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अलवर: JCB से रोका- दर्जनभर लोगों ने पीटा, पिता ने बताया- कैसे हुई बेटे की मौत?

Alwar mob lynching: राजस्थान के अलवर में 17 अगस्त को 27 साल के वसीम खान नाम के युवक को पीट-पीटकर मार डाला गया.

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राजस्थान (Rajasthan) के अलवर (Alwar) में 17 अगस्त को 27 साल के वसीम खान नाम के युवक को पीट-पीटकर मार डाला गया. वहीं उसके साथ गए आसिफ और अजहरुद्दीन को पुलिस ने बचाया. वसीम अपने पांच भाइयों में सबसे बड़ा था. परिवार की जिम्मेदारी उसके कंधों पर थी. वसीम के पांच बच्चे हैं, जिसमें तीन लड़के और दो लड़कियां है. मृतक वसीम के छोटे भाई तौसीफ ने बताया कि वसीम की बीवी पेट से है, इसके अलावा उसके पांच बच्चे हैं. वह अकेला कमाने वाला था अब कैसे परवरिश होगी? जिंदगी कैसे कटेगी?

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"मेरा भाई तो लकड़ी लेने गया था"

मृतक वसीम खान टपूकड़ा तहसील के मुसारी गांव का रहने वाला था. वसीम के छोटे भाई तौसीफ ने बताया कि, "वसीम पिछले एक साल से लकड़ी खरीदने बेचने का काम करता था. आस-पास के इलाकों से लकड़ी खरीदता था और फिर बेच देता था".

बीते 17 अगस्त बुधवार की शाम को भी वसीम अपने चचेरे भाई अजहरुद्दीन और रिश्तेदार आसिफ के साथ अलवर के हरसोरा थाने के बानसूर गांव लकड़ी लेने गया था.

Alwar mob lynching: राजस्थान के अलवर में 17 अगस्त को 27 साल के वसीम खान नाम के युवक को पीट-पीटकर मार डाला गया.

मारपीट में घायल वसीम का साथी आसिफ. 

(फोटो: क्विंट हिंदी)

इस घटना में वसीम के साथ गए उसके चचेरे भाई अजहरुद्दीन और रिश्तेदार आसिफ पर भी हमला किया गया. वक्त रहते पुलिस ने पहुंचकर दोनों को भीड़ से बचाया.

22 साल के आसिफ ने क्विंट हिंदी से बताया, "हम तीन लोग खरीदे हुए पेड़ की लकड़ी लेने बानसूर गांव गए थे. तभी वहां वन विभाग वाले आ गए. हम चालान के डर से वहां से निकल गए". आसिफ ने वन विभाग पर आरोप लगाते हुए बताया,"वन विभाग के लोगों ने आगे पड़ने वाले गांव के लोगों को गलत सूचना देकर हमें रोकने को कहा, जिसके बाद आगे गांव वालों ने जेसीबी से हमारा रास्ता रोक लिया. फिर वन विभाग के लोगों ने हमें गाड़ी से उतारकर हथियार से मारना शुरू कर दिया".

"JCB से रास्ता रोका, 7-8 लोग वन विभाग की जीप से उतरे"

वसीम के पिता तय्यब ने हरसोरा थाने में एफआईआर दर्ज कराई है, जिसके मुताबिक,

17 अगस्त को मेरे बेटे वसीम ने ग्राम रामपुर (बानसूर) से लकड़ी खरीदी थी, जिनको भरने शाम को गया था. मुझे उसके साथी आसिफ और अजहरुद्दीन ने बताया कि हम रात करीब 10 बजे लकड़ी भर रहे थे. हमे सूचना मिली की वन विभाग वाले आ रहे हैं. इसके बाद हम गाड़ी लेकर अपने घर के लिए चल दिए. हमारे पीछे वन विभाग की गाड़ी जीप RJ 14 UD 1935 आ रही थी.
Alwar mob lynching: राजस्थान के अलवर में 17 अगस्त को 27 साल के वसीम खान नाम के युवक को पीट-पीटकर मार डाला गया.

पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर.

(फोटो: क्विंट हिंदी)

दर्ज एफआईआर में आगे लिखा है कि कुछ दूर आगे JCB ने रास्ता रोक रखा था. हमने गाड़ी रोकी तो 3-4 लोग JCB से उतरे और 7-8 लोग वन विभाग की जीप से. हमें जबरन बाहर कर इन सभी लोगों ने मारना शुरू कर दिया. इनमें से कुछ लोगों के हाथ में धारदार हथियार, सरिया , लाठी थी.

एफआईआर में मृत युवक वसीम के पिता तय्यब ने आरोप लगाया है कि वसीम की छाती में धारदार हथियार डाल कर मार दिया और उसके साथी अजहरुद्दीन और आसिफ के साथ भी मारपीट करते रहे. पुलिस ने आकर बचाया और कुछ लोग पुलिस के सामने भी मारते पीटते रहे.

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पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया

पुलिस ने वसीम के पिता तय्यब की तहरीर पर अज्ञात आरोपियों के विरुद्ध IPC की धारा 147, 148, 149, 323, 341, 302 के तहत मुकदमा दर्ज किया हैं. इस मामले के जांच अधिकारी बनवारी लाल मीना ने बताया कि, "दर्ज एफआईआर में 6 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है. मामले की जांच चल रही है". जब क्विंट हिंदी ने उनसे सवाल किया कि क्या 6 आरोपियों में वन विभाग के लोग भी शामिल हैं तो फोन काल काट दी गई.

"वन विभाग हर महीने पैसा लेता था"

वसीम के भाई तौसीफ ने क्विंट हिंदी से बात करते वन विभाग पर आरोप लगाया है कि वन विभाग हर महीने पैसा लेता था. तौसीफ ने बताया कि,

घटना वाले दिन वसीम जिस पेड़ की लकड़ी लेने गया वो कोई सरकारी पेड़ नहीं था बल्कि एक किसान का पेड़ था फिर इसमें वन विभाग के लोग क्यों उसके भाई के पीछे आए.
तौसीफ, मृतक वसीम का भाई

तौसीफ ने कहा कि अब तो उनका भाई चला गया, सरकार भाई को वापस नहीं ला सकती लेकिन इंसाफ दे सकती है.

वसीम के रिश्ते के चाचा आजाद खान ने क्विंट हिंदी से बताया, "वसीम लकड़ी के लिए कभी किसान से या जो भी पेड़ का मालिक हो उससे लकड़ी भखरीद लिया करता था". उन्होंने बताया, "17 अगस्त की रात को भी वसीम एक किसान से पेड़ खरीदकर उसको काटने के लिए गया था".

मृतक वसीम के चचेरे भाई सद्दाम ने क्विंट हिंदी से कहा, "वसीम के साथ गए अजहर और आसिफ के भी काफी गंभीर चोटें आई हैं. वक्त रहते पुलिस ने उन दोनों को आकर बचा लिया. घटना के बाद अजहर और आसिफ बेहद घबराए और डरे हुए हैं".

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