस्ट मीतू जैन ने इस मामले पर ट्वीट कर पूछा है जब पीएम की यात्रा SPG रूलबुक के आधार पर होती है, जिसके मुताबिक बैकअप रूट तय होता है, सेफ हाउस तय होता है. तो क्या इस बार ये रूट तय नहीं हुआ था.

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अगर पीएम को असुरक्षित रूट पर यात्रा करने दिया गया तो SPG चीफ को इस्तीफा क्यों नहीं देना चाहिए? रूट को ग्रीन सिग्नल राज्य पुलिस देती है, तो अगर असुरक्षित रास्ते पर जाने के लिए राज्य पुलिस ने ग्रीन सिग्नल दिया तो DGP को इस्तीफा क्यों नहीं देना चाहिए?

मीतू जैन ने सवाल किया है कि रूल बुक के मुताबिक मौसम की 48 घंटे पहले जानकारी लेनी होती है तो लेकिन ऐसा क्यों नहीं किया गया. काफिले के आगे एक चेतावनी कार चलती है तो इस कार ने प्रदर्शकारियों को क्यों नहीं नोटिस किया. क्यों पीएम के काफिले को प्रदर्शनकारियों के 20 मीटर करीब तक पहुंचने दिया गया? SPG ने तुरंत यूटर्न क्यों नहीं लिया? 20 मिनट का इंतजार क्यों?

अगर पीएम कह रहे हैं कि जान को खतरा था तो एसपीजी को जवाब देना चाहिए क्योंकि इनर लेयर की सुरक्षा पूरी तरह से एसपीजी की है.

क्विंट के राजनीतिक पत्रकार आदित्य मेनन के अनुसार बठिंडा हवाई अड्डे से हुसैनीवाला का सबसे छोटा रास्ता भी 106 किमी का है, जो कोटकपुरा, फरीदकोट और फिरोजपुर से होकर गुजरता है. आम दिनों में इसमें दो से ढाई घंटे का समय लग जाता है.

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यह पूरा रुट बठिंडा, फरीदकोट और फिरोजपुर जैसे जिलों से होकर गुजरता है, जो ग्रामीण मालवा में है. ग्रामीण मालवा किसानों के विरोध का केंद्र है. तो निश्चित रूप से केंद्रीय एजेंसियों, जैसे कि इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) को विरोध प्रदर्शन का पूर्वानुमान करना चाहिए था.

पीएम मोदी की सुरक्षा में “चूक”- अब तक के अपडेट

  • पीएम मोदी के पंजाब दौरे पर सुरक्षा में चूक का मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. सुप्रीम कोर्ट से याचिकाकर्ता ने पंजाब के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को जिम्मेदार ठहराने और कार्रवाई लंबित रहने तक उन्हें निलंबित करने को कहा गया है.

  • CJI एनवी रमना ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह राज्य के पास एक प्रति दाखिल करें और कहा कि इस मुद्दे पर कल, 7 जनवरी सुनवाई की जाएगी.

  • पंजाब सरकार ने सुरक्षा में चूक की जांच के लिए दो सदस्यीय पैनल का गठन किया है. रिटायर्ड जज जस्टिस मेहताब गिल और गृह विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग वर्मा तीन दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपेंगे.

  • राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने गुरुवार, 6 जनवरी को दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की.

  • इंडियन एक्सप्रेस ने सरकारी सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट प्रकाशित किया है कि केंद्र सरकार पंजाब पुलिस अधिकारियों के खिलाफ विशेष सुरक्षा समूह (SPG) अधिनियम के तहत कार्रवाई पर विचार कर रही है.

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