पंजाब (Punjab) के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) अमृतसर और कपूरथला के गुरुद्वारों में धार्मिक बेअदबी (sacrilege) के आरोप पर दो लोगों की भीड़ द्वारा हत्या की निंदा करने वाले पहले प्रमुख राजनीतिक नेता बन गए हैं. कांग्रेस से अलग होकर नयी पार्टी बनाने वाले अमरिंदर सिंह ने दो लोगों की हत्या को अवैध और बिल्कुल अस्वीकार्य बताया है.
न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा कि
"बेअदबी गलत है लेकिन किसी व्यक्ति को मारना भी गलत है. यह क्या तरीका है? कानून है. यदि आप आरोपी को SGPC (शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति, गुरुद्वारों के प्रबंधन के लिए एक अखिल राष्ट्रीय संगठन) कार्यालय में ले जाते हैं, पूछताछ करते हैं और उसे मार डालते हैं ... यह क्या तरीका है? यह अवैध है और यह बिल्कुल अस्वीकार्य है"
अमरिंदर सिंह ने कहा, "मॉब लिंचिंग को न्यायोचित नहीं ठहरा सकते... यह निंदनीय है."
बेअदबी मामले में अपने ट्रैक-रिकॉर्ड का बचाव किया
यह पूछे जाने पर कि क्या ये हत्याएं 2015 की बेअदबी की घटनाओं से संबंधित अनसुलझे तनाव पर सिख समुदाय के भीतर की निराशा का संकेत हैं, अमरिंदर सिंह ने मामले में अपने ट्रैक-रिकॉर्ड का बचाव किया.
उन्होंने कहा कि राज्य (जब वह सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री थे) को पहले सीबीआई से जांच वापस लेने के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी, जब जांच शुरू हुई तो पुलिस अधिकारियों और नागरिकों सहित 22 लोगों को गिरफ्तार किया गया.जो अभी जमानत पर हैं.
गौरतलब है कि बेअदबी करके सिख धार्मिक भावनाओं को कथित रूप से आहत करने के बाद अमृतसर के स्वर्ण मंदिर और कपूरथला के एक गुरुद्वारे में भीड़ द्वारा दो लोगों की हत्या कर दी गई थी. पुलिस अभी तक भीड़ के हाथों मारे गए दोनों व्यक्तियों की पहचान नहीं कर पाई है.
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