ADVERTISEMENTREMOVE AD

मंदी के लिए सरकार कब तक ग्रैविटी, ओला-उबर को दोष देगी: प्रियंका

प्रियंका गांधी अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति को लेकर लगातार केंद्र सरकार को निशाने पर ले रही हैं

Updated
भारत
2 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति को लेकर लगातार केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को निशाने पर ले रही हैं. इसी क्रम में प्रियंका ने 13 सितंबर को एक ट्वीट किया है. क्रिकेट का एक वीडियो शेयर करते हुए प्रियंका ने इस ट्वीट में लिखा है-

ADVERTISEMENTREMOVE AD
‘’सही कैच पकड़ने के लिए अंत तक गेंद पर नजर और खेल की सच्ची भावना होनी जरूरी है. वरना आप सारा दोष ग्रैविटी, गणित, ओला-उबर और इधर-उधर की बातों पर मढ़ते रहेंगे.’’ 
प्रियंका गांधी, कांग्रेस महासचिव

प्रियंका के इस ट्वीट को अर्थव्यवस्था को लेकर दो केंद्रीय मंत्रियों (निर्मला सीतारमण और पीयूष गोयल) के बयानों पर तंज के तौर पर भी देखा जा रहा है. बता दें कि पीयूष गोयल ने हाल ही में बोर्ड ऑफ ट्रेड की बैठक में अर्थव्यवस्था के बारे में बोलते हुए कहा था, ''आइंस्टीन को ग्रैविटी की खोज करने में गणित ने कोई मदद नहीं की थी. ऐसे में देश की अर्थव्यवस्था को पांच हजार अरब डॉलर का बनाने के लक्ष्य को गणित के नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए.''

इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऑटो सेक्टर में मंदी को लेकर कहा था- मिलेनिअल्स की सोच में बदलाव आया है जो अब मासिक किस्तों की अदायगी करते हुए एक कार खरीदने की जगह ओला और उबर जैसी टैक्सी सेवा का फायदा लेना पसंद करते हैं और यह ऑटो सेक्टर में मंदी के कई कारणों में से एक है.

सोसायटी ऑफ इंडियन आटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (एसआईएएम) के मुताबिक, अगस्त महीने में घरेलू वाहनों की बिक्री 23.55 फीसदी घटकर 18,21,490 इकाई रह गई जो पिछले साल के इसी महीने में 23,82,436 इकाई हुई थी. बात पूरी अर्थव्यवस्था की करें तो अप्रैल-जून तिमाही में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 7 सालों में सबसे कम (5 फीसदी) रही है. 

इंटरनेशनल मोनेटरी फंड (IMF) ने भारत की आर्थिक वृद्धि को उम्मीद से काफी कमजोर बताया है. IMF प्रवक्ता गेरी राइस ने 12 सितंबर को इसकी वजह भी बताई. एक संवाददाता सम्मेलन में राइस ने कहा, ‘’हम नए आंकड़े पेश करेंगे लेकिन खासकर कॉर्पोरेट और पर्यावरणीय नियामक की अनिश्चितता और कुछ गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की कमजोरियों के कारण भारत में हालिया आर्थिक वृद्धि उम्मीद से काफी कमजोर है.’’

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

0
Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×