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RSS का न्‍योता प्रणब ने किया कबूल, क्‍या देंगे कोई बड़ा संदेश?

संघ ने प्रणब मुखर्जी के कार्यक्रम की पुष्टि की

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भारत
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पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी अगले महीने नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के एक प्रोग्राम में शिरकत करने वाले हैं. प्रणब को संघ मुख्‍यालय में दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया है.

आरएसएस के एक पदाधिकारी ने बताया कि पूर्व राष्ट्रपति ने आमंत्रण स्वीकार कर लिया है. ये प्रोग्राम 7 जून को होना है.

आरएसएस के शिक्षा विभाग के इस कार्यक्रम में 45 साल से कम आयु के 800 से ज्यादा कार्यकर्ताओं के 25 दिन से चल रहे कैंप का समापन पूर्व राष्ट्रपति करेंगे.

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संघ ने वरिष्ठ नेता के मुताबिक, ऐसे कार्यक्रम में सार्वजनिक जीवन में खास उपलब्धि वाली जानी-मानी हस्तियों को बुलाने की परंपरा रही है. 

आरएसएस मुख्यालय में हर साल इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.

आरएसएस विचारक राकेश सिन्हा के मुताबिक, प्रणब मुखर्जी के संघ मुख्यालय पहुंचने से पूरे देश को संदेश जाएगा कि अलग-अलग विचार रखने वाले लोगों के बीच भी बातचीत के दरवाजे हमेशा खुले रहने चाहिए. उन्‍होंने कहा कि आरएसएस के हिंदुत्व पर सवाल उठाने वालों को इस निमंत्रण को मंजूर करने से जवाब मिला है.

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प्रणब मुखर्जी और भागवत के अच्छे रिश्ते!

माना जाता है कि प्रणब मुखर्जी और मोहन भागवत के बीच दोस्ताना रिश्ते रहे हैं. जब प्रणब मुखर्जी राष्ट्रपति थे, तब संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कई बार राष्ट्रपति भवन में उनसे मुलाकात की थी.

मुखर्जी का संघ के कार्यक्रम में जाना इसलिए भी बेहद महत्वपूर्ण घटना मानी जा रही है, क्योंकि वो अपने पूरे राजनीतिक करियर के दौरान कांग्रेस पार्टी से जुड़े रहे. कांग्रेस सरकार में वो वित्तमंत्री और रक्षा मंत्री समेत कई महत्वपूर्ण पद पर भी रहे. यूपीए सरकार के कार्यकाल में ही कांग्रेस ने उन्हें राष्ट्रपति चुनाव में अपना उम्मीदवार बनाया था.

इन दिनों आरएसएस के हिंदुत्व नजरिए और दूसरे समुदायों के बीच बढ़ रही असुरक्षा को देखते हुए सबकी नजर इस बात पर है कि संघ के इस कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति क्या संदेश देते हैं.

कांग्रेस और मौजूदा मोदी सरकार के बीच रिश्ते बेहद खराब होने की वजह से भी प्रणब मुखर्जी का संघ के कार्यक्रम में जाना बेहद अहम माना जा रहा है.

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