ADVERTISEMENTREMOVE AD

अब प्रयागराज में धर्म संसद, हिंदू राष्ट्र पर विवादित बयानबाजी

संतों की मौजूदगी में यह पारित हुआ है कि देश की सवा सौ करोड़ जनता स्वयं घोषित करें कि भारत हिंदू राष्ट्र है.

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

अभी छत्तीसगढ़ में धर्म संसद का मुद्दा ठंडा भी नहीं हुआ है कि प्रयागराज का ऐसा ही एक सम्मेलन चर्चा में आ गया है.

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (Prayagraj) संगम तट पर लगे माघ मेले के महावीर मार्ग पर स्थित बह्मर्षि आश्रम में धर्म संसद की कोर कमेटी की और से शनिवार को संत सम्मेलन किया गया.

स्वामी आनंद स्वरूप ने बताया कि संत सम्मेलन का उद्देश्य "हिंदू राष्ट्र (Hindu Nation)" के निर्माण में "संतों" की भूमिका तय करना है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
संसद के सदस्यों ने अपील की, कि "देश की सवा सौ करोड़ जनता स्वयं घोषित करें कि भारत हिंदू राष्ट्र है और आज से वह लिखना शुरू करें तभी यह आंदोलन बड़ा होगा. अंत में सरकार संतों और आम जनता के दबाव के आगे झुकेगी. सम्मेलन में कहा गया कि भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना है और इस्लामिक जिहाद को दूर करना है."

इस सम्मेलन में मुख्य रूप से तीन प्रस्ताव भी पारित हुए हैं. जिसमें सबसे पहला भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करना है, दूसरा धर्मांतरण कानून को और कड़ा किया जाना है, साथ ही साथ जो भी व्यक्ति धर्मांतरण करवाएगा उसको फांसी की सजा होनी चाहिए और तीसरा जेल में बंद दोनों धर्मगुरु को जल्द से जल्द रिहा करवाना.

बता दें कि यहां जिन दो धर्म गुरुओं की बात हो रही है वो नरसिंहानंद गिरी महाराज और वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी है. सम्मेलन में यह चेतावनी दी गई कि अगर दोनों धर्म गुरुओं को जल्द से जल्द जेल से मुक्त नहीं किया जाएगा तो प्रदर्शन और उग्र होगा.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×