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प्रभात खबर के चीफ एडिटर पर जेल से कथित धमकी मिलने के बाद FIR क्यों? जानें पूरा विवाद

Prabhat Khabar Controversy Explained: प्रभात खबर अखबार और योगेंद्र तिवारी के बीच विवाद शुरू होने की मुख्य वजह क्या है?

Published
भारत
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झारखंड (Jharkhand), बिहार (Bihar) और पश्चिम बंगाल (West Bengal) में प्रकाशित होने वाले हिंदी अखबार प्रभात खबर (Prabhat Khabar) के प्रधान संपादक (Chief Editor) आशुतोष चतुर्वेदी और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. प्रभात खबर ने अपने स्टेटमेंट में आरोप लगाया है कि रांची के जेल में बंद शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी ने जेल से ही प्रभात खबर के प्रधान संपादक आशुतोष चतुर्वेदी को पहले फोन कर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी, इसके बाद उसी की शिकायत पर पुलिस ने एक फर्जी मामले में प्रधान संपादक आशुतोष चतुर्वेदी और वरीय स्थानीय संपादक विजय पाठक के खिलाफ खेलगांव थाना में FIR दर्ज कर ली है.

आइए सिलसिलेवार जानते हैं कि ये पूरा मामला कब से शुरू हुआ और अब तक क्या-क्या हुआ है...

प्रभात खबर के चीफ एडिटर पर जेल से कथित धमकी मिलने के बाद FIR क्यों? जानें पूरा विवाद

  1. 1. कहां से शुरू हुआ मामला?

    विवाद का पूरा सिलसिला, प्रभात खबर में बिरसा मुंडा जेल में बंद योगेंद्र तिवारी से जुड़ी एक खबर पब्लिश होने के बाद शुरू हुआ. प्रभात खबर अखबार ने 28 दिसंबर को ईडी की चार्जशीट को आधार बनाकर शराब माफिया योगेंद्र तिवारी पर कुछ आरोप लगाते हुए एक खबर पब्लिश की. इसमें इस बात की जानकारी दी गई कि योगेंद्र तिवारी ने किस तरह से अवैध रूप से बालू बेचकर पैसे कमाए और इस अवैध धन को शराब के कारोबार में लगाया.

    Prabhat Khabar Controversy Explained: प्रभात खबर अखबार और योगेंद्र तिवारी के बीच विवाद शुरू होने की मुख्य वजह क्या है?

    प्रभात खबर अखबार में 28 दिसंबर 2023 को छपी रिपोर्ट 

    (फोटो- epaper.prabhatkhabar.com)

    प्रभात खबर का दावा है कि अखबार में योगेंद्र तिवारी से जुड़ी रिपोर्ट पब्लिश होने के बाद, 29 दिसंबर की सुबह अखबार के संपादक आशुतोष चतुर्वेदी को कथित तौर पर बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में बंद योगेंद्र तिवारी की ओर से धमकियां आईं.

    रिपोर्ट के मुताबिक इसकी शिकायत पुलिस को दी गई और पुलिस ने केस दर्ज करने के बाद मामले को जांच के लिए CID को सौंप दिया.

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  2. 2. CID जांच में क्या मिला और जेल प्रशासन ने क्या कार्रवाई की?

    IANS की रिपोर्ट के मुताबिक रांची के बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में अफसरों और मनी लॉन्ड्रिंग केस के अभियुक्त कैदियों की सांठगांठ के मामले में राज्य के जेल प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है. जेलर प्रमोद कुमार सहित तीन जेल कर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है.

    दरअसल, 29 दिसंबर को जेल के फोन नंबर से प्रभात खबर के चीफ एडिटर आशुतोष चतुर्वेदी को मनी लॉन्ड्रिंग के अभियुक्त योगेंद्र तिवारी के धमकी देने के बाद ईडी ने जेलर को तलब कर पूछताछ की थी.

    राज्य सरकार ने मामले की CID जांच कराई थी. जांच में यह बात सामने आई कि जेल के टेलीफोन में संपादक का नंबर फीड करने में सीनियर वार्डन अवधेश कुमार सिंह और कंप्यूटर ऑपरेटर की भूमिका थी. जांच रिपोर्ट के आधार पर जेलर के अलावा दोनों वार्डन को सस्पेंड करने का आदेश शुक्रवार शाम जारी किया गया.

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  3. 3. अखबार के सीनियर एडिटर ने CM सोरेन को लिखा पत्र

    इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार प्रभात खबर के सीनियर एडिटर ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर अखबार के मुख्य संपादक को बिरसा मुंडा जेल से धमकी भरे कॉल करने का आरोप लगाया.

    रिपोर्ट के मुताबिक 29 दिसंबर को लिखे एक पत्र में, प्रभात खबर के वरिष्ठ संपादक विजय पाठक ने सीएम सोरेन को बताया किया कि उनके मुख्य संपादक आशुतोष चतुर्वेदी को योगेंद्र तिवारी नाम के एक व्यक्ति ने फोन किया था और हालिया कवरेज को लेकर धमकी दी गई थी.

    Prabhat Khabar Controversy Explained: प्रभात खबर अखबार और योगेंद्र तिवारी के बीच विवाद शुरू होने की मुख्य वजह क्या है?

    प्रभात खबर के सीनियर एडिटर विजय पाठक द्वारा CM हेमंत सोरेन को लिखा गया पत्र

    (फोटो- X/@IndEditorsGuild)

    विजय पाठक ने मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र में कहा कि मुझे भी कई लैंडलाइन नंबरों से कई कॉल आईं. हालांकि, मैं बोल नहीं सका. हमें बाद में पता चला कि ये सभी नंबर बिरसा मुंडा जेल के थे.

    इस बीच, ED के सूत्रों ने कहा कि उन्होंने आरोपियों की टेलीफोन तक पहुंच के संबंध में पूछताछ करने के लिए बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल के अधिकारियों को बुलाया है.

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  4. 4. अखबार को मिली धमकी के बाद समर्थन में आए प्रेस संगठन

    प्रभात खबर के संपादक की तरफ से मुख्यमंत्री के नाम लिखे गए पत्र के बाद शनिवार, 30 दिसंबर 2023 को एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने भी हेमंत सोरेन को पत्र लिखा. इसमें संगठन ने कहा कि संपादक आशुतोष चतुर्वेदी (जो गिल्ड के एक वरिष्ठ सदस्य हैं) ने ध्यान दिलाया है कि अखबार राज्य के शराब माफिया के कुछ सदस्यों के खिलाफ ED द्वारा दायर आरोपों पर रिपोर्ट प्रकाशित कर रहा है. इन रिपोर्टों का हवाला देते हुए उन्हें योगेंद्र तिवारी नामक व्यक्ति से धमकी भरे कॉल आए. इससे भी अधिक चिंताजनक बात यह है कि उन्हें विभिन्न लैंडलाइन नंबरों से कई कॉल आए, जो सभी बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में रजिस्टर्ड नजर आ रहे हैं.

    Prabhat Khabar Controversy Explained: प्रभात खबर अखबार और योगेंद्र तिवारी के बीच विवाद शुरू होने की मुख्य वजह क्या है?

    प्रभात खबर को धमकी मिलने और सीनियर एडिटर विजय पाठक के द्वारा CM को पत्र लिखे जाने के बाद EGI ने चिंता व्यक्त की थी.

    (फोटो- X/@IndEditorsGuild)

    इसमें आगे कहा गया कि

    यह बहुत चिंता का कारण है कि एक प्रमुख अखबार के वरिष्ठ पत्रकार और उसके मुख्य संपादक को अखबार में प्रकाशित समाचार रिपोर्टों के जवाब में धमकी दी जा रही है. अगर कोई भी सरकारी अधिकारी इसमें शामिल पाया जाता है, तो सख्त कार्रवाई की जा सकती है.

    इसके अलावा पत्रकारिता के एक राष्ट्रीय ऑर्गनाइजेशन ‘नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स-इंडिया’ (NUJ-I) ने भी इस मामले पर फिक्र जाहिर की. NUJ-I के राष्ट्रीय अध्यक्ष रास बिहारी ने कहा कि जेल के फोन नंबर से धमकी मिलने से सीधे तौर पर राज्य सरकार पर भी सवाल उठता है. उन्होंने कहा कि सरकारी संरक्षण की वजह से अपराधियों और माफिया के हौसले बुलंद हैं.

    • 01/02

      प्रभात खबर को मिली धमकी के बाद ‘नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स-इंडिया’ (NUJ-I) ने चिंता व्यक्त की थी.

      (फोटो- X/@NUJIndia)

    • 02/02

      प्रभात खबर को मिली धमकी के बाद ‘नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स-इंडिया’ (NUJ-I) ने चिंता व्यक्त की थी.

      (फोटो- X/@NUJIndia)

    इसके अलावा प्रेस क्लब ऑफ इंडिया (PCI) ने मामले पर फिक्र जाहिर करते हुए कहा कि हम झारखंड सरकार और झारखंड पुलिस से गुजारिश करते हैं कि धमकियों पर गंभीरता से ध्यान दें.

    Prabhat Khabar Controversy Explained: प्रभात खबर अखबार और योगेंद्र तिवारी के बीच विवाद शुरू होने की मुख्य वजह क्या है?

    प्रभात खबर को मिली धमकी के बाद प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने चिंता जाहिर की थी.

    (फोटो- स्क्रीनग्रैब)

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  5. 5. अब एडिटर के खिलाफ ही FIR

    अब 'प्रभात खबर' के संपादक आशुतोष चतुर्वेदी और अन्य लोगों के खिलाफ जेल में बंद शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी की शिकायत पर FIR दर्ज की गई है. शराब, जमीन और बालू कारोबारी योगेंद्र तिवारी मौजूदा वक्त में रांची की जेल में बंद है और उस पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे हुए हैं.

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  6. 6. FIR दर्ज होने के बाद 'प्रभात खबर' ने क्या कहा?

    शुक्रवार, 5 जनवरी को 'प्रभात खबर' अखबार के फ्रंट पेज की पहली खबर इसी मामले से जुड़ी थी. इसमें लिखा गया है कि "रांची जेल में बंद जिस योगेंद्र तिवारी ने प्रभात खबर के संपादक को धमकी दी पुलिस ने उसी की शिकायत पर फर्जी मामले में संपादकों पर दर्ज की एफआईआर"

    Prabhat Khabar Controversy Explained: प्रभात खबर अखबार और योगेंद्र तिवारी के बीच विवाद शुरू होने की मुख्य वजह क्या है?

    एडिटर के खिलाफ FIR होने के बाद 'प्रभात खबर' अखबार में छपी रिपोर्ट

    (फोटो- Facebook/Ashutosh Chaturvedi)

    इस रिपोर्ट में अखबार ने कहा है कि "भ्रष्टाचार के खिलाफ और जनहित की पत्रकारिता के कारण प्रभात खबर को पहले भी निशाना बनाया जा रहा है"

    "न पहले कभी झुका था और न कभी झुकेगा"

    अखबार ने कहा कि योगेंद्र तिवारी, शराब, बालू और जमीन कारोबारी है और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जेल मे बंद है. प्रभात खबर आरंभ से ही भ्रष्टाचार के खिलाफ मुखर रहा है. जनहित की पत्रकारिता के कारण प्रभात खबर को पहले भी निशाना बनाने की कोशिश की जाती रही है, उसे परेशान करने का प्रयास किया गया है, प्रभात खबर को झुकाने का प्रयास किया गया है. इसके बावजूद प्रभात खबर न पहले कभी झुका था और न कभी झुकेगा.

    इतिहास बताता है कि जब-जब प्रभात खबर को परेशान किया गया है, झूठे मुकदमे में फंसाने का प्रयास किया गया है, जनता की आवाज को दबाने का प्रयास किया गया है, पाठक-जनता सड़कों पर प्रभात खबर के समर्थन में उतरी है. यही प्रभात खबर की सबसे बड़ी ताकत रही है.
    प्रभात खबर ने कहा
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  7. 7. FIR दर्ज होने के बाद EGI और अन्य समाचार संगठनों ने क्या कहा है?

    प्रभात खबर के संपादकों के खिलाफ झारखंड पुलिस द्वारा दर्ज की गई FIR का जिक्र करते हुए, एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (EGI) ने कहा कि यह एफआईआर योगेंद्र तिवारी नामक व्यक्ति की शिकायत पर आधारित है. FIR में जिन लोगों के नाम हैं, उनमें प्रभात खबर के मुख्य संपादक, आशुतोष चतुर्वेदी, इसके स्थानीय संपादक, विजय कांत पाठक और इसके प्रबंध निदेशक (MD), राजीव झावर शामिल हैं.

    यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि योगेंद्र तिवारी (जो बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में बंद है) ने कथित तौर पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा दायर आरोपों पर समाचार पत्र में प्रकाशित कुछ रिपोर्टों के जवाब में आशुतोष चतुर्वेदी को धमकी भरे कॉल किए थे.
    एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया
    Prabhat Khabar Controversy Explained: प्रभात खबर अखबार और योगेंद्र तिवारी के बीच विवाद शुरू होने की मुख्य वजह क्या है?

    FIR दर्ज होने के बाद EGI का बयान

    (फोटो- क्विंट हिंदी)

    EGI एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने राज्य सरकार और पुलिस से आशुतोष चतुर्वेदी की पिछली शिकायत की जांच पूरी करने का आग्रह करते हुए अपनी पिछली मांगों को दोहराया.

    प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने झारखंड में प्रभात खबर के प्रधान संपादक के खिलाफ दर्ज केस को फर्जी करार दिया है और चिंता जाहिर की है. संगठन ने कहा कि हम झारखंड सरकार और पुलिस से मामले की गहन जांच और संपादक के लिए इंसाफ की मांग करते हैं.

    Prabhat Khabar Controversy Explained: प्रभात खबर अखबार और योगेंद्र तिवारी के बीच विवाद शुरू होने की मुख्य वजह क्या है?

    प्रभात खबर के एडिटर के खिलाफ FIR दर्ज किए जाने के बाद प्रेस क्लब ऑफ इंडिया का बयना

    (फोटो- स्क्रीनग्रैब)

    PCI ने आगे कहा कि यही वजह है कि जब भी भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने वाले देश भर के जिन चुनिंदा अखबारों की चर्चा होती है, उसमें प्रभात खबर का अहम स्थान होता है.

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कहां से शुरू हुआ मामला?

विवाद का पूरा सिलसिला, प्रभात खबर में बिरसा मुंडा जेल में बंद योगेंद्र तिवारी से जुड़ी एक खबर पब्लिश होने के बाद शुरू हुआ. प्रभात खबर अखबार ने 28 दिसंबर को ईडी की चार्जशीट को आधार बनाकर शराब माफिया योगेंद्र तिवारी पर कुछ आरोप लगाते हुए एक खबर पब्लिश की. इसमें इस बात की जानकारी दी गई कि योगेंद्र तिवारी ने किस तरह से अवैध रूप से बालू बेचकर पैसे कमाए और इस अवैध धन को शराब के कारोबार में लगाया.

Prabhat Khabar Controversy Explained: प्रभात खबर अखबार और योगेंद्र तिवारी के बीच विवाद शुरू होने की मुख्य वजह क्या है?

प्रभात खबर अखबार में 28 दिसंबर 2023 को छपी रिपोर्ट 

(फोटो- epaper.prabhatkhabar.com)

प्रभात खबर का दावा है कि अखबार में योगेंद्र तिवारी से जुड़ी रिपोर्ट पब्लिश होने के बाद, 29 दिसंबर की सुबह अखबार के संपादक आशुतोष चतुर्वेदी को कथित तौर पर बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में बंद योगेंद्र तिवारी की ओर से धमकियां आईं.

रिपोर्ट के मुताबिक इसकी शिकायत पुलिस को दी गई और पुलिस ने केस दर्ज करने के बाद मामले को जांच के लिए CID को सौंप दिया.

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CID जांच में क्या मिला और जेल प्रशासन ने क्या कार्रवाई की?

IANS की रिपोर्ट के मुताबिक रांची के बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में अफसरों और मनी लॉन्ड्रिंग केस के अभियुक्त कैदियों की सांठगांठ के मामले में राज्य के जेल प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है. जेलर प्रमोद कुमार सहित तीन जेल कर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है.

दरअसल, 29 दिसंबर को जेल के फोन नंबर से प्रभात खबर के चीफ एडिटर आशुतोष चतुर्वेदी को मनी लॉन्ड्रिंग के अभियुक्त योगेंद्र तिवारी के धमकी देने के बाद ईडी ने जेलर को तलब कर पूछताछ की थी.

राज्य सरकार ने मामले की CID जांच कराई थी. जांच में यह बात सामने आई कि जेल के टेलीफोन में संपादक का नंबर फीड करने में सीनियर वार्डन अवधेश कुमार सिंह और कंप्यूटर ऑपरेटर की भूमिका थी. जांच रिपोर्ट के आधार पर जेलर के अलावा दोनों वार्डन को सस्पेंड करने का आदेश शुक्रवार शाम जारी किया गया.

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अखबार के सीनियर एडिटर ने CM सोरेन को लिखा पत्र

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार प्रभात खबर के सीनियर एडिटर ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर अखबार के मुख्य संपादक को बिरसा मुंडा जेल से धमकी भरे कॉल करने का आरोप लगाया.

रिपोर्ट के मुताबिक 29 दिसंबर को लिखे एक पत्र में, प्रभात खबर के वरिष्ठ संपादक विजय पाठक ने सीएम सोरेन को बताया किया कि उनके मुख्य संपादक आशुतोष चतुर्वेदी को योगेंद्र तिवारी नाम के एक व्यक्ति ने फोन किया था और हालिया कवरेज को लेकर धमकी दी गई थी.

Prabhat Khabar Controversy Explained: प्रभात खबर अखबार और योगेंद्र तिवारी के बीच विवाद शुरू होने की मुख्य वजह क्या है?

प्रभात खबर के सीनियर एडिटर विजय पाठक द्वारा CM हेमंत सोरेन को लिखा गया पत्र

(फोटो- X/@IndEditorsGuild)

विजय पाठक ने मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र में कहा कि मुझे भी कई लैंडलाइन नंबरों से कई कॉल आईं. हालांकि, मैं बोल नहीं सका. हमें बाद में पता चला कि ये सभी नंबर बिरसा मुंडा जेल के थे.

इस बीच, ED के सूत्रों ने कहा कि उन्होंने आरोपियों की टेलीफोन तक पहुंच के संबंध में पूछताछ करने के लिए बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल के अधिकारियों को बुलाया है.

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अखबार को मिली धमकी के बाद समर्थन में आए प्रेस संगठन

प्रभात खबर के संपादक की तरफ से मुख्यमंत्री के नाम लिखे गए पत्र के बाद शनिवार, 30 दिसंबर 2023 को एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने भी हेमंत सोरेन को पत्र लिखा. इसमें संगठन ने कहा कि संपादक आशुतोष चतुर्वेदी (जो गिल्ड के एक वरिष्ठ सदस्य हैं) ने ध्यान दिलाया है कि अखबार राज्य के शराब माफिया के कुछ सदस्यों के खिलाफ ED द्वारा दायर आरोपों पर रिपोर्ट प्रकाशित कर रहा है. इन रिपोर्टों का हवाला देते हुए उन्हें योगेंद्र तिवारी नामक व्यक्ति से धमकी भरे कॉल आए. इससे भी अधिक चिंताजनक बात यह है कि उन्हें विभिन्न लैंडलाइन नंबरों से कई कॉल आए, जो सभी बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में रजिस्टर्ड नजर आ रहे हैं.

Prabhat Khabar Controversy Explained: प्रभात खबर अखबार और योगेंद्र तिवारी के बीच विवाद शुरू होने की मुख्य वजह क्या है?

प्रभात खबर को धमकी मिलने और सीनियर एडिटर विजय पाठक के द्वारा CM को पत्र लिखे जाने के बाद EGI ने चिंता व्यक्त की थी.

(फोटो- X/@IndEditorsGuild)

इसमें आगे कहा गया कि

यह बहुत चिंता का कारण है कि एक प्रमुख अखबार के वरिष्ठ पत्रकार और उसके मुख्य संपादक को अखबार में प्रकाशित समाचार रिपोर्टों के जवाब में धमकी दी जा रही है. अगर कोई भी सरकारी अधिकारी इसमें शामिल पाया जाता है, तो सख्त कार्रवाई की जा सकती है.

इसके अलावा पत्रकारिता के एक राष्ट्रीय ऑर्गनाइजेशन ‘नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स-इंडिया’ (NUJ-I) ने भी इस मामले पर फिक्र जाहिर की. NUJ-I के राष्ट्रीय अध्यक्ष रास बिहारी ने कहा कि जेल के फोन नंबर से धमकी मिलने से सीधे तौर पर राज्य सरकार पर भी सवाल उठता है. उन्होंने कहा कि सरकारी संरक्षण की वजह से अपराधियों और माफिया के हौसले बुलंद हैं.

  • 01/02

    प्रभात खबर को मिली धमकी के बाद ‘नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स-इंडिया’ (NUJ-I) ने चिंता व्यक्त की थी.

    (फोटो- X/@NUJIndia)

  • 02/02

    प्रभात खबर को मिली धमकी के बाद ‘नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स-इंडिया’ (NUJ-I) ने चिंता व्यक्त की थी.

    (फोटो- X/@NUJIndia)

इसके अलावा प्रेस क्लब ऑफ इंडिया (PCI) ने मामले पर फिक्र जाहिर करते हुए कहा कि हम झारखंड सरकार और झारखंड पुलिस से गुजारिश करते हैं कि धमकियों पर गंभीरता से ध्यान दें.

Prabhat Khabar Controversy Explained: प्रभात खबर अखबार और योगेंद्र तिवारी के बीच विवाद शुरू होने की मुख्य वजह क्या है?

प्रभात खबर को मिली धमकी के बाद प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने चिंता जाहिर की थी.

(फोटो- स्क्रीनग्रैब)

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अब एडिटर के खिलाफ ही FIR

अब 'प्रभात खबर' के संपादक आशुतोष चतुर्वेदी और अन्य लोगों के खिलाफ जेल में बंद शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी की शिकायत पर FIR दर्ज की गई है. शराब, जमीन और बालू कारोबारी योगेंद्र तिवारी मौजूदा वक्त में रांची की जेल में बंद है और उस पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे हुए हैं.

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FIR दर्ज होने के बाद 'प्रभात खबर' ने क्या कहा?

शुक्रवार, 5 जनवरी को 'प्रभात खबर' अखबार के फ्रंट पेज की पहली खबर इसी मामले से जुड़ी थी. इसमें लिखा गया है कि "रांची जेल में बंद जिस योगेंद्र तिवारी ने प्रभात खबर के संपादक को धमकी दी पुलिस ने उसी की शिकायत पर फर्जी मामले में संपादकों पर दर्ज की एफआईआर"

Prabhat Khabar Controversy Explained: प्रभात खबर अखबार और योगेंद्र तिवारी के बीच विवाद शुरू होने की मुख्य वजह क्या है?

एडिटर के खिलाफ FIR होने के बाद 'प्रभात खबर' अखबार में छपी रिपोर्ट

(फोटो- Facebook/Ashutosh Chaturvedi)

इस रिपोर्ट में अखबार ने कहा है कि "भ्रष्टाचार के खिलाफ और जनहित की पत्रकारिता के कारण प्रभात खबर को पहले भी निशाना बनाया जा रहा है"

"न पहले कभी झुका था और न कभी झुकेगा"

अखबार ने कहा कि योगेंद्र तिवारी, शराब, बालू और जमीन कारोबारी है और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जेल मे बंद है. प्रभात खबर आरंभ से ही भ्रष्टाचार के खिलाफ मुखर रहा है. जनहित की पत्रकारिता के कारण प्रभात खबर को पहले भी निशाना बनाने की कोशिश की जाती रही है, उसे परेशान करने का प्रयास किया गया है, प्रभात खबर को झुकाने का प्रयास किया गया है. इसके बावजूद प्रभात खबर न पहले कभी झुका था और न कभी झुकेगा.

इतिहास बताता है कि जब-जब प्रभात खबर को परेशान किया गया है, झूठे मुकदमे में फंसाने का प्रयास किया गया है, जनता की आवाज को दबाने का प्रयास किया गया है, पाठक-जनता सड़कों पर प्रभात खबर के समर्थन में उतरी है. यही प्रभात खबर की सबसे बड़ी ताकत रही है.
प्रभात खबर ने कहा
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FIR दर्ज होने के बाद EGI और अन्य समाचार संगठनों ने क्या कहा है?

प्रभात खबर के संपादकों के खिलाफ झारखंड पुलिस द्वारा दर्ज की गई FIR का जिक्र करते हुए, एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (EGI) ने कहा कि यह एफआईआर योगेंद्र तिवारी नामक व्यक्ति की शिकायत पर आधारित है. FIR में जिन लोगों के नाम हैं, उनमें प्रभात खबर के मुख्य संपादक, आशुतोष चतुर्वेदी, इसके स्थानीय संपादक, विजय कांत पाठक और इसके प्रबंध निदेशक (MD), राजीव झावर शामिल हैं.

यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि योगेंद्र तिवारी (जो बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में बंद है) ने कथित तौर पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा दायर आरोपों पर समाचार पत्र में प्रकाशित कुछ रिपोर्टों के जवाब में आशुतोष चतुर्वेदी को धमकी भरे कॉल किए थे.
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया
Prabhat Khabar Controversy Explained: प्रभात खबर अखबार और योगेंद्र तिवारी के बीच विवाद शुरू होने की मुख्य वजह क्या है?

FIR दर्ज होने के बाद EGI का बयान

(फोटो- क्विंट हिंदी)

EGI एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने राज्य सरकार और पुलिस से आशुतोष चतुर्वेदी की पिछली शिकायत की जांच पूरी करने का आग्रह करते हुए अपनी पिछली मांगों को दोहराया.

प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने झारखंड में प्रभात खबर के प्रधान संपादक के खिलाफ दर्ज केस को फर्जी करार दिया है और चिंता जाहिर की है. संगठन ने कहा कि हम झारखंड सरकार और पुलिस से मामले की गहन जांच और संपादक के लिए इंसाफ की मांग करते हैं.

Prabhat Khabar Controversy Explained: प्रभात खबर अखबार और योगेंद्र तिवारी के बीच विवाद शुरू होने की मुख्य वजह क्या है?

प्रभात खबर के एडिटर के खिलाफ FIR दर्ज किए जाने के बाद प्रेस क्लब ऑफ इंडिया का बयना

(फोटो- स्क्रीनग्रैब)

PCI ने आगे कहा कि यही वजह है कि जब भी भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने वाले देश भर के जिन चुनिंदा अखबारों की चर्चा होती है, उसमें प्रभात खबर का अहम स्थान होता है.

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