भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के सहयोग संगठन- क्वाड (Quad) - के नेताओं ने अपनी पहली आमने-सामने की बैठक में एक "स्वतंत्र और खुले" इंडो-पैसिफिक (Indo-Pacific) सुनिश्चित करने की वकालत की.
बैठक के बाद ज्वाइंट स्टेटमेंट जारी करते हुए क्वाड ने कहा कि,
"इस ऐतिहासिक अवसर पर, हम अपनी साझेदारी और एक ऐसे क्षेत्र के लिए फिर से प्रतिबद्ध जताते हैं जो हमारी साझी सुरक्षा और समृद्धि का आधार है - एक स्वतंत्र और खुला इंडो-पैसिफिक, जो समावेशी और लचीला भी है."
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, ऑस्ट्रेलियाई पीएम स्कॉट मॉरिसन, जापानी पीएम योशीहिदे सुगा और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 24 अगस्त (भारतीय समयानुसार 25 अगस्त) को क्वाड समिट के बाद इसे इंडो-पैसिफिक और अपने विजन पर खुद को और दुनिया को फिर से केंद्रित करने के अवसर के रूप में बताया.
चीन का नाम लिए बिना इंडो-पैसिफिक पर चर्चा
व्हाइट हाउस के सेरेमोनियल ईस्ट रूम में हुई बैठक में, चार नेताओं ने अपने कोविड वैक्सीन ड्राइव, क्षेत्रीय बुनियादी ढांचे, जलवायु परिवर्तन और कंप्यूटर टेक्नोलॉजी में प्रयोग किए जाने वाले महत्वपूर्ण सेमीकंडक्टर के लिए सप्लाई चेन को सुरक्षित करने पर चर्चा की.
हालांकि बैठक में चीन का उल्लेख नहीं किया गया था, लेकिन इंडो-पैसिफिक चर्चा का सबसे महत्वपूर्ण भाग रहा और उसके बहाने चीन की क्षेत्र में आक्रामकता को साधने की कोशिश हुई.
क्वाड नेताओं ने एक ज्वाइंट स्टेटमेंट में कहा, "एक साथ, इंडो-पैसिफिक और बाकी क्षेत्रों में सुरक्षा और समृद्धि को बढ़ाने के लिए हम एक साथ स्वतंत्र, खुले, नियम-आधारित वर्ल्ड ऑर्डर को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो अंतरराष्ट्रीय कानून पर आधारित हो,जबरदस्ती से मुक्त हो."
आसियान देशों के साथ काम करने पर बल
क्वाड नेताओं ने आसियान की एकता और केंद्रीयता तथा इंडो-पैसिफिक पर आसियान के दृष्टिकोण के लिए अपने मजबूत समर्थन की पुष्टि की.
"हम व्यावहारिक और समावेशी तरीकों से आसियान और उसके सदस्य देशों - इंडो-पैसिफिक क्षेत्र का दिल - के साथ काम करने के प्रति अपने समर्पण को रेखांकित करते हैं. हम इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सहयोग के लिए सितंबर 2021 में घोषित यूरोपीय यूनियन की रणनीति का भी स्वागत करते हैं.”ज्वाइंट स्टेटमेंट
नाम लिए बिना पाकिस्तान को भी घेरा
पाकिस्तान का सीधा नाम न लेते हुए क्वाड नेताओं ने दक्षिण एशिया में "टेररिस्ट प्रॉक्सीज" के प्रयोग की भी निंदा की. उन्होंने आतंकवादी समूहों को किसी भी समर्थन से इनकार करने के महत्व पर जोर दिया, जिसका उपयोग सीमा पार हमलों सहित आतंकवादी हमलों को शुरू करने या योजना बनाने के लिए किया जा सकता है.
“हम टेररिस्ट प्रॉक्सीज के प्रयोग की निंदा करते हैं और आतंकवादी समूहों को किसी भी लॉजिस्टिकल, वित्तीय या सैन्य सहायता से इनकार करने के महत्व पर जोर देते हैं, जिसका उपयोग सीमा पार हमलों सहित आतंकवादी हमलों को शुरू करने या योजना बनाने के लिए किया जा सकता है.”ज्वाइंट स्टेटमेंट
अफगानिस्तान को लेकर साथ काम करने पर जोर
ज्वाइंट स्टेटमेंट में यह भी कहा गया है कि क्वाड के सदस्य देश अफगानिस्तान के प्रति अपनी कूटनीतिक, आर्थिक और मानवाधिकार नीतियों को बारीकी से कॉर्डिनेट करेंगे और दक्षिण एशिया में आतंकवाद से लड़ाई और मानवीय सहयोग को विस्तार देंगे.
क्वाड नेताओं ने फिर से जोर दिया कि अफगान क्षेत्र का इस्तेमाल किसी भी देश को धमकाने, हमला करने या आतंकवादियों को शरण देने, ट्रेनिंग देने, प्लानिंग करने या फाइनेंस करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने अफगानिस्तान में आतंकवाद का मुकाबला करने के महत्व को भी दोहराया.
"हम अफगान नागरिकों के समर्थन में एक साथ खड़े हैं और हम तालिबान से अफगानिस्तान छोड़ने के इच्छुक किसी भी व्यक्ति को सुरक्षित मार्ग प्रदान करने और महिलाओं, बच्चों और अल्पसंख्यकों सहित सभी अफगानों के मानवाधिकारों का सम्मान सुनिश्चित करने का आह्वान करते हैं."ज्वाइंट स्टेटमेंट
‘क्वाड वैक्सीन पार्टनरशिप’ का स्वागत
क्वाड लीडर्स ने अपने ज्वाइंट स्टेटमेंट में कहा कि ‘क्वाड वैक्सीन पार्टनरशिप’ के फाइनेंस से हैदराबाद स्थित बायोलॉजिकल ई लिमिटेड में बढ़ी हुई प्रोडक्शन क्षमता के साथ भारत में अतिरिक्त उत्पादन इस साल के अंत में शुरू होगा.
क्वाड लीडर्स ने कहा कि उन्होंने पूरे क्षेत्र और दुनिया में महीनों की महामारी की कठिनाई के बावजूद अब तक बहुत कुछ हासिल किया है. उन्होंने 2022 के अंत तक बायोलॉजिकल ई लिमिटेड के कम से कम एक अरब सुरक्षित और प्रभावी कोविड -19 वैक्सीन के उत्पादन का स्वागत किया.
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