पंजाब के DGP दिनकर गुप्ता का कहना है कि करतारपुर कॉरिडोर सुरक्षा के नज़रिए से सुरक्षाबलों के लिए काफी बड़ी चुनौती साबित होगा. इंडियन एक्स्प्रेस के एक कार्यक्रम में बोलते हुए गुप्ता ने कहा कि सिख धार्मिक स्थल के लिए वीजा फ्री कॉरिडोर को लंबे समय तक बंद रखने के पीछे सुरक्षा व्यवस्था कारण थी.
गुप्ता के मुताबिक, ‘वहां जाने वाले लोगों को कट्टरपंथी रुझान की तरफ ढकेला जा सकता है या उन्हें ट्रेनिंग दी जा सकती है. पाकिस्तान लंबे समय से सिखों की सहानुभूति हासिल कर उन्हें कट्टरपंथ की ओर ढकेलने की रणनीति पर काम करता रहा है.’
करतारपुर में इस बात की गुंजाइश है कि वहां सुबह जाने वाला इंसान, शाम को ट्रेनिंग लेकर आतंकी बनकर वापस आ सकता है. आप वहां 6 घंटे के लिए जाते हैं. आपको फायरिंग रेंज ले जाकर IED बनाना सिखाया जा सकता है.दिनकर गुप्ता, पंजाब डीजीपी
कॉरिडोर खुलवाने के लिए सुरक्षा कारणों को पीछे रखा गया
यह बहुत चिंता का विषय है, इसलिए बीते सालों में इसे नहीं खोला गया था. मैं आठ साल तक इंटेलीजेंस ब्यूरो में था. मैं इन सब चीजों से डील करता था. अब लगता है कि यह कॉरिडोर सुरक्षा के नज़रिए से बेहद चुनौतीपूर्ण रहने वाला है. लेकिन देशी-विदेशी लोग कॉरिडोर खुलवाना चाहते थे. वे इस सपने को सच होना देखना चाहते थे. इसलिए सुरक्षा कारणों को पीछे रखा गया. हमने भी अपनी सहमति दे दी.दिनकर गुप्ता, पंजाब डीजीपी
अमरिंदर सिंह ने भी जताई थी सुरक्षा व्यवस्था पर चिंता
अमरिंदर सिंह ने डीजीपी की तरह सुरक्षा व्यवस्था पर चिंता जताई थी. अमरिंदर ने कहा था,
एक सिख के तौर पर मैं बहुत खुश हूं. लेकिन इस कॉरिडोर के खुलने से देश की सुरक्षा व्यवस्था के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है. पाकिस्तान कॉरिडोर खोलकर ‘’रिफ्रेंडम-2020’’ सिखों की सहानुभूति हासिल करना चाहता हैअमरिंदर सिंह, मुख्यमंत्री, पंजाब
रिफ्रेंडम-2020 को ISI समेत कुछ विदेशी संगठन, जैसे सिख फॉर जस्टिस का समर्थन भी हासिल है. इस कार्यक्रम के तहत यह संगठन अलग सिख देश की मांग करते हैं. बता दें सिख फॉर जस्टिस पर भारत सरकार ने प्रतिबंध लगाया है.
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सोर्स: इंडियन एक्सप्रेस
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