सुप्रीम कोर्ट ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) की हत्या के दोषियों में से एक एजी पेरारिवलन को जमानत दे दी है. एजी पेरारीवलन को राजीव गांधी की हत्या के लिए दोषी पाए जाने के बाद उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी और वह 32 साल से जेल में है.
इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि पेरारीवलन लगभग 32 वर्षों से जेल में है, जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस बीआर गवई की बेंच ने उसे जमानत दे दी. लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार बेंच ने अपने आदेश में लिखा कि
"इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि आवेदक ने 30 साल से अधिक समय जेल में बिताया है, हमारा विचार है कि केंद्र सरकार के कड़े विरोध के बावजूद वह जमानत पर रिहा होने का हकदार है"
SC की इस बेंच ने 2016 में पेरारिवलन द्वारा दायर एक विशेष अनुमति याचिका में आदेश पारित किया है, जिसमें मद्रास हाई कोर्ट द्वारा सजा को कम करने की मांग करने वाली उसकी याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया गया था.
SC ने अपना निर्णय देते हुए हुए यह नोट किया कि पेरारीवलन फिलहाल पैरोल पर है और उसे इससे पहले तीन बार पैरोल दी जा चुकी है.
2014 में सुप्रीम कोर्ट ने पेरारिवलन और दो अन्य को उनकी दया याचिका के लंबे समय तक लंबित रहने के कारण उनके मृत्युदंड की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया था.
केंद्र सरकार ने किया जमानत का विरोध
लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार केंद्र सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (ASG) केएम नटराज ने पेरारीवलन को जमानत दिए जाने का विरोध किया. ASG ने बेंच के सामने दलील दी कि पेरारीवलन पहले ही एक बार दया याचिका का लाभ उठा चुका है, और दया याचिका पर विचार करने में देरी को देखते हुए 2014 में SC ने उसकी मृत्युदंड को आजीवन कारावास में बदल दिया गया था.
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