कर्नाटक (Karnataka) के गृहमंत्री जी परमेश्वर ने रविवार, 5 मई को कहा कि यौन शोषण के मामलों का सामना कर रहे कर्नाटक के सांसद प्रज्वल रेवन्ना (Prajwal Revanna) के खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस (Blue Corner Notice) जारी किया गया है. बता दें कि, एनडीए के हासन लोकसभा प्रत्याशी के जर्मनी में होने का दावा किया जा रहा है. चलिए जानते हैं क्या है मामला और ब्लू कॉर्नर नोटिस का क्या मतलब है.
परमेश्वर ने संवाददाताओं से कहा कि, "पहले ही ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया जा चुका है. इंटरपोल सभी देशों को सूचित करेगा और उसका पता लगाएगा."
उन्होंने आगे कहा कि मामले (यौन शोषण) की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल या SIT यह तय करेगी कि प्रज्वल को कैसे वापस लाया जाए.
क्या है ब्लू कॉर्नर नोटिस?
ब्लू कॉर्नर नोटिस इंटरपोल के कलर-कोडेड नोटिस का एक हिस्सा है. ऐसे नोटिस दुनिया भर के देशों को जानकारी पाने के लिए अलर्ट करते हैं और जानकारियों को साझा करने में सक्षम बनाते हैं. ऐसे नोटिस सहयोग या अलर्ट के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अनुरोध करते हैं जिससे कि सदस्य देशों की पुलिस को महत्वपूर्ण अपराध-संबंधी जानकारी साझा करने की अनुमति मिल जाती है.
ऐसे नोटिस के सात प्रकार हैं - लाल, पीला, नीला, काला, हरा, नारंगी और बैंगनी. यानी रेड, यलो, ब्लू, ब्लैक, ग्रीन, ऑरेंज और पर्पल.
ब्लू कॉर्नर नोटिस - आपराधिक जांच के संबंध में किसी भी व्यक्ति की पहचान, स्थान या गतिविधियों के बारे में अतिरिक्त जानकारी इकट्ठा करने के लिए ब्लू नोटिस जारी किया जाता है.
एसआईटी ने पहले ही भारत में इंटरपोल मामलों की नोडल संस्था सीबीआई को एक अनुरोध भेजा था, जिसमें उसके खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस की मांग की गई थी. ऐसे में नोटिस से जांच एजेंसियों की पूछताछ को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी.
कलर-कोडेड नोटिस
ब्लू कॉर्नर नोटिस के बारे में आपको पता चल चुका है. इसके अलावा इनटरपोल की वेबसाइट के अनुसार:
रेड कॉर्नर नोटिस इंटरपोल का सबसे गंभीर नोटिस है. इसे उन लोगों की तलाश के लिए जारी किया जाता है जिन पर गिरफ्तारी का वॉरंट जारी हो चुका हो या फिर कोई मुकदमे चल रहा हो.
ग्रीन कॉर्नर नोटिस को इंटरपोल उन लोगों के लिए जारी करती है जो अपराध कर चुके हैं या उनको लेकर आशंका है कि वो दूसरे देश में जाकर अपराध करेंगे.
यलो कॉर्नर नोटिस गुमशुदा (नाबालिगों) की सूचना देने के लिए जारी किया जाता है.
ब्लैक कॉर्नर नोटिस किसी लाश शिनाख्त नहीं होने पर जारी किया जाता है.
ऑरेंज कॉर्नर नोटिस को बमों, आपदाओं की सूचना देने के लिए जारी किया जाता है. ऐसी आपदा जो सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करती हो.
पर्पल कॉर्नर नोटिस को अपराध के तरीके, इससे जुड़ी चीजें, डिवाइस और क्रिमिनल द्वारा बचने के लिए उपयोग किए गए तरीकों की जानकारी देने के लिए जारी किया जाता है.
इनटरपोल-UNSC स्पेशल नोटिस: ये इनटरपोल-युनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल स्पेशल नोटिस है जो उन संस्थाओं और लोगों के लिए जारी किया जाता है जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) प्रतिबंध समितियों के निशाने पर होते हैं.
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