Rahul Gandhi Modi Surname Defamation Case: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार, 21 जुलाई को कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा दायर 'मोदी सरनेम मानहानि केस' में राहत संबंधी याचिका पर नोटिस जारी किया. जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच ने मानहानि केस दायर करने वाले बीजेपी नेता पूर्णेश ईश्वरभाई मोदी और गुजरात राज्य से जवाब मांगा है. मामले पर अगली सुनवाई 4 अगस्त को होगी.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट कांग्रेस नेता और वायनाड के पूर्व सांसद राहुल गांधी द्वारा दायर अपील पर सुनवाई कर रहा था. राहुल गांधी ने गुजरात में मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा उन्हें दोषी ठहराए जाने और दो साल की जेल की सजा पर रोक लगाने से गुजरात हाई कोर्ट के इनकार को चुनौती दी थी.
अपनी अपील में राहुल गांधी ने चिंता जताई है कि अगर 7 जुलाई को दिए गए गुजरात हाई कोर्ट के फैसले पर रोक नहीं लगाई गई तो इससे बोलने, अभिव्यक्ति, विचार और बयानों की आजादी पर रोक लग सकती है.
अबतक की टाइमलाइन
गुजरात सरकार के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी की शिकायत पर 2019 में राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया गया था.
दरअसल 13 अप्रैल, 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली के दौरान राहुल गांधी ने भगोड़े घोषित बिजनेस मैन नीरव मोदी और ललित मोदी का जिक्र किया था. राहुल गांधी ने कथित तौर पर कहा था कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है.
राहुल गांधी को 24 मार्च को एक सांसद के रूप में उस समय अयोग्य घोषित कर दिया गया था जब गुजरात की एक अदालत ने उन्हें आपराधिक मानहानि के आरोप में दोषी ठहराया और दो साल की कैद की सजा सुनाई थी.
हालांकि, उनकी सजा निलंबित कर दी गई और उसी दिन उन्हें जमानत भी दे दी गई ताकि वह 30 दिनों के भीतर अपनी दोषसिद्धि के खिलाफ अपील कर सकें.
इसके बाद 3 अप्रैल को, गांधी ने अपनी दोषसिद्धि पर आपत्ति जताते हुए सूरत सत्र न्यायालय का रुख किया और अपनी दोषसिद्धि पर रोक लगाने की मांग की. इसे 20 अप्रैल को खारिज कर दिया गया. हालांकि, सूरत सत्र न्यायालय ने 3 अप्रैल को गांधी को उनकी अपील के निपटारे तक जमानत दे दी.
इसके बाद 53 वर्षीय राहुल गांधी को झटका देते हुए, गुजरात हाई ने 7 जुलाई को दोषसिद्धि पर रोक लगाने की उनकी याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि "सजा न्यायसंगत है".
इसके बाद राहुल गांधी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे.
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