मालदीव में चल रहे राजनीतिक उथल-पुथल के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन पर बातचीत की. दोनों नेताओं ने मालदीव में चल रहे राजनीतिक संकट समेत कई मुद्दों पर चर्चा की. साथ मालदीव के हालात पर चिंता भी जताई.
व्हाइट हाउस ने बताया कि दोनों नेताओं के बीच अफगानिस्तान की स्थिति और हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ाने पर भी चर्चा हुई.
2018 में पहली बार फोन पर पीएम मोदी-ट्रंप के बीच हुई बात
इस साल ट्रंप और मोदी के बीच फोन पर हुई पहली बातचीत के बारे में व्हाइट हाउस ने कहा,
दोनों नेताओं ने मालदीव में राजनीतिक संकट पर चिंता जतायी और लोकतांत्रिक संस्थाओं और कानून का सम्मान करने के महत्व पर जोर दिया.
वहीं इससे पहले भी अमेरिका ने मालदीव के हालात टिप्पणी करते हुए कहा था कि वह राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन की ओर से आपातकाल घोषित करने पर ‘‘निराश''है. अमेरिका ने यामीन से कहा कि वह कानून के शासन का पालन करें और सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अमल में लाएं.
मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति ने कहा-भारत बने मुक्तिदाता
मालदीव में आपातकाल लगने के बाद वहां के निर्वासित पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नाशीद ने भारत से अपने देश को राजनीतिक संकट से निजात दिलाने के अपील की है. नाशीद ने चीन को खरी-खोटी सुनाई है. नाशीद ने भारत को मुक्तिदाता का रोल अदा करने के लिए कहा है.
क्या है मालदीव संकट का पूरा मामला?
6 फरवरी 2018 को मालदीव की सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद समेत 9 लोगों के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया था. साथ ही इन राजनेताओं की रिहाई के आदेश भी दिए थे.
लेकिन मौजूदा राष्ट्रपति यामीन ने सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश को मानने से इनकार कर दिया था. जिसके बाद राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने आपातकाल घोषित कर दिया. जिसके कुछ ही घंटों बाद सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस अब्दुल्ला सईद और एक जज अली हमीद को गिरफ्तार कर लिया गया.
2008 में बहाल हुआ था लोकतंत्र
बता दें कि मालदीव में 2008 में लोकतंत्र बहाल हुआ था. इससे पहले अब्दुल गयूम 30 साल तक मालदीव के प्रेसिडेंट रहे. 2008 में देश में लोकतंत्र की स्थापना होने के बाद चुनाव हुआ. लोकतांत्रिक रूप से चुनाव होने के बाद मोहम्मद नशीद मालदीव के पहले चुने हुए राष्ट्रपति बने थे. लेकिन साल 2012 में उन्हें इस्तीफा देना पड़ा. जिसके बाद उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें बन्दूक की नोक पर इस्तीफा देने को कहा गया था. 2013 में हुए चुनाव के बाद से अब्दुल्ला यामीन मालदीव की सत्ता संभाल रहे हैं.
2015 में मोहम्मद नशीद को आतंकवाद विरोधी कानूनों के तहत सत्ता से बेदखल कर दिया गया. पचास साल के नशीद को मार्च 2015 में आतंक के आरोप में 13 साल की सजा सुनाई गई थी. उन पर अपने शासन के दौरान क्रिमिनल जज अब्दुल्ला मुहम्मद की गिरफ्तारी का आरोप है. कई देशों के दबाव के बाद उन्हें इलाज के लिए बाहर भेजा गया. उन्हें ब्रिटेन में राजनीतिक शरण दी गई है.
बताया जा रहा है कि ट्रंप और पीएम मोदी के बीच ने म्यांमार और रोहिंग्याओं को लेकर भी चर्चा की. खबरें हैं कि यूएस अभी रोहिंग्याओं के म्यांमार लौटने को सही नहीं मान रहा है. इसके अलावा मोदी और ट्रंप ने उत्तर कोरिया को लेकर भी चर्चा की.
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