रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन-सीमा विवाद पर राज्यसभा में बयान दिया. राजनाथ सिंह ने कहा कि एलसी पर चीन की घुसपैठ को हमने कई बार रोका. उन्होंने कहा की चीन की हरकत का भारतीय सेना मुंहतोड़ जवाब दे रही है. उन्होंने कहा कि चीन की कथनी और करनी में काफी अंतर हैं.
सदन इस बात से अवगत है कि भारत और चीन सीमा का प्रश्न अभी तक अनसुलझा है, भारत और चीन की बाउंड्री का कस्टमरी और ट्रेडिशनल अलाइनमेंट चीन नहीं मानता है. यह सीमा रेखा अच्छे से स्थापित भौगोलिक सिद्धांतों पर आधारित है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गलवान के शहीदों को याद करते हुए कहा-
15 जून को गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में हमारे 20 जवान शहीद हुए. पीएम मोदी ने खुद लद्दाख में जाकर जवानों का हौसला बढ़ाया. बॉर्डर पर तनाव रहेगा तो द्विपक्षीय रिश्तों पर असर आएगा.
राजनाथ ने आगे कहा कि चीन मानता है कि बाउंड्री अभी भी औपचारिक तरीके से निर्धारित नहीं है. उसका मानना है कि हिस्टोरिक्ल जुरिस्डिक्शन के आधार पर जो ट्रेडिश्नल कस्टमरी लाइन है. उसके बारे में दोनों देशों की अलग व्याख्या है. 1950-60 के दशक में इस पर बातचीत हो रही थी पर कोई समाधान नहीं निकला.
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