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मुस्लिम समुदाय की सही तस्वीर दिखाने के लिए बना थिंक टैंक IMPAR

देश के गंगा-जमुनी और धर्मनिरपेक्ष तानेबाने को जोड़ने की कोशिश

Published
भारत
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देश में मुस्लिम समुदाय की आवाज एकजुटता के साथ व्यक्त करने और उनका पक्ष समाज के सामने रखने के मकसद से ‘इंडियन मुस्लिम्स फॉर प्रोग्रेस एंड रिफॉर्म्स’ (IMPAR) का गठन किया गया है. इस समिति में मुस्लिम समाज के 200 से ज्यादा जानेमाने लोग शामिल हैं जो एक थिंक टैक के तौर पर काम करेंगे. IMPAR के मुताबिक वो सभी समुदाय के बुद्धिजीवियों और विचारकों के साथ काम करते हुए देश के गंगा-जमुनी और धर्मनिरपेक्ष तानेबाने को जोड़ने की कोशिश करेगा.

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जानेमाने लोग शामिल

ये थिंक टैंक प्रगतिशील और मॉडर्न मुसलमानों के विचार देश और मीडिया तक पहुंचाने का काम करेगा. IMPAR में राज्यसभा के पूर्व डिप्टी चेयरमैन रहमान खान, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त डॉ एसवाई कुरैशी, पूर्व मंत्री तारिक अनवर और रोशन बेग, इस्लामिक कल्चर सेंटर के चेयरमैन सिराज कुरैशी, ब्रिगेडियर सईद अहमद, पूर्व स्पेशल पुलिस कमिश्नर एए खान, सीआरपीएफ के पूर्व ADG आफताब खान, पूर्व नौकरशाह अनीस अंसारी, शिक्षा विद पीए इनामदार, एसडब्लू अख्तर, मीडिया जगत से सईद नकवी, कमर वहीद नकवी, कमर आगा, शाहिद सिद्दिकी और सीमा मुस्तफा, सबा नकवी, शीबा असलम जैसे लोग शामिल हैं.

नेगेटिव खबरों में मुस्लिम समुदाय

हाल में मुस्लिम समुदाय नेगेटिव खबरों में रहा है. कम शिक्षा और सीमित पहुंच के चलते मुस्लिम समुदाय का एक तबका नई परिस्थितियों और चुनौतियों का प्रभावी तरीके से जवाब नहीं दे पाता. IMPAR की योजना है कि वो मुस्लिम समुदाय को आधुनिक शिक्षा और साझे सांस्कृतिक मूल्यों से जोड़कर राष्ट्र निर्माण में भागीदार बना सके.

समुदाय में आंतरिक सुधार जरूरी

मुस्लिम समुदाय के ज्यादातर हिस्से में अच्छी शिक्षा का अभाव है, सामाजिक और आर्थिक मौके कम हैं. IMPAR का मानना है कि सकारात्मक बदलाव के लिए आंतरिक सुधारों की जरूरत है. साथ ही बेहतर सामाजिक और आर्थिक माहौल मुहैया करवाते हुए वैज्ञानिक और तार्किक सोच को बढ़ावा देना होगा.

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‘सही मंच पर सही आवाज’ की कोशिश

पिछले कुछ दिनों में ऐसा देखा गया है कि मुस्लिम समुदाय का मीडिया में खराब प्रतिनिधित्व हुआ है. मुसलमानों का प्रतिनिधित्व स्वयंभू मौलवियों या फिर अधूरी जानकारी रखने वाले लोग कर रहे हैं. इससे समुदाय के वास्तविक मुद्दे लोगों तक नहीं पहुंचे और लोगों की समुदाय के बारे में गलत धारणा बनी. IMPAR की कोशिश जानेमाने लोगों के अपने पैनल के साथ मी़डिया में ठोस और असरदार चर्चाएं करवाने की होगी.

लॉकडाउन के मौजूदा हालात में हमारा लक्ष्य स्वास्थ्य कर्मचारी, कानून व्यवस्था के लोग और बाकी एजेंसियों के अपने समुदाय को जोड़कर कोरोना वायरस से लड़ने का है.
IMPAR

IMPAR लोगों के भोजन और आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए इस क्षेत्र में काम कर रहे एनजीओ और दूसरे संस्थानों के साथ अपने अलग-अलग वर्किंग ग्रुप्स का तालमेल बिठाना चाहता है.

200 नामी लोगों का समर्थन

‘इंडियन मुस्लिम्स फॉर प्रोग्रेस एंड रिफॉर्म्स’ को अलग-अलग क्षेत्रों में काम करने वाले 200 से ज्यादा जानेमाने मुस्लिम समुदाय के लोगों का समर्थन हासिल है. इस फोरम में राजनीति, नौकरशाही, कॉरपोरेट जगत, शिक्षा जगत, इकनॉमी, विज्ञान, बिजनेस, पत्रकारिता, पॉलिसी मेकिंग, कला और संस्कृति के लोग शामिल हैं.

फोरम का मुख्य उद्देश्य

इसका फोरम का मुख्य उद्देश्य थिंक टैंक की तरह काम करना होगा. इससे राष्ट्रीय स्तर पर रिसर्च, पॉलिसी, संवाद, चर्चा हो और राजनीतिक मुद्दों और नीतियों पर बात हो. इनको लेकर सरकार से लेकर मीडिया और बाकी के थिंक टैंक के साथ मिलकर काम हो सके.

फोरम का रोड मैप

ये फोरम रिसर्च के जरिए मुसलमानों का सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक डाटा इकट्ठा करेगा जिसका प्रत्यक्ष और अप्रत्क्ष रूप से समुदाय पर असर पड़ता है. मंत्रालयों, राज्य सरकारों, मीडिया, राजनीतिक दलों, सामाजिक- बुद्धिजीवी संगठनों से बातचीत करके मुसलमानों के मुद्दों मुख्यधारा में लाना भी फोरम का मकसद है.

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