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राहुल गांधी को गुजरात HC से झटका,मानहानि केस में दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इनकार

Rahul Gandhi Defamation Case: राहुल गांधी ने कहा है कि जब उन्होंने यह बयान दिया था तो उनका कोई गलत इरादा नहीं था.

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Rahul Gandhi Defamation Case: गुजरात हाई कोर्ट ने मानहानि मामले में दोषसिद्धि को निलंबित करने की राहुल गांधी की समीक्षा याचिका खारिज कर दी है. यानी कोर्ट ने दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. जस्टिस हेमंत प्रच्छक की पीठ ने 2 मई को राहुल गांधी की याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया था.

AICC महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा है क याचिका खारिज करने के गुजरात HC के आदेश के खिलाफ राहुल गांधी अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.

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कोर्ट में क्या हुआ?

लाइवलॉ की रिपोर्ट के अनुसार जस्टिस हेमंत प्रच्छक ने कहा कि यदि दोषसिद्धि पर रोक नहीं लगाई गई तो गांधी के साथ कोई अन्याय नहीं होगा.

"(राहुल गांधी) बिल्कुल गैर-मौजूद आधार पर दोषसिद्धि पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं. दोषसिद्धि पर रोक कोई नियम नहीं है. उनके खिलाफ कम से कम 10 आपराधिक मामले लंबित हैं. वर्तमान मामले के बाद भी, उनके खिलाफ कुछ और मामले दर्ज किए गए हैं. ऐसा ही एक मामला वीर सावरकर के पोते द्वारा दायर किया गया है. वैसे भी, सजा के परिणामस्वरूप कोई अन्याय नहीं होगा. सजा न्यायसंगत है. उक्त आदेश में हस्तक्षेप करने की कोई आवश्यकता नहीं है. इसलिए आवेदन खारिज किया जाता है."
जस्टिस हेमंत प्रच्छक

माननीय जज के तर्क का अध्ययन किया जा रहा है- कांग्रेस 

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महासचिव प्रभारी संचार जयराम रमेश ने ट्वीट करके कहा है कि राहुल गांधी की संसद से अयोग्यता पर गुजरात हाई कोर्ट की एकल पीठ का फैसला हमारे संज्ञान में आया है. माननीय न्यायाधीश के तर्कों का अध्ययन किया जा रहा है, जैसा कि होना चाहिए. डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी दोपहर 3 बजे मीडिया से इस पर विस्तार से चर्चा करेंगे. हाई कोर्ट के फ़ैसले ने इस मामले को आगे ले जाने के हमारे संकल्प को दोगुना किया है.

क्या है मामला?

यह आपराधिक मानहानि का मामला 2019 के लोकसभा चुनाव के कैंपेन के दौरान राहुल गांधी द्वारा की गई एक टिप्पणी पर दायर किया गया था. ललित मोदी, नीरव मोदी जैसे लोगों का जिक्र करते हुए गांधी ने कथित तौर पर पूछा था कि, ''सभी चोरों का उपनाम/सरनेम एक जैसा क्यों होता है?''

यह आरोप लगाते हुए कि गांधी की टिप्पणी ने पूरे मोदी समुदाय को बदनाम किया है, बीजेपी विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया.

हालांकि राहुल गांधी ने लगातार यही कहा है कि जब उन्होंने यह बयान दिया था तो उनका कोई गलत इरादा नहीं था.

अबतक आये कोर्ट के फैसले

23 मार्च, 2023 को सूरत के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने राहुल गांधी को दोषी ठहराया और 2 साल कैद की सजा सुनाई, जिसके बाद उन्हें लोकसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया. हालांकि, उनकी सजा निलंबित कर दी गई और उसी दिन उन्हें जमानत भी दे दी गई ताकि वह 30 दिनों के भीतर अपनी दोषसिद्धि के खिलाफ अपील कर सकें.

इसके बाद 3 अप्रैल को, गांधी ने अपनी दोषसिद्धि पर आपत्ति जताते हुए सूरत सत्र न्यायालय का रुख किया और अपनी दोषसिद्धि पर रोक लगाने की मांग की. इसे 20 अप्रैल को खारिज कर दिया गया. हालांकि, सूरत सत्र न्यायालय ने 3 अप्रैल को गांधी को उनकी अपील के निपटारे तक जमानत दे दी.

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