बीजेपी (BJP) की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) ने एक नेशनल टेलीविजन चैनल पर इस्लाम धर्म के पैगम्बर हजरत मुहम्मद साहब के खिलाफ आपत्तिजनक टिपण्णी (Prophet Muhammad Comment Row) की. इस मामले को लेकर भारत में भारी बवाल हुआ जो अभी भी जारी है. नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल (Naveen Jindal) के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज की जा चुकी है. एफआईआर IPC की धारा 153 और 295 और अन्य धाराओं के अंर्तगत दर्ज की गई है. एफआईआर दर्ज होने के करीब 10 से 12 दिनों बाद भी दोनों नेताओं में से किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.
इससे पहले आप सोचें कि शायद इन धाराओं में गिरफ्तारी मुमकिन नहीं तो आपको बता दें इन्हीं धाराओं के अंदर उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बरेली (Bareilly) शहर में रेहान नाम के युवक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई तो महज चंद घंटों के अंदर रेहान को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. रेहान की निचली अदालत से जमानत खारिज हो गई.
नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल के बयानों से देशभर का माहौल खराब हुआ. बीते शुक्रवार 10 जून को देश के कई इलाकों हिंसा हुई, गिरफ्तारियां हुई बुलडोजर चले.
इन सब के बावजूद भी नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल को पुलिस हिरासत में लेने में नाकाम रही तो वहीं दूसरी तरफ रेहान को एक आपत्तिजनक वॉट्सऐप स्टेटस लगाने के लिए समान धाराओं में रातों-रात गिरफ्तार कर लिया गया.
इन दोनों मामलों से हम आपको समझाते हैं कि एक ही धाराओं के अंदर कैसे अलग अलग कार्रवाई हुई, इसकी क्या वजह रही यह साफ नहीं. लेकिन दोनों मामलों से जुड़े कुछ तथ्य हम आपके सामने रखेंगे.
नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल प्रकरण
नूपुर शर्मा की टिप्पणी के बाद देशभर के मुसलमानों ने तीखी प्रतिक्रिया दी. यह बवाल कम होता इससे पहले बीजेपी दिल्ली के एक अन्य नेता नवीन जिंदल ने ट्विटर पर नूपुर शर्मा की बातों को दोहराया. नवीन जिंदल ने यह ट्वीट 01 जून को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किया था और यह देखने के बाद किया था कि नूपुर शर्मा के बयानों पर भारत के मुसलमानों के एक बड़े तबके ने नाराजगी जाहिर की है. 01 जून से 05 जून तक सरकार और भारतीय जनता पार्टी ने इन दोनों नेताओं के खिलाफ किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की.
05 जून को कतर ने भारत के राजदूत को तलब किया और पैगम्बर मुहम्मद सहाब पर इन दोनों नेताओं की आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर नाराजगी जाहिर की. आनन फानन में बीजेपी ने इन दोनों नेताओं को 'फ्रिंज एलिमेंट' बताया. नूपुर को पार्टी से सस्पेंड कर दिया और जिंदल को निकाल दिया.
05 जून से 06 जून के बीच करीब आधा दर्जन खाड़ी देशों ने भारत के राजदूतों को तलब कर पार्टी नेताओं के ऐसे बयानों पर रोष प्रकट किया. फिर क्या था खाड़ी देशों में हुई नाराजगी को देख दोनों नेताओं के खिलाफ दिल्ली समेत कई अन्य शहरों में एफआईआर दर्ज कर ली गई. इससे पहले भी नूपुर शर्मा के खिलाफ 29 और 31 मई को रजा एकेडमी ने मुंबई में एफआईआर दर्ज कराई थी.
भिवंडी पुलिस ने आईपीसी की धारा 295A, धारा 153A और धारा 153बी के तहत एफआईआर दर्ज की थी लेकिन 29 मई को दर्ज हुई एफआईआर में गिरफ्तारी 16 जून तक नहीं हो सकी.
इस बीच शुक्रवार आया तो देशभर में जुमे की नमाज के बाद नूपुर शर्मा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए. कई शहरों में यह प्रदर्शन हिंसक हुए. अकेले उत्तर प्रदेश में 300 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया और आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलाया गया. फिलहाल इतना हंगामा और देशभर में बवाल होने के बाद भी नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल अभी पुलिस हिरासत में नहीं लिए गए हैं बल्कि नूपुर शर्मा को सुरक्षा प्रदान की गई है क्योंकि उन्हें लगातार धमकियां मिल रही थीं.
बरेली का रेहान समान धाराओं में तुरंत गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश के बरेली में रेहान नाम के युवक ने अपने वॉट्सऐप स्टेटस पर नूपुर शर्मा और विवादित धर्मगुरु यति नरसिंहानंद का फोटो लगाया. कतिथ तौर पर इन दोनों के फोटो पर चप्पल बनी हुई थी. पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक 11 जून को करीब 8:30 बजे रेहान के खिलाफ बीजेपी पार्षद शालिनी जौहरी और अन्य की तहरीर पर बरेली के प्रेमनगर थाने में एफआईआर दर्ज की गई.
इस एफआईआर के बिना पर बरेली पुलिस ने 11 जून को ही देर रात आरोपी रेहान के घर दबिश डालकर उसे गिरफ्तार कर लिया. एफआईआर देखकर साफ है कि रेहान के खिलाफ आईपीसी की धारा 153-A और 295-A के अंतर्गत कार्रवाई की गई है.
सुबह होने तक मेडिकल करा कर रेहान को जेल भेज दिया गया. जहां से आरोपी रेहान पर मुकदमे की कार्रवाई शुरू हो गई. रेहान की जमानत याचिका लोअर कोर्ट ने खारिज कर दी.
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