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JDS से निलंबित प्रज्वल रेवन्ना को यौन शोषण केस में 6 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया

प्रज्वल रेवन्ना हसन संसदीय क्षेत्र में मतदान करने के एक दिन बाद 27 अप्रैल को देश छोड़कर चले गए थे.

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भारत
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यौन शोषण के आरोपों का सामना कर रहे जेडीएस के निलंबित सांसद प्रज्वल रेवन्ना (Prajwal Revanna) को एसआईटी ने सिविल कोर्ट में पेश किया, जिसके बाद उन्हें 6 दिन की पुलिस हिसारत में भेजा गया है. इससे पहले एसआईटी रेवन्ना को शहर के बॉरिंग अस्पताल ले गई, जहां उनकी मेडिकल जांच हुई. इस बीच, एसआईटी ने उनकी मां भवानी रेवन्ना को नोटिस जारी कर 1 जून (शनिवार) को होलेनरसीपुर स्थित उनके घर पर उपस्थित होने को कहा है.

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भवानी रेवन्ना को आईपीसी की धारा 64(ए), 365, 109, 120(बी) के तहत दर्ज मामले में पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया है.

इससे पहले प्रज्वल रेवन्ना को शुक्रवार (31 मई) की सुबह जर्मनी के म्यूनिख से बेंगलुरु एयरपोर्ट पर उतरते ही कर्नाटक पुलिस की विशेष जांच टीम (SIT) ने गिरफ्तार कर लिया.

वहीं, गिरफ्तारी से पहले, रेवन्ना ने पीड़िता के अपहरण के मामले में अग्रिम जमानत के लिए स्थानीय अदालत का रुख किया था, जिसका एसआईटी के वकील ने विरोध किया. विशेष लोक अभियोजक ने कहा कि रेवन्ना की अग्रिम जमानत याचिकाओं का महत्व खत्म हो गया है क्योंकि उन्हें पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है.

प्रज्वल रेवन्ना हसन संसदीय क्षेत्र में मतदान करने के एक दिन बाद 27 अप्रैल को देश छोड़कर चले गए थे.

रेवन्ना को केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरने के बाद बेंगलुरु में सीआईडी ​​कार्यालय लाया गया. उनके घर में काम करने वाली एक महिला की शिकायत के बाद यौन उत्पीड़न और आपराधिक धमकी के आरोपों पर विशेष जांच दल (SIT) द्वारा उनकी जांच किए जाने की संभावना है.

प्रज्वल राजनयिक पासपोर्ट पर देश छोड़ने के लगभग एक महीने बाद बर्लिन, जर्मनी से भारत लौटे और उन्हें तुरंत हिरासत में ले लिया गया.

कर्नाटक सरकार की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने रेवन्ना को बेंगलुरु एयरपोर्ट पर पहुंचते ही हिरासत में ले लिया. अधिकारियों के मुताबिक, कथित अश्लील वीडियो मामले में रेवन्ना को 31 मई को कोर्ट में पेश किया जाएगा.

प्रज्वल रेवन्ना हसन संसदीय क्षेत्र में मतदान करने के एक दिन बाद 27 अप्रैल को देश छोड़कर चले गए थे.

बेंगलुरु एयरपोर्ट पर उतरते ही सांसद को गिरफ्तार कर लिया गया,

(फोटो: PTI)

एसआईटी टीम ने उनके दो चेक-इन बैग जब्त कर लिए और उन्हें एक अलग कार में ले गई. रेवन्ना के आगमन से पहले बेंगलुरु में सीआईडी ​​कार्यालय के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई थी और कार्यालय के बाहर बैरिकेड्स लगा दिए गए थे.

इंडियन एक्सप्रेस को एसआईटी सूत्रों ने बताया कि उसके खिलाफ मामलों की जांच कर रही एसआईटी को गुरुवार दोपहर इंटरपोल से सूचना मिली कि प्रज्वल म्यूनिख से लुफ्थांसा की फ्लाइट में सवार हुए थे. इंटरपोल ने एसआईटी के अनुरोध पर इस महीने की शुरुआत में प्रज्वल के लिए ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया था.

इंटरपोल द्वारा कर्नाटक अधिकारियों को दी गई जानकारी के अनुसार, प्रज्वल को लेकर विमान शुक्रवार को रात 12.49 बजे बेंगलुरु पहुंचा. विमान को जर्मनी के म्यूनिख से गुरुवार (30 मई) को स्थानीय समयानुसार दोपहर 12.05 बजे (भारतीय समयानुसार दोपहर 3.35 बजे) उड़ान भरनी थी.

हसन सीट से दोबारा चुनाव लड़ रहे सांसद ने 27 मई को एक वीडियो संदेश में कहा था कि वह पूछताछ के लिए शुक्रवार 31 मई को सुबह 10 बजे एसआईटी के समक्ष पेश होंगे.

रेवन्ना ने कहा कि उनकी यात्रा पहले से तय थी, क्योंकि 26 अप्रैल को कर्नाटक में आम चुनावों के लिए मतदान के समय उनके खिलाफ कोई मामला नहीं था.

उन्होंने अपने खिलाफ राजनीतिक साजिश का भी आरोप लगाया, क्योंकि वह "राजनीति में आगे बढ़ रहे थे."

मामले के सिलसिले में एसआईटी द्वारा दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किए जाने के कुछ घंटों बाद बुधवार (29 मई) को रेवन्ना ने एक स्थानीय अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी, जिसमें कार्यवाही शुक्रवार की सुबह तक के लिए स्थगित कर दी गई थी.

ANI ने पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरोपियों को उस समय गिरफ्तार किया गया जब वे अग्रिम जमानत के लिए हाईकोर्ट में पेश हुए थे. गिरफ्तार किए गए चेतन गौड़ा और नवीन गौड़ा ने कथित तौर पर प्रज्वल रेवन्ना द्वारा महिलाओं का यौन शोषण करने के वीडियो वाले पेन ड्राइव बांटे थे.
प्रज्वल रेवन्ना हसन संसदीय क्षेत्र में मतदान करने के एक दिन बाद 27 अप्रैल को देश छोड़कर चले गए थे.

बेंगलुरु एयरपोर्ट पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे.

(फोटो: PTI)

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राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने की तैयारी

इस बीच, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को कहा कि रेवन्ना के खिलाफ 23 मई को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था और उनका राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने की कार्रवाई शुरू की गई थी.

विदेश मंत्रालय ने प्रज्वल रेवन्ना के राजनयिक पासपोर्ट को रद्द करने के लिए पासपोर्ट अधिनियम 1967 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई शुरू कर दी है. पासपोर्ट धारक को 23 मई को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, जिसमें उन्हें हमारे नोटिस का जवाब देने के लिए 10 दिन का समय दिया गया था. हम उनके जवाब का इंतजार कर रहे हैं और उसके अनुसार, हम उनसे सुनने के बाद या 10 दिन की अवधि समाप्त होने के बाद चीजों को आगे बढ़ाएंगे.
रणधीर जायसवाल, प्रवक्ता, विदेश मंत्रालय
प्रज्वल रेवन्ना हसन संसदीय क्षेत्र में मतदान करने के एक दिन बाद 27 अप्रैल को देश छोड़कर चले गए थे.

एयरपोर्ट पर प्रज्वल रेवन्ना को को लेकर जाते पुलिस के अधिकारी.

(फोटो: PTI)

कर्नाटक सरकार ने 28 अप्रैल को प्रज्वल रेवन्ना के देश छोड़कर चले जाने के बाद एसआईटी का गठन किया था. उन पर महिलाओं के यौन शोषण के कई आरोप हैं. कथित तौर पर उनके साथ जुड़े आपत्तिजनक वीडियो सार्वजनिक होने के बाद से ही वे देश छोड़कर भाग गए थे. एसआईटी सांसद के खिलाफ कथित यौन उत्पीड़न के तीन मामलों की जांच कर रही है.

वॉयस सैंपल इकट्ठा किए जाएंगे

इंडियन एक्सप्रेस को सूत्रों ने बताया कि प्रज्वल के खिलाफ दर्ज यौन उत्पीड़न की तीन एफआईआर में प्राथमिक साक्ष्य तीन पीड़ितों के बयान हैं, लेकिन एसआईटी ने अन्य दूसरे सबूत भी जुटाए हैं, जिनमें उन स्थानों की पुष्टि करना शामिल है जहां कथित तौर पर हमला दिखाने वाले वीडियो शूट किए गए थे, और जेडी(एस) सांसद के खिलाफ अपना मामला स्थापित करने के लिए वीडियो में लोगों की शारीरिक विशेषताओं और आवाजों का विश्लेषण करना भी शामिल है.

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प्रज्वल रेवन्ना हसन संसदीय क्षेत्र में मतदान करने के एक दिन बाद 27 अप्रैल को देश छोड़कर चले गए थे.

प्रज्वल रेवन्ना हसन संसदीय क्षेत्र में मतदान करने के एक दिन बाद 27 अप्रैल को देश छोड़कर चले गए थे.

(फोटो: PTI)

एसआईटी आरोपियों और पीड़ितों के मोबाइल फोन टावर लोकेशन की जानकारी जैसी तकनीकी डेटा का भी इस्तेमाल कर रही है. सूत्रों ने बताया कि एक दर्जन से ज्यादा गवाहों के बयान भी लिए गए हैं.

29 मई, को एसआईटी ने हसन में प्रज्वल के सांसद आवास से बिस्तर, खाट और फर्नीचर जब्त कर लिया. सूत्रों ने बताया कि गिरफ्तारी के बाद उनके वॉयस सैंपल और डीएनए समेत अन्य विशेषताओं को एकत्र किए जाने की संभावना है.

वहीं, कर्नाटक हाईकोर्ट ने प्रज्वल रेवन्ना के पिता और जेडी(एस) नेता एचडी रेवन्ना द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई 3 जून तक के लिए स्थगित कर दी है. याचिका में यौन उत्पीड़न पीड़िता के कथित अपहरण के लिए उनके और अन्य के खिलाफ केआर नगरा पुलिस स्टेशन में दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की मांग की गई है.

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