मॉनसून सत्र के दौरान हिंसक व्यवहार के लिए 12 विपक्षी सांसदों (Opposition MPs) को संसद के पूरे शीतकालीन सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है. इस सूची में शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और शांता छेत्री सीपीएम के एलाराम करीम और कांग्रेस के छह नेता शामिल हैं.
जारी नोट के अनुसार उन्होंने मानसून सत्र के अंतिम दिन "अभूतपूर्व दुराचार, अवमानना, हिंसक और अनियंत्रित व्यवहार और सुरक्षा कर्मियों पर जानबूझकर हमले" के माध्यम से कार्यवाही में जानबूझकर बाधा डाली है.
संसद का शीतकालीन संत्र 29 नंवबर से
आपको बता दें, संसद का शीतकालीन संत्र 29 नंवबर सोमवार से शुरू हो गया है.लोकसभा (Loksabha) में विरोधी पार्टियों के हंगामे के बीच सोमवार को कृषि कानूनों की वापसी से जुड़ा विधेयक - कृषि कानून निरसन विधेयक-2021 पारित हो गया. विपक्ष ने बिना चर्चा के विधेयक पारित करवाने को लोकतंत्र के लिए काला दिन बताया तो वहीं सरकार ने विपक्ष पर जानबूझकर हंगामा करने और सदन की कार्यवाही को बाधित करने का आरोप लगाया.
विपक्षी दलों ने की निंदा
एक संयुक्त बयान में विपक्ष ने कहा कि शीतकालीन सत्र की पूरी अवधि के लिए विपक्ष के 12 सांसदों को के निलंबन से संबंधित राज्य सभा की प्रक्रिया के सभी नियमों का उल्लंघन करते हुए 12 सदस्यों के अनुचित और अलोकतांत्रिक निलंबन की विपक्षी दलों के नेता एकजुट रूप से निंदा करते हैं.पिछले सत्र में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना के संबंध में सदस्यों को निलंबित करने के लिए सरकार द्वारा पेश किया गया प्रस्ताव अभूतपूर्व है और राज्य परिषद की प्रक्रिया और कार्य संचालन के नियमों का उल्लंघन करता है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)