ADVERTISEMENTREMOVE AD

राजस्थान विधानसभा में कामकाज ठप, हो रही है ‘भूत’ चर्चा

कहीं- ‘भूतपूर्व’ बनने के डर से तो भूतों का सहारा नहीं ले रहे बीजेपी विधायक

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

राजस्थान विधानसभा में इन दिनों अलग तरह के मुद्दों को लेकर सुर्खियों में है. जहां, जनता के चुने हुए प्रतिनिधि लोक कल्याण की योजनाएं बनाते हैं. जनता के मुद्दों को लेकर पक्ष-विपक्ष के बीच बहस होती है. लेकिन इन दिनों बहस का मुद्दा ‘भूत’ बना हुआ है. बीजेपी विधायकों का कहना है कि विधानसभा में भूत है और विपक्ष कह रहा है कि बीजेपी को भूत का डर अगले चुनाव में ‘भूतपूर्व’ हो जाने की वजह से सता रहा है.

बजट के दौरान मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने तमाम ऐलान किए. लेकिन विधानसभा सत्र मुद्दों पर ठप हो गया और शुरू हो गई ‘भूत’ पर चर्चा. सत्ताधारी बीजेपी जनता के मुद्दों को भूल, भूत के मुद्दे को इतना गंभीर बना रही है कि इसके लिए बाकायदा जांच कमेटी बनाने की बात चल रही है. तांत्रिक को बुलाकर विधानसभा की जांच कराई जा रही है. इन सबके बीच राजस्थान का आम नागरिक खुद को ठगा सा महसूस कर रहा है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

विधायकों का अंधविश्वास, विधानसभा में भूत

एक ओर जहां अंधविश्वास को खत्म करने के लिए सरकारें पानी की तरह पैसा बहाकर बड़े-बड़े जागरुकता अभियान चलाती हैं. वहीं राजस्थान की विधानसभा में मौजूद ज्यादातर विधायक अंधविश्वास के शिकार हैं. यही वजह है कि राजस्थान के नाथद्वारा से बीजेपी विधायक कल्याण सिंह के निधन के बाद कई विधायकों ने एक नई बहस को जन्म दे दिया. कल्याण सिंह का बीती 21 फरवरी को निधन हुआ. इसके अगले दिन विधानसभा में विधायकों ने उनके निधन को लेकर अंधविश्वास को बढ़ावा देने वाले कई बयान दिए.

सदन के बाहर मुख्य सचेतक कालूलाल गुर्जर और नागौर से बीजेपी विधायक हबीबुर्रहमान अशरफी ने मीडिया से कहा, ‘विधानसभा में बुरी आत्माओं का साया है. इसी वजह से आज तक 200 सीटों वाली राजस्थान विधानसभा में एक साथ 200 विधायक कभी नहीं रहे. कभी किसी की मौत हो जाती है, तो कभी किसी को जेल हो जाती है. आत्माओं की शांति के लिए हवन और ब्राह्मणों को भोजन कराने की जरूरत है.’

कालूलाल गुर्जर ने कहा, ‘जहां विधानसभा है, वहां श्मशान था. मृत बच्चे दफनाए जाते थे. हो सकता है कि कोई आत्मा हो, जिसे शांति न मिली हो. वह नुकसान पहुंचा रही हो. इसीलिए सदन में कभी एक साथ 200 विधायक नहीं रहे. सीएम के सामने बात रखी है, हवन कराने को कहा है.’

कालूलाल और हबीबुर्रहमान ने कहा कि वह इस बारे में मुख्यमंत्री को सुझाव भी दे चुके हैं. सदन के बाहर दिए गए बीजेपी विधायकों के इन बयानों के मसले को कांग्रेस ने विधानसभा में उठाया. कांग्रेस विधायक धीरज गुर्जर ने कहा कि बीजेपी के सचेतक और विधायक अंधविश्वास फैला रहे हैं.

संसदीय कार्यमंत्री ने कही जांच कमेटी बनाने की बात

विधानसभा में जब भूतों का मुद्दा उठा, तो संसदीय कार्यमंत्री राजेंद्र राठौड़ ने कहा, 'मैं भूत प्रेत की बातों को सिरे से खारिज करता हूं. लेकिन उपाध्यक्ष महोदय अगर चाहें तो वह जांच कमेटी बना सकते हैं. कमेटी जांच करे कि यहां कितने भूत प्रेत और आत्माएं हैं, मेरे अलावा किसी को भी कमेटी का सदस्य बना सकते हैं.'

विधानसभा में भूत तलाशने के लिए बुलाया गया तांत्रिक

बीजेपी विधायक कालूलाल गुर्जर इस कदर अंधविश्वास का शिकार हुए कि उन्होंने विधानसभा में भूत तलाशने के लिए तांत्रिक को बुलवा लिया. इसके लिए कालूलाल ने तांत्रिक के लिए विशेष पास बनवाया, ताकि उसे विधानसभा में दाखिल होने दिया जाए. तांत्रिक ने भी तीन-चार घंटों तक विधानसभा का कोना-कोना छाना. इसके बाद तांत्रिक ने दावा किया कि जिस जमीन पर विधानसभा बनी है, उसमें कुछ गड़बड़ है. तांत्रिक ने दावा किया कि विधानसभा का उत्तर-पूर्व कोण कटा हुआ है. लिहाजा, इसका उपाय आवश्यक है. तांत्रिक ने बताया, 'विधानसभा की जमीन 'जीवहंता' है यानी जान लेने वाली है. वास्तु का भी भयंकर दोष है. जब तक यह ठीक नहीं होगा, इसमें बैठने वाली सरकार स्थायी नहीं हो सकती.'

ADVERTISEMENTREMOVE AD

कांग्रेस ने कहा- ऐसी बातों से फैलता है अंधविश्वास

कांग्रेस विधायक धीरज गुर्जर ने इस मामले पर कहा, ‘मुझे तो सदन में कभी भूतों का एहसास नहीं हुआ. ये लोग शायद कमजोर दिल हैं, शायद इसीलिए उन्हें भूतों का एहसास हुआ. इस तरह की बातों से लोगों में अंधविश्वास फैलता है.’

ADVERTISEMENTREMOVE AD

(क्विंट और बिटगिविंग ने मिलकर 8 महीने की रेप पीड़ित बच्ची के लिए एक क्राउडफंडिंग कैंपेन लॉन्च किया है. 28 जनवरी 2018 को बच्ची का रेप किया गया था. उसे हमने छुटकी नाम दिया है. जब घर में कोई नहीं था,तब 28 साल के चचेरे भाई ने ही छुटकी के साथ रेप किया. तीन  सर्जरी के बाद छुटकी को एम्स से छुट्टी मिल गई है लेकिन उसे अभी और इलाज की जरूरत है ताकि वो पूरी तरह ठीक हो सके.छुटकी के माता-पिता की आमदनी काफी कम है, साथ ही उन्होंने काम पर जाना भी फिलहाल छोड़ रखा है ताकि उसकी देखभाल कर सकें. आप छुटकी के इलाज के खर्च और उसका आने वाला कल संवारने में मदद कर सकते हैं. आपकी छोटी मदद भी बड़ी समझिए. डोनेशन के लिए यहां क्लिक करें.)

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×