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पॉजिटिविटी जरूरी है लेकिन बेड, ऑक्सीजन का विकल्प नहीं! दो कहानियां

ICU बेड न मिलने पर भी ‘लव यू जिंदगी’ सुन रही कोरोना पीड़ित लड़की नहीं रही

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भारत
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हर दिन कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है, इस लिस्ट में एक और नाम जुड़ गया है, उस लड़की का जो अस्पताल के बेड से भी पॉजिटिविटी की बातें कर रही थी. कुछ दिन पहले ही सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें एक 30 साल की कोविड मरीज अस्पताल के बेड पर बैठी शाहरुख खान की फिल्म डियर जिंदगी के हिट गाने ‘लव यू जिंदगी’ पर झूमती नजर आ रही थी. अस्पताल की ही एक डॉक्टर ने इस वीडियो को शेयर किया था, जिसे देखकर लोगों को मो़टिवेशन मिल रहा था, लेकिन दूसरों को पॉजिटिविटी का संदेश देने वाली लड़की ही हमेशा के लिए खामोश हो गई.

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कोरोना के इस निगेटिव माहौल में लोगों को पॉजिटिव सोच रखने का संदेश दिया जा रहा है, लेकिन जब  इलाज ही नहीं मिलेगा तो क्या पॉजिटिव थिंकिंग से लोगों की जान बच जाएगी, अस्पतालों के आगे लंबी लाइन लगी है, बेड नहीं है, लोगों को जीने के लिए एक सांस तक नसीब नहीं हो रही, ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं  मिल रहा है. लोग एक-एक सांस के लिए तड़प-तड़प कर अपनी जांन गंवा रहे हैं. आखिर ऐसे हालात में कैसे जिंदगियां बचाई जाएंगी. 

कुछ दिन पहले की डॉ मोनिका लांगेह ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया था. उस वीडियो के कैप्‍शन में लिखा था- Lesson: Never lose hope यानी हालात कैसे भी हों उम्मीद मत खोना. इसी पोस्ट में डॉक्टर ने जिक्र किया था- 30 साल की उस युवती को आईसीयू बेड नहीं मिल रहा, 10 दिनों से उसे कोविड इमरजेंसी वॉर्ड में रखा गया है. वो NIV के सपोर्ट पर है रेमेडिसवीर, प्लाज्मा थेरेपी भी दी जा रही है, वो मजबूत लड़की है.

लेकिन वो मजबूत इरादों वाली लड़की सिस्टम के सामने फेल हो गई.

ये एक कहानी सिर्फ एक लड़की की नहीं है, कुछ दिन पहले ही मशहूर यूट्यूबर राहुल वोहरा भी सही इलाज ना मिलने की वजह से जिंदगी की जंग हार बैठे. कोरोना उनपर कहर बनकर टूटा और उनकी जिंदगी ही खत्म कर दिया, लेकिन कोरोना ही नहीं वो सिस्टम भी जिम्मेदार है, जिसकी वजह से राहुल की जान गई, वो शख्स अपनी एक-एक सांस के लिए प्रशासन से गुहार लगाता रहा, जिंदा रहते हुए उनका लिखा हुआ आखिरी पोस्ट लाखों लोगों को रुला गया.

एक जिंदा शख्स ने मरने से पहले जो लिखा, उसे पढ़कर लोगों की आंखों में आंसू आ गए.

मुझे भी सही इलाज मिलता तो मैं भी बच जाता, जल्द जन्म लूंगा और अच्छा काम करूंगा. अब हिम्मत हार चुका हूं. 

मौत के सामने हार गया राहुल

राहुल की ये चंद लाइनें उसकी बेबसी को दिखाती हैं, कि एक जिंदादिल शख्स कैसे मौत के सामने हार मान गया था. वो एक-एक पल अपनी मौत को सामने आते हुए बेबस देख रहा था. राहुुल ने इस पोस्ट के साथ पीएम मोदी और दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को टैग भी किया था, लेकिन राहुल की लिखी ये चंद लाइनें उसकी मौत के बाद दुनिया के सामने आईं, तो उसके गम में आंसू बहाने वालों की भीड़ इकट्ठी हो गई, लेकिन जिस वक्त वो मदद मांग कर रहा था, किसी ने उसकी नहीं सुनी.

जिस शख्स के यूटूयूब पर लाखों फॉलोवर हैं, जो लोगों का मनोरंजन कर उनके अदंर पॉजिटविटी लाने का काम करता था, वो अपनी जिंदगी की एक-एक सांस के लिए तड़प-तड़प कर मर गया, इस पोस्ट से यही पता चलता है कि राहुल को पहले ही आभास हो गया था वो अब नहीं बचने वाला है और उसकी वजह कोरोना नहीं हमारा सिस्टम है, जो लोगों को सही इलाज तक नहीं दे पा रहा.

राहुल की मौत के बाद उसकी पत्नी ने एक वीडियो भी शेयर किया, जिसे राहुल ने अस्पताल के बेड से रिकॉर्ड किया था. 35 साल के राहुल का ये आखिरी वीडियो बताता है कि कैसे लोग सही इलाज नहीं मिलने की वजह से अपनी जान गंवा रहे हैं, ये हालत देश की राजधानी दिल्ली का है, तो देश के दूसरे शहरों की हालत का आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं.

राहुल ही नहीं ऐसे हजारों लोग होंगे, जिनको सही इलाज मिल जाता तो वो बच जाते. पिछले कई दिनों से रोजाना 4 हजार से ज्यादा लोगों की जान जा रही है. 3 लाख से ज्यादा केस हर दिन आ रहे हैं. साथ ही देश भर से वो तस्वीरों भी दिखती हैं, जिसमें अस्पताल के बाहर लाइन लगी, है तो वहीं श्मशान घाट में लोगों को अंतिम विदाई देने के लिए जगह नहीं है, नदी में लाशें बहायी जा रही हैं. लोग बेबस हैं, अपनी आंखों से सामने अपनों को हमेशा के लिए खोते जा रहे हैं और कुछ नहीं कर पा रहे.

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