राज्यसभा में इस बार यूपी, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश समेत अन्य राज्यों की 56 सीटों के लिए चुनाव हो रहे हैं. इनमें से 12 राज्यों से 41 सीटों पर उम्मीदवारों का निर्विरोध चयन हो गया है. इनमें पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, बीजेपी प्रमुख जेपी नड्डा और अशोक चव्हाण समेत केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव का नाम है. अब तीन राज्यों उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश की 15 सीटों के लिए 27 फरवरी को वोटिंग होनी है.
मंगलवार को सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक तीन राज्यों के विधायक राज्यसभा उम्मीदवारों के लिए मतदान करेंगे. शाम पांच बजे से वोटों की गिनती शुरू होगी. उत्तर प्रदेश में 10 सीटों के लिए 11 उम्मीदवार मैदान में हैं. वहीं कर्नाटक की चार राज्यसभा सीटों के लिए पांच उम्मीदवार मैदान में हैं. इसके अलावा हिमाचल प्रदेश की एक सीट के लिए दो उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं. आइए आपको बताते हैं, तीन राज्यों में राज्यसभा चुनावों का हाल, प्रक्रिया और समीकरण.
उत्तर प्रदेश: 4-5 विधायकों की अहम भूमिका
उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की 10 सीटों के लिए मतदान होना है. इस चुनाव में एक सीट के लिए 37 वोटों की जरूरत है. बीजेपी ने 8 और समाजवादी पार्टी ने 3 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है. आठवें कैंडिडेट के लिए बीजेपी के पास आठ और तीसरे कैंडिडेट के लिए सपा के पास दो वोट कम हैं. इन सबके बीच चार राजनीतिक दलों के 4-5 विधायकों को लेकर सस्पेंस बरकरार है. जिन पार्टियों के विधायक पर सस्पेंस है उसमें बीएसपी और आरएलडी के विधायक हैं.
चुनाव के एक दिन पहले सोमवार रात समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने आखिरी दांव चलते हुए डिनर पार्टी आयोजित की लेकिन इससे कई विधायक गायब रहे. अमेठी से विधायक महाराजी देवी बैठक में नहीं आईं. महाराजी देवी पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति की पत्नी हैं. कालपी विधायक विनोद चतुर्वेदी भी बैठक में नहीं पहुंचे. इसके अलावा कौशांबी विधायक पूजा पाल और अंबेडकर नगर से विधायक राकेश पांडे भी बैठक में मौजूद नहीं थे और इन पर सस्पेंस बरकरार है.
बीजेपी के राज्यसभा उम्मीदवार
आरपीएन सिंह, सुधांशु त्रिवेदी, चौधरी तेजवीर सिंह, साधना सिंह, अमरपाल मौर्य, संगीता बलवंत, नवीन जैन, संजय सेठ
एसपी के राज्यसभा उम्मीदवार
जया बच्चन, रामजी लाल सुमन, आलोक रंजन
कर्नाटक में 4 सीटों पर क्या स्थिति?
राज्य की 224 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 135, बीजेपी के 66 और जेडीएस के 19 विधायक हैं. अन्य विधायकों की संख्या चार है. चार सीटों के लिए हो रहे चुनाव के लिए एक सदस्य को जीतने के लिए 45 प्राथमिक वोट की जरूरत होगी. ऐसे में कांग्रेस अपने तीनों उम्मीदवारों को जिता सकती है. वहीं, बीजेपी-जेडीएस गठबंधन को अपने दोनों उम्मीदवारों को जिताने के लिए पांच अतिरिक्त वोटों की जरूरत है. चार अन्य विधायक अगर बीजेपी जेडीएस गठबंधन के उम्मीदवारों को वोट करते हैं तो केवल एक वोट के इधर से उधर होने पर मामला पलट सकता है. इस बीच क्रॉस वोटिंग की आशंकाएं भी जताई जा रही हैं.
राज्यसभा उम्मीदवार
कांग्रेस से अजय माकन, सैयद नसीर हुसैन और जी.सी. चंद्रशेखर वहीं बीजेपी के नारायण बंदगे और जनता दल के कुपेंद्र रेड्डी मैदान में हैं.
हिमाचल प्रदेश
कुल 68 सीटों वाली हिमाचल प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस का पलड़ा भारी है. इनमें 40 पर कांग्रेस और 25 पर बीजेपी के विधायक जीते हैं. वहीं तीन अन्य सीट निर्दलीयों के खाते में हैं. इसके बावजूद बीजेपी के प्रत्याशी हर्ष महाजन अपनी जीत का दावा ये कहते हुए कर रहे हैं कि कांग्रेस विधायक अपनी ही सरकार से नाराज हैं. हर्ष महाजन साल 2022 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए थे. ऐसे में बीजेपी ने उन्हें बड़े प्रबंधन की उम्मीद के साथ चुनावी मैदान में उतारा है.
कांग्रेस और बीजेपी के राज्यसभा उम्मीदवार
हिमाचल में कांग्रेस की ओर से डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी और बीजेपी की ओर से हर्ष महाजन चुनावी मैदान में हैं.
क्या है वोटिंग की पूरी प्रक्रिया?
राज्यसभा में राज्य की जनसंख्या की हिसाब से सदन में उस प्रदेश के सांसदों की संख्या तय होती है. सदस्य का चुनाव उस राज्य की विधानसभा के चुने हुए विधायक करते हैं जिस राज्य से वह उम्मीदवार है. यहां विधायकों को वरीयता के आधार पर वोट डालना होता है.
विधायकों को चुनाव आयोग की ओर से एक पेन दिया जाता है जिससे उम्मीदवारों के आगे वोटर को नंबर लिखने होते हैं. एक नंबर उसे सबसे पसंदीदा उम्मीदवार के नाम के आगे डालना होता है. इसी तरह, विधायक अपने अनुसार सभी उम्मीदवारोंं को वरीयता क्रम दे सकता है. इसमें नोटा का प्रयोग नहीं किया जा सकता. राज्यसभा के सदस्यों का कार्यकाल छह साल का होता है.
राज्यसभा में अभी कितने सदस्य ?
राज्यसभा की अधिकतम सदस्य संख्या 250 निर्धारित है. इनमें से 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत होते हैं और 238 सदस्य राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि होते हैं. हालांकि, राज्यसभा की वर्तमान सदस्य संख्या 245 है. इनमें से 233 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों दिल्ली और पुडुचेरी के प्रतिनिधि हैं और 12 राष्ट्रपति द्वारा नामित हैं.
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