जब भारत और फ्रांस के बीच राफेल डील की प्रक्रिया चल रही थी, उसी दौरान अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस एंटरटेनमेंट ने उस वक्त के फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद की पार्टनर जूली गाएत की फिल्म प्रोडक्शन कंपनी के साथ मिलकर एक फ्रेंच फिल्म को प्रोड्यूस करने का करार किया था.
26 जनवरी 2016 को तत्कालीन फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के बीच राफेल सौदे के MoU पर हस्ताक्षर किए गए थे. उससे ठीक दो दिन पहले ही अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस एंटरटेनमेंट ने ओलांद की पार्टनर जूली गाएत की फर्म रॉग इंटरनेशनल के साथ एक फ्रांसीसी फिल्म प्रोड्यूस करने के समझौते का ऐलान किया था.
‘ताउत ला-हौत’ नाम की इस फिल्म को फ्रेंच एक्टर और प्रोड्यूसर सर्ज हजनविजियस ने निर्देशित किया था. ये फिल्म फ्रांस में 20 दिसंबर 2017 को रिलीज हुई थी.
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इंडियन एक्सप्रेस की इस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए सरकार पर हमला बोलते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि राफेल सौदे की वजह से अगले कुछ हफ्तों में सरकार और अनिल अंबानी के लिए कुछ बड़े विवाद पैदा होने की उम्मीद है.
राहुल ने अपने ट्वीट में कहा था-
“ग्लोबल करप्शन. ये राफेल विमान वाकई बहुत दूर और तेजी से उड़ता है! यह अगले कुछ हफ्तों में कुछ बड़े बंकर बस्टर बम भी छोड़ने जा रहा है. मोदी जी कृपया अनिल को बताएं, फ्रांस में एक बड़ी समस्या है.”
रिपोर्ट में कहा गया है, "उसी साल अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस, दसॉल्ट रिलायंस एयरोस्पेस लिमिटेड (डीआरएएल) के जरिए 59,000 करोड़ रुपये की राफेल डील के ऑफसेट कार्यक्रम का हिस्सा बन गई. डीआरएएल में रिलायंस डिफेंस की 51% हिस्सेदारी है.
राफले सौदे में ऑफसेट क्लॉज के तौर पर फ्रांस को सौदे की रकम का 50 फीसदी हिस्सा भारत में स्थानीय कॉन्ट्रैक्ट के जरिए निवेश करना है. रक्षा उत्पादन में रिलायंस डिफेंस का कोई पूर्व अनुभव न होने की वजह से मामले में विवाद ज्यादा बढ़ा है.
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