राफेल में खुलासा, रिलायंस से गठजोड़ के बदले मिला था कॉन्ट्रैक्ट
राफेल डील को लेकर फ्रांसीसी अखबार मीडिया पार्ट ने एक बार फिर सनसनीखेज खुलासा किया है. ताजा रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दसॉ ने अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस से गठजोड़ दिखाकर राफेल सौदा हासिल किया था. रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया है कि फ्रेंच कंपनी दसॉ के सामने अनिल अंबानी के कंपनी रिलायंस के साथ राफेल डील करने की शर्त रखी गई थी और इसके अलावा कोई दूसरा ऑप्शन नहीं दिया गया था.
राफेल कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए दसॉ को अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस से गठजोड़ दिखाना पड़ा था.
36 राफेल लड़ाकू विमान के सौदे में रिलायंस दसॉ की मुख्य ऑफसेट पार्टनर है. बता दें कि मीडियापार्ट ने ही पूर्व फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के उस दावे को छापा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि राफेल सौदे के लिए भारत सरकार ने अनिल अंबानी की रिलायंस का नाम प्रस्तावित किया था. हालांकि पिछले महीने फ्रांस और भारत सरकार समेत दसॉ ने ओलांद के दावे को पूरी तरह खारिज कर दिया था.
राफेल डील को लेकर यह बात ऐसे वक्त में सामने आया है जब रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण गुरुवार को तीन दिनों के लिए फ्रांस की यात्रा पर जाने वाली हैं. उनकी इस यात्रा का मकसद 36 राफेल जेट के निर्माण का जायजा लेना है.
राफेल में खुलासा, रिलायंस से गठजोड़ के बदले मिला था कॉन्ट्रैक्ट
सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील की मांगी जानकारी
उधर राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह विमान की कीमतों और तकनीक से जुड़ी जानकारी भले ही सार्वजनिक न करें लेकिन डील की प्रक्रिया के बारे में कोर्ट को जानकारी दें. वहीं केंद्र सरकार ने राफेल पर दाखिल जनहित याचिकाओं का विरोध किया. केंद्र सरकार ने कोर्ट में अपील करते हुए कहा कि राफेल डील को लेकर याचिकाएं राजनीतिक लाभ लेने के लिए दाखिल की गईं हैं, इसलिए ऐसी याचिकाओं को खारिज कर देना चाहिए. हालांकि, कोर्ट ने केंद्र की अपील को ठुकरा दिया.
इन सबके बीच मोदी सरकार पर कांग्रेस के हमले बदस्तूर जारी है. राहुल गांधी ने बुधवार को ट्वीट कर कहा, 'सुप्रीम कोर्ट ने राफेल सौदे के फैसले के बारे में पूछा है. यह बहुत ही आसान है. प्रधानमंत्री ने फैसला किया. पीएम के फैसले को सही ठहराने की प्रक्रिया का आविष्कार अभी होना है. लेकिन काम शुरू हो गया है."
चक्रवाती तूफान 'तितली' ओडिशा पहुंचा
चक्रवाती तूफान 'तितली' ओडिशा पहुंच गया है, 'तितली' ने बेहद खतरनाक रूप ले लिया. यह ओडिशा-आंध्र प्रदेश तट पर पहुंच गया है. मौसम विभाग के मुताबिक,चक्रवातीय तूफान 145 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाओं के साथ गुरुवार सुबह तक ओडिशा के गोपालपुर और आंध्र प्रदेश के कलिंगापत्तनम के बीच पहुंचने की आशंका है.
ओडिशा, आंध्र प्रदेश, बंगाल के कई इलाकों मेंतितली तूफान को लेकर रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है. साथ ही अलग-अलग जिलों में एनडीआरएफ टीमें तैनात की गई हैं.
इस बीच 11 और 12 तारीख को भुवनेश्वर, कटक, ढेकानाल, संबलपुर, खुर्दा और बरहमपुर में आयोजित होने वाले रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड (RRB) के एग्जाम को रद्द कर दिया गया है. एग्जाम की अगली तारीख के बारे में आवेदकों को मोबाइल पर मैसेज भेज दिया जाएगा. ओडिशा सरकार ने तूफान के चलते 11 और 12 तारीख को स्कूल-कॉलेज बंद रखने का फैसला किया है. साथ ही कई ट्रेनों को रद्द किया गया है तो वहीं कुछ के रूट में बदलाव किया है.
इस साल रिश्वत देने वालों की संख्या में बढ़ोतरी
देश में इस साल घूस देने वालों की संख्या में 11 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. साल 2017 में जहां 45 फीसदी लोगों ने घूस देने की बात स्वीकार की थी. वहीं इस साल 56 फीसदी लोगों ने माना कि उन्होंने रिश्वत दी है. ये बातें एक सर्वे में सामने आई हैं.
इंडिया करप्शन सर्वे-2018’ नाम से जारी इस सर्वे में करप्शन और इसके कई पहलुओं पर आम लोगों का रूख जाना गया. ट्रांसपेरंसी इंटरनेशनल इंडिया और लोकल सर्कल्स की ओर से आयोजित सर्वे में आम लोगों को हर दिन सामना करने वाली करप्शन पर राय देने को कहा गया था. सर्वे देश के 215 शहरों में रहने वाले 50,000 लोगों से फीडबैक लेकर किया गया, जिनमें 33 फीसदी महिलाएं थीं.
एडमिशन के वक्त ओरिजिनल डॉक्यूमेंट नहीं जमा करा सकेंगे कॉलेज
अब से उच्च शिक्षा के लिए कोई भी कॉलेज या यूनिवर्सिटी एडमिशन के वक्त छात्र-छात्राओं से उनके ओरिजिनल डॉक्यूमेंट नहीं जमा करा सकेंगे. यूजीसी ने इस पर रोक लगा दी है.
इन संस्थानों को अब अटेस्टेड कॉपी जमा करानी होगी, जिसका एडमिशन के वक्त ही ओरिजिनल डॉक्यूमेंट से मिलान कर लिया जाएगा. इसके अलावा, फीस जमा करने के बाद कॉलेज छोड़ने पर फीस लौटाने के भी नए नियम यूजीसी की ओर से जारी किए गए हैं.
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि हमें लगातार शिकायतें मिल रहीं थीं कि कई संस्थानों मे एडमिशन के वक्त छात्रों के ओरिजिनल डॉक्यूमेंट अपने पास रख लेते हैं. ताकि वे कहीं और एडमिशन नहीं ले सकें.
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