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कारगिल शहीद की गाथा सुन रो पड़े पीएम मोदी और आर्मी चीफ जनरल रावत

शहीद लांसनायक बच्चन सिंह की कहानी इतनी मार्मिक थी कि पीएम मोदी और आर्मी चीफ रो पड़े 

Published
भारत
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दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में कारगिल विजय दिवस समारोह के दौरान एक ऐसा वक्त आया जब शहीदों की वीरगाथा सुनते हुए पीएम नरेंद्र मोदी और आर्मी चीफ जनरल विपिन अपने आंसुओं को रोक नहीं सके. उनके साथ वहां मौजूद लोगों की आंखें भी नम हो गईं.

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सुनाई गई शहीद लांसनायक बच्चन सिंह की कहानी

दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में कारगिल विजय दिवस के मौके पर आयोजित भव्य कार्यक्रम के दौरान कारगिल युद्द में शहीद हुए लांसनायक बच्चन सिंह की कहानी सुनाई जा रही थी. समारोह में लांस नायक की पत्नी को सम्मानित किया गया. उनके बेटे लेफ्टिनेंट हितेश भी साथ में मौजूद थे.

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कार्यक्रम में युवाओं की एक टीम ने शारीरिक भंगिमाओं ने लांस नायक की कहानी बयां की थी. कहानी इतनी मार्मिक थी कि पीएम मोदी और जनरल विपिन रावत दोनों की आंखों से आंसू निकल पड़े. वहां मौजूद लोगों की आंखों में भी आंसू थे. लांस नायक बच्चन सिंह की पत्नी श्रीमती कमलेश बाला को स्टेज पर बुलाया गया और सम्मानित किया गया.

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पीएम ने कहा,सरकारें नहीं पूरा देश लड़ता है युद्ध

इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि युद्ध सरकारें नहीं लड़ती हैं. पूरा देश युद्ध लड़ता है. सरकारें आती जाती रहती हैं. लेकिन जो देश के लिए मरने-जीने की परवाह नहीं करते हैं, वे अमर हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि सैनिक आने वाले दिनों के लिए खुद को मिटा देते हैं.

पीएम मोदी ने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्हें कारगिल जाने का मौका मिला था. लेकिन जब हमारी सेना ने कारगिल युद्ध जीता था तब भी मैं कारगिल गया था. उन्होंने कहा कि करगिल की जीत हमारे बेटों और बेटियों की बहादुरी की जीत थी. यह भारत की ताकत और धैर्य की जीत थी. यह भारत की पवित्रता और अनुशासन की जीत थी. यह हर भारतीय की उम्मीदों की जीत थी. यह पहला मौका था जब पीएम ने कारगिल विजय दिवस समारोह पर देश को संबोधित किया है.

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