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BHU के दूसरे डिपार्टमेंट में अप्लाई करने की खबर गलत: प्रो. फिरोज 

मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि प्रोफेसर खान ने बीएचयू के दूसरे डिपार्टमेंट्स में आवेदन किया है.

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भारत
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मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के संस्कृत प्रोफेसर फिरोज खान ने अपनी नियुक्ति को लेकर जारी गतिरोध को खत्म करने की उम्मीद से बीएचयू के दूसरे डिपार्टमेंट्स में नौकरी के लिए आवेदन किया है. प्रोफेसर फिरोज खान ने इन खबरों का खंडन करते हुए द क्विंट को बताया कि उन्होंने ऐसा कोई आवेदन नहीं भेजा है.

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“मैंने तीन अलग-अलग विभागों के लिए मई महीने में आवेदन किया था. ये बीएचयू के आयुर्वेद विभाग, आर्ट्स फैकल्टी के तहत आने वाले संस्कृत विभाग और साथ ही संस्कृत विद्या धर्म विभाग थे. मैंने इन दिनों चल रहे विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर ऐसा कोई आवेदन नहीं किया है. यह रिपोर्ट गलत है.”  
-प्रोफेसर फिरोज खान ने द क्विंट को बताया

बीएचयू में आर्ट्स फैकल्टी के संस्कृत विभाग में संस्कृत साहित्य और काव्यशास्त्र पढ़ाने वाली प्रोफेसर मनु लता शर्मा ने इस बात की पुष्टि की है.

प्रोफेसर शर्मा ने बताया, "मई में बीएचयू में विभिन्न पदों के लिए एक विज्ञापन प्रकाशित किया गया था. प्रोफेसर खान ने आयुर्वेद विभाग, आर्ट्स फैकल्टी में संस्कृत विभाग, और साथ ही साथ संस्कृत विद्या धर्म विभाग में आवेदन किया था."
प्रोफेसर शर्मा ने कहा कि संस्कृत विद्या धर्म संकाय में पहले इंटरव्यू के लिए उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट किया गया था, जिसमें प्रोफेसर खान का भी चयन किया गया था. कला संकाय के संस्कृत विभाग के उम्मीदवारों का चयन करना अभी बाकी है. उन्होंने कहा, “इंटरव्यू अभी बाकी हैं. खान ने यहां भी आवेदन किया है.”

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प्रोफेसर खान भी इस बात पर विचार कर रहे हैं कि क्या उन्हें शॉर्ट लिस्टेड होने की स्थिति में इंटरव्यू के लिए बैठना चाहिए. उन्होंने कहा, “चल रहे विरोध खत्म होते नहीं दिख रहे हैं. मुझे जहां नियुक्त किया गया है वहां पढ़ाने के अलावा कुछ नहीं करना चाहूंगा. देखें क्या होता है.”  

आर्ट्स फैकल्टी के संस्कृत विभाग में बीएचयू के पूर्व प्रोफेसर गोपा बंध मिश्रा ने भी इस बात की पुष्टि की है कि अखबारों में विज्ञापन प्रकाशित होने पर ही आवेदन मंगाए जाते हैं. उन्होंने बताया, “केवल विज्ञापन छपने के बाद ही आवेदन मंगाए जाते हैं और फिर इंटरव्यू होते हैं. ये एक बार ही होते हैं. इस प्रक्रिया के अलावा कोई भी अलग से आवेदन नहीं कर सकता है."

23 और 24 नवंबर को आरएसएस की काशी यूनिट प्रोफेसर फिरोज खान के समर्थन में सामने आई थी. हालांकि, इसके बावजूद छात्रों का विरोध बंद नहीं हुआ है.

ये भी पढ़ें- बीएचयू प्रोफेसर फिरोज खान के खिलाफ अब एकजुट हुए पूर्व शिक्षक

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