पंजाब नेशनल बैंक में 11,300 का 'महाघोटाला' करके डायमंड कारोबारी नीरव मोदी फुर्र हो चुका है. अब ऐसे में विदेश मंत्रालय ने एक बयान में पूरे आत्मविश्वास के साथ कहा है कि वो जिस देश में हैं वहीं रहेंगे, पासपोर्ट सस्पेंड होने के बाद वो कहीं नहीं जा सकते.
नीरव मोदी के पासपोर्ट रद्द हो चुके हैं और उसे एक हफ्ते के भीतर जवाब देने को कहा गया है. अब व्यवहारिकता पर आ सकते हैं, जो आदमी महाघोटाले का आरोपी है वो क्या जवाब देता है, देता भी है या नहीं. इसका इंतजार 'बेमानी' होगा. बेल्जियम में पले बढ़े नीरव मोदी की पत्नी एक अमेरिकी नागरिक हैं वहीं उनका भाई निशल बेल्जियम का नागरिक है और ये दोनों भी लुक आउट नोटिस जारी (31 जनवरी) होने से पहले ही देश छोड़ चुके हैं. अब इनपर अपने देश का कानून कैसे लगाम लगाएगा?
प्रत्यर्पण मामलों के क्या हैं हालात?
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, साल 2002 से अबतक 62 भगौड़ों को दूसरे देशों से वापस लाने में कामयाबी मिली है. एक आरटीआई के मुताबिक, फिलहाल 121 ऐसे केस पेंडिंग हैं. यानी भगौड़ों की देश वापसी में करीब 33 फीसदी मामलों में ही सरकार को सफलता मिल सकी है.
ये दो केस भी बताते हैं गुंजाइश
नीरव मोदी के देश में लौटने की कितनी गुंजाइश है, इन दो केसों से भी समझा जा सकता है. 2 मार्च 2016 में देश से फरार होकर लंदन पहुंचे शराब कारोबारी विजय माल्या आज भी गिरफ्त से बाहर है. गिरफ्तारी की सुगबुगाहट से पहले ही नीरव की तरह माल्या ने भी देश छोड़ दिया था. अब अकसर कभी क्रिकेट का मैच देखते या कहीं और सैर-सपाटा करते माल्या की तस्वीरें सुर्खियां बनती हैं.
एक केस लंदन की कोर्ट में भी माल्या पर चल रहा है, जिस रफ्तार से उसे वहां गिरफ्तार किया जाता है, उससे 10 गुना रफ्तार से वो जमानत हासिल कर लेता है. साल बीत रहे हैं, माल्या के इंतजार में 9 हजार करोड़ का उधार देने वाले बैंक बैठे हैं.
ललित मोदी 2010 से ही फरार
दूसरा उदाहरण, आईपीएल के पूर्व कमीश्नर ललित मोदी का है, ट्विटर बम 'फोड़ने' के लिए मशहूर ललित मोदी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जबरदस्त तौर पर सक्रिय हैं. 2010 से फरार ललित मोदी की भी घरवापसी की सारी तरकीबें काम नहीं आ रही हैं. 8 साल हो गए खबरें बनती हैं, लेकिन ललित मोदी की घरवापसी की खबर नहीं दिखती.
ऐसे में देश को एक और घोटाले का भगौड़ा हासिल हुआ है. इस बार इल्जाम और संगीन है. एक बैंक से 11,300 करोड़ का घोटाला. देश का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक जहां लोग पैसों के साथ अपने 'अरमान' भी जमा करते हैं. इस घोटाले के बाद भारी कर्ज से डूबे बैंक की साख भी डूबती दिख रही है. लेकिन हम आशांवित हैं, आस लगाए बैठे हैं कि नीरव मोदी को जरूर वापस लाया जाएगा.
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