राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार से सुनवाई शुरू हो रही है. दो बजे सुप्रीम कोर्ट में तीन जजों की पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी. पीठ में जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस अब्दुल नजीर होंगे. ये मामला विवादित 2.77 एकड़ जमीन के मालिकाना हक को लेकर है.
साल 2010 में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने फैसला दिया था कि भूमि को तीन बराबर हिस्सों में बांटकर इसे संबंधित पक्षों सुन्नी वक्फ बोर्ड, निरमोही अखाड़ा और राम लला को सौंप दिया जाए.
अब सुप्रीम कोर्ट रामजन्म भूमि मामले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसलों को चुनौती देने वाली याचिकाओं और विवादित भूमि के मालिकाना हक पर फैसला सुनाने के लिए सुनवाई करेगी. ये याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में पिछले 7 सालों से लंबित थीं.
शिया वक्फ बोर्ड ने दाखिल किया हलफनामा
शिया वक्फ बोर्ड ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपने हलफनामे में कहा कि भगवान राम के जन्मस्थल से एक उचित दूरी पर मुस्लिम बहुल इलाके में मस्जिद बनाई जा सकती है. शिया वक्फ बोर्ड ने हलफनामे में कहा, "दोनों धर्मस्थलों के बीच की निकटता से बचा जाना चाहिए, क्योंकि दोनों की तरफ से लाउडस्पीकरों का इस्तेमाल एक-दूसरे के धार्मिक कार्यों में बाधा की वजह बन सकता है और कई बार यही दोनों पक्षों में विवाद का कारण बनता है."
शिया वक्फ बोर्ड ने यह भी कहा है कि इस मामले से सुन्नी वक्फ बोर्ड का कोई संबंध नहीं है, क्योंकि मस्जिद एक शिया संपत्ति थी.
ये भी पढ़ें: राम जन्मभूमि मुद्दे की जल्द और फास्ट ट्रैक सुनवाई हो: स्वामी
[ क्या आप अपनी मातृभाषा से प्यार करते हैं? इस स्वतंत्रता दिवस पर द क्विंट को बताएं कि आप अपनी भाषा से क्यों और किस तरह प्यार करते हैं. आप जीत सकते हैं BOL टी-शर्ट. आपको अपनी भाषा में गाने, लिखने या कविता सुनाने का मौका मिल रहा है. अपने BOL को bol@thequint.com पर भेजें या 9910181818 नंबर पर WhatsApp करें.]
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)