राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार कॉलेजों में ड्रेस कोड लागू करने की कवायद में जुटी है. इसके लिए डिपार्टमेंट ऑफ कॉलेज एजुकेशन ने कॉलेजों से सुझाव भी मांगे हैं. कॉलेजों को जारी सर्कुलर में कहा गया है कि नए शिक्षा सत्र से स्टूडेंट्स के लिए यूनीफॉर्म लागू की जानी है.
सरकार की ओर से कॉलेजों में यूनीफॉर्म लागू किए जाने को लेकर सरकार और विपक्ष आमने सामने आ गए हैं. विपक्ष का कहना है कि सरकार भगवा रंग की यूनीफॉर्म लागू करना चाहती है. वहीं सरकार का कहना है कि यूनीफॉर्म विद्यार्थियों की इच्छा के मुताबिक लागू की जा रही है.
कॉलेजों को जारी किया गया सर्कुलर
डिपार्टमेंट ऑफ कॉलेज एजूकेशन की ओर से राज्य के सभी कॉलेजों को एक सर्कुलर भेजा गया है. इस सर्कुलर में ड्रेस कोड को लेकर जानकारी दी गई है. हालांकि, ड्रेस के रंग को लेकर सुझाव मांगे गए हैं. सर्कुलर में कहा गया है कि यूनीफॉर्म लागू करने से पहले छात्र संघ सदस्यों, विद्यार्थियों और विभागाध्यक्षों से यूनीफॉर्म के रंग को लेकर राय ली जाए.
ऐसा होगा ड्रेस कोड
छात्रों के लिएः शर्ट, पेंट, सर्दी में जर्सी, जूते, मौजे, बेल्ट.
छात्राओं के लिएः सलवार, चुन्नी, स्वेटर या कार्डिगन, साड़ी-ब्लाउज, जूते/सैंडिल, मौजे
स्टूडेंट की डिमांड पर लागू हो रहा ड्रेस कोडः शिक्षा मंत्री
कॉलेज में ड्रेस कोड लागू होने को लेकर उठ रहे विवाद के बीच शिक्षा मंत्री का बयान आया है. शिक्षा मंत्री किरन माहेश्वरी ने कहा है, ‘ये स्टूडेंट्स की डिमांड थी कि उनके कॉलेज में ड्रेस कोड होना चाहिए, जिससे ये साफ हो सके कि ये पढ़ने वाला बच्चा है. हमने ये नहीं कहा है कि किसी विशेष रंग की ही ड्रेस होनी चाहिए. अंत में ड्रेस पर फैसला स्टूडेंट्स को ही लेना है.’
‘भगवा पहनाकर सबको बाबा बनाना चाहते हैं’
कॉलेजों में ड्रेस कोड को लेकर विपक्षी दल कांग्रेस का विरोध जारी है. विपक्ष का कहना है कि सरकार कॉलेजों में भी भगवा रंग की ड्रेस लाना चाहती है. कांग्रेस नेता गोविंग देव सिंह ने कहा, ‘राजस्थान में सरकार आरएसएस के इशारे पर चल रही है. पहले पाठ्यक्रम में बदलाव किया, फिर स्कूलों में भगवा कपड़े पहनने का नोटिस दिया. अब सब कुछ भगवा करके, ये सबको बाबा बनाना चाहते हैं.’
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